By पं. अमिताभ शर्मा
सुख, संपत्ति, रचनाशीलता और भौतिक/आध्यात्मिक संतुलन के लिए जीवन की गहराई
वृषभ राशि (30°-60°),जिसे पंचांग में सूर्य हर वसंत मई में आलोकित करता है,शुद्ध आत्म-शक्ति को सांसारिक स्थिरता, सौंदर्य और भौतिक सुख की गहनतम यात्रा पर ले जाता है। यह वह बिंदु है जहाँ सूर्य की अंतःप्रेरणा शुक्रीय सुख, धैर्य और परिष्कृत आनंद में रम जाती है। “धरती के राजा” की भाँति, सूर्य यहाँ अपनी तेजस्विता को जड़ों, घर, पारिवारिकता, कृषि, सांस्कृतिक परंपरा और रोज़मर्रा के आनंद की लौ में रूपांतरित करता है।
सौर आत्मा, जब वृषभ में होती है तब वह उत्साही में नहीं बल्कि धरती की गहराई, धीरज और फलदायी कर्मशीलता में आधारित होती है। शुक्र का घर है,यहां सौंदर्य, आराम, संग्रह, लेखन, संगीत और विशेष स्वाद, जीवन में प्रकट रूप में आते हैं। यह “फिक्स्ड” अर्थ तत्व है, बदलाव में धीमी, पर जो एक बार शुरू करे वह दीर्घकालिक, जड़वत और सुरक्षित बनाकर रहती है।
वृषभ का बैल-धरती का अविचल सेनापति,जहाँ मेहनत में स्थिरता, संपत्ति और मूल्यों में पकड़ और प्यार के रंगों में एकरस माधुर्य है। इसका उद्देश्य ‘समय के साथ सृजनशीलता’ है,संयमपूर्वक बिखरा जीवन सुख में परिनत होता है।
चौड़ा, सामानुपातिक माथा, सौम्य दृष्टि, स्थिर मुस्कान; पहनावा शुद्ध, संयमित; घर/संस्कार प्रियता; नकल पसंद नहीं।
कोमल-दमकती त्वचा, पहनावे में आभिजात्यता (फूलों-प्रिंट, आसान कपड़े); बचपन में शालीन-बड़ी होकर सज-धज में कुशल, संयम।
आत्मस्थिरता, भव्यता, सुंदरता; कभी-कभार तुनकमिजाजी या आत्मप्रशंसा; जीवन साथी से संपत्ति लाभ।
धन-संचय, पुख्ता वाणी, पारिवारिक/कला/भूमि से बढ़ोतरी; गहनों, वस्त्रों, भोजन का अनुराग; मौसमजन्य स्वास्थ्य चिंता।
मातृभाषा में दमदार लेखन, संवाद; भाई-बहन संघर्ष (विशेषकर भूमि); जिद्दी, कड़ी मेहनत से सफल।
माँ-घर से जुड़ाव, संपत्ति में लाभ; कृषि या वाहन व्यवसाय, व्यवसाय में माँ का सहयोग; छाती/ऑपरेशन या फेफड़े/ह्रदय में सतर्कता।
कला-साहित्य, संगीत, पौराणिकता में झुकाव; शिक्षा में सफलता, कभी विरक्ति; शुक्र दोष में परेशानियाँ; बच्चे से घनिष्ठता।
ऋण-राशि, अक्सर छोटी बीमारियाँ, लीगल-मामले, फिटनेस; पिता से असहमति; अनावश्यक चिंता।
प्रशासनिक/चिकित्सा में आगे; विवाह के बाद लाभ, साथी से अहं का द्वंद्व; साथी का स्वास्थ्य महत्वपूण।
स्पष्टता, गूढ़ता/कर्मफल, विरासत; तकनीकी-ज्ञान, मनोविज्ञान, ज्योतिष में रुचि; अकेलापन, आँख/प्रतिरोधकता जोड़ समस्याएँ।
संस्कृति, धर्म, यात्रा में रुचि; भाग्योदय विदेश या धार्मिक संस्थानों में; पिता से गहरा रिश्ता पर विरोध भी संभव।
प्रबंधन, राजनीति, व्यवसाय में सफलता; सामाजिक सम्मान/कर्म में ठहराव; सहयोगी महिलाओं से विवाद।
सरकारी/व्यापार से आय; वफादार मित्र, बड़े भाई से भेद; बीपी, हड्डी, त्वचा, पाचन पर ध्यान।
अश्रम, एकांत, व्यय व स्वास्थ्य में विविधता; विदेश में सुख, पाचन/हड्डियों की कमजोरी; कंपनियां बंद या हानि।
वृषभ में सूर्य-धरती का रचनात्मक अन्वेषक, स्थायित्व, सृजन और सहज सौंदर्य उसका कोर है। उसकी सबसे बड़ी विरासत: दुनिया में स्थायी शांति, संपत्ति और सच्चे संबंधों के साथ आत्मसंपन्नता का सृजन करना। इसके लिए जरूरी है-हार्दिकता, विनम्रता, कला, रूपांतरण में उदारता; संग्रहित जीवन को वास्तविक प्रेम और ‘छोटे सुखों’ से भर देना।
1. वृषभ में सूर्य वालों के चरित्र, व्यवहार और मूल प्रेरणा क्या है?
धैर्य, सौंदर्य-प्रियता, स्थायित्व, मूल्यों व परंपराओं से गहरा प्रेम, संपत्ति, भौतिक आनंद, कलात्मकता।
2. पेशागत क्षेत्र में सबसे अधिक सफलता के कौन से मार्ग हैं?
कृषि, शिक्षा, बागवानी, आयुर्वेद, बैंकिंग, संगीत, पशुपालन, कला-व्यापार; सब जगह जहाँ तेजी की बजाय, स्थिरता व गुणवत्ता है।
3. स्वास्थ्य, आदतों व आहार में क्या विशेष ध्यान रखें?
नियमित अभ्यास, सैर, जल, पोषण-संतुलन, ठंडा व हल्का भोजन; अत्यधिक मिठास/भोग से दूरी।
4. संबध, दांपत्य जीवन व मित्रता में क्या करे?
धैर्य, संवाद, सौम्यता, नियंत्रण, अहंकार पर संयम व परंपरागत मूल्यों में बदलाव के प्रति सजगता।
5. ग्रह, रत्न और दिव्यता के कौन-से उपाय लाभकारी हैं?
शुक्र/गुरु की साधना, सूर्योपासना, जल/दूध अर्पण, संगीत/उद्यान, माणिक्य/गोमेद (सशक्त सूर्य में), व्यवहारिकता।
अनुभव: 32
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