By पं. अमिताभ शर्मा
पृथ्वी की चपलता, मस्तिष्क की प्रतिभा और शुद्ध सेवा में आत्म-धर्म
कन्या राशि में सूर्य का श्रेष्ठ, स्थिर और परिष्कृत स्थित होना जीवन-चक्र को अत्यंत व्यवस्थित, बुद्धिसम्पन्न, गुण-ग्राही तथा कर्म-प्रेरित बना देता है। यहाँ आत्मा को मिट्टी के वास्तविक स्पर्श, तकनीक-युक्त विचार, अनवरत सुधार और श्रम-प्रधान सेवा में सर्वोच्च संतुलन मिलता है। सूर्य और बुध का अद्वितीय संगम जीवन को संयम, सुधार और आत्मविश्वास की साधना में उतारता है, जहाँ संसार की हर समस्या को गहराई से देख, छोटे-छोटे सुधारों से अनंत संसार गढ़ा जाता है।
स्वभाववादिता, चरित्र की जटिलता, अनुशासन व जीवन की गहराई इस स्थिति में जातक व्यवहार, बोलचाल, परिधान, दृष्टिकोण और जीवन-रचना में उत्तम शुचिता और नियमशीलता के पुजारी हैं, जिनमें हर काम की मुकम्मल योजना, सूक्ष्म प्रतिपुष्टि और 'सटीकता' का भाव रहता है। वे नेतृत्व में सधी विद्वता, संपर्क-विषयक पवित्रता, आत्मविश्वास और बुद्धिवादी सेवा के साथ आगे बढ़ते हैं। माना जाता है कि इनका आत्म-विकास अक्सर स्वयं के आत्म-संशय, बार-बार आत्म-विश्लेषण और आत्म-राज्य में गहराई से ही शुरू होता है। जीवनसाथी या मित्रों से संबंधों में ये खुला समर्थ, पर उतना ही अपनेपन में गुप्त, सच्चा और सहायता देने वाले बनते हैं।
वित्त प्रबंधन, संपदा-निपुणता, पारिवारिकता तथा आदर्श संपत्ति-शासन इस घर में सूर्य जातक लागत, बचत और संपत्ति की अतिसंवेदनशीलता से पोषित है। योजनाबद्ध विनियोग, वचन-निर्धारण, जमीनी सुरक्षा और परिवार-प्रतिभा की साख इनकी बुनियाद हैं। अथक श्रम, सतर्कता, अत्यावश्यक्ता की परिभाषा और सच्चे रिश्तों के प्रति सेवा का भाव रीतियों में गहरा है, पर साथ ही धन-सुरक्षा, व्यय/आमदनी के संतुलन या भविष्य-चिंता भी इनकी स्थायी परीक्षा रहती है।
अद्भुत संवाद-कला, तर्क, लेखन, यात्रा की लालसा और भाई-बहनों का जीवन यहाँ कन्या सूर्य जातक संवाद, लेखन, बुद्धिमत्ता, ज्ञानार्जन और छोटी-मोटी यात्राओं में आनंद खोजते हैं। भाइयों से जीवन का गहरा रिश्ता, मित्रवत सहारा या प्रतिस्पर्धा का द्वंद्व, बचपन से ही उनके स्व को आकार देता है। विचारों में तार्किकता, स्पष्ट संप्रेषण, मननशीलता और विकास की भूख स्वाभाविक रूप से मौजूद रहती है।
घर-जीवन, माँ, संपत्ति, सामाजिकता, घरेलू व्यवस्था तथा सीमाएँ घर-पारिवारिक कार्यों, संपत्ति-निर्माण, माँ-बांधव से गहरा जुड़ाव; घर के भीतर या संपत्ति में नियम, व्यवस्था और एक पारंपरिक-दायित्व रहता है। कई बार घर/परिवार के फैसलों में अत्यधिक चिंता, सीमाओं का द्वंद्व, परिवार/माँ से भिन्न दृष्टिकोण के कारण संघर्ष भी दिख सकता है।
शिक्षा, निवेश, सृजन, संतान, प्रेम-जीवन की कसौटी पठन-पाठन, विद्या, विदेश-वित्त, निवेश और बच्चों के विकास में अनुशासन का भाव; बच्चों से गूढ़ जुड़ाव, शिक्षा-चरित्र निर्माण में मुख्य भूमिका परंतु कभी-कभी कठोरता या आलोचना संबंधी बाधाएँ आ सकती हैं। प्रेम-जीवन में विवेक, आत्म-नियंत्रण और गहरी साधना।
सेवा, स्वास्थ्य-क्षेत्र, क़ानून, समस्या-निवारण, विरोधियों से बौद्धिक विजय सेवा, स्वास्थ्य, शोध, न्याय, योजना, हर जगह इनका वैज्ञानिक नजरिया विजेता होता है। संकट, ऋण, प्रतियोगिता को योजना और संयम से सुलझाते हैं। संबंध या कार्यक्षेत्र में कभी-कभी कटुता, आलोचना, या स्वास्थ्य-शोक भी चुनौती में शामिल है।
संरचित संबंध, समर्पित सहभागिता, विनम्रता, लेकिन लचीलापन सीखने की ज़रूरत व्यवस्थित, लक्ष्य-केन्द्रित, स्थायित्व-पसंद; साझेदारी/विवाह संबंधों में अनुशासन, निष्ठा, सकारात्मक प्रेरणा; परन्तु अन्य का दृष्टिकोण स्वीकारना, लचीलापन लाना आवश्यक है।
आत्म-विकास, शोध, चिकित्सा, रहस्य, अनुवांशिकता, गहरे संबंध अत्यधिक शोधप्रिय; रहस्यों, अनुसंधान, आत्मसुधार या आत्मरूपांतरण में अत्यधिक रुचि; विरासत, परिवार/संबंधों के गूढ़ पक्ष, मनोवैज्ञानिक परिवर्तन।
शिक्षा, दस्तूर, बाह्य-संपर्क, तत्वमीमांसा, आलोचना का सामंजस्य शिक्षा, दार्शनिकता, विचार-त्याग, दूर-दराज के अध्ययन, यात्रा और न्याय; शिक्षक, धर्म-समूह, दार्शनिक जांच में प्रबंधन, लेकिन दूसरों की आलोचना व कट्टर, अतिरंजित विचारधारा से उसार संबंध बिगड़ सकते हैं।
ईमानदारी, श्रम, वरिष्ठता, नेतृत्व, कार्यक्षमता और परिवर्तनशीलता संपूर्ण कर्म-क्षेत्र में ईमानदारी, अनवरत प्रयास, विशेषज्ञता और बार-बार नयी भूमिका चुनकर कुछ बड़ा, स्थायी और विश्वसनीय उपलब्ध करेंगे।
मित्रता, संकल्प, सलाह, सेवा, संगठन व स्वतंत्रता मित्रों के समूह, संगठन, सहायता-जाल, सेवा-कार्य, नेतृत्व और सलाह, यहाँ हैं असली संतोष व लाभ, पर ‘हां’ कहना सीखें। अपनी भावनाओं, आदर्शों की रक्षा करें।
सेवा, शोध, यात्रा, आत्म-विश्लेषण; सीमा का आदर विदेश, शोध, ध्यान, अकेलापन; सेवा, आत्म-विकास; सीमा, त्याग, अपनी ऊर्जा का संरक्षण।
हस्तकला, विविधता, उपचार-ऊर्जा; वास्तु, कला, सुंदरता, नवाचार, उपलब्धि के विविध मोती।
मौन-प्रेरणा, संयम, सेवा, अध्ययन, शारीरिक-मानसिक ‘रख-रखाव’ और गहन क्रमबद्धता का जो जाल सूर्य कन्या बुना, वहीं जीवन की सबसे सुंदर खेती, कलाकृति और शांति रची जाती है। वे नये युगों, नई पीढ़ियों और जीवन के असंख्य संबंधों में गुणवत्तापूर्ण, विनम्र, सतत विकास का रचनात्मक सिख व्याप्त करते हैं।
1. कन्या में सूर्य की सबसे सजीव, व्यावहारिक व आंतरिक विशिष्टता क्या है?
सूक्ष्मता, श्रम, सेवा, सच्चा अनुशासन, गहन चातुर्य, संवेदनशीलता, आत्म-सुधार, विनम्रता, नियोजित विवेक।
2. पेशा, नौकरी, समाज, कहां हैं श्रेष्ठता?
शिक्षा, संपादन, स्वास्थ्य, विज्ञान, शोध, तकनीक, कृषि, प्रबंधन, हस्तशिल्प, पशुपालन, निर्दोष संगठन।
3. स्वास्थ्य व आदतें, क्या रखते हैं संतुलन?
पाचन-रक्षा, श्रम/विश्रामपन, सकारात्मक दिनचर्या, योग, प्रकृति-संपर्क, मानसिक शांति; रोज़ कुछ रचना, सीखना।
4. संबंध, गृहस्थ जीवन में सफलता का सूत्र?
दायित्व की सेवा, संवाद, आलोचना में संवेदनशीलता, जुड़ाव-गहराई, लचीलापन और आत्म-सम्मान।
5. उपाय, साधना, प्रवृत्ति जिनसे ऊर्जा संतुलित रहती है?
मंत्र, पन्ना, योग, रचनात्मक कार्य, ‘ना’ कहना, उद्यान, कृतज्ञता और आत्मदर्शन।
अनुभव: 32
इनसे पूछें: जीवन, करियर, स्वास्थ्य
इनके क्लाइंट: छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
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