By पं. अभिषेक शर्मा
जानिए अश्विनी नक्षत्र के प्रत्येक पाद के गुण, स्वभाव, करियर, संबंध और जीवन पर उनके गहरे प्रभाव की विस्तृत जानकारी
अश्विनी नक्षत्र के कुल चार पाद (चरण) होते हैं और प्रत्येक पाद का अपना अलग स्वभाव, गुण और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव होता है। वैदिक ज्योतिष में यह विभाजन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि नक्षत्र का कौन-सा पाद किसी व्यक्ति की कुंडली में है, इससे उसकी सोच, व्यवहार, करियर और संबंधों की दिशा तय होती है।
पाद संख्या | डिग्री सीमा | नवांश राशि | स्वामी ग्रह | मुख्य गुण और स्वभाव | करियर/जीवन क्षेत्र |
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1 | 0°00'-3°20' | मेष | मंगल | साहसी, ऊर्जावान, अग्रणी, त्वरित निर्णय, प्रतिस्पर्धी | सेना, खेल, नेतृत्व, जोखिम वाले कार्य |
2 | 3°20'-6°40' | वृषभ | शुक्र | भौतिक सुखों की चाह, कलात्मक, आकर्षक, संपत्ति-प्रेमी | कला, डिजाइन, फैशन, संपत्ति, विलासिता |
3 | 6°40'-10°00' | मिथुन | बुध | संवादकुशल, जिज्ञासु, बुद्धिमान, हास्यप्रिय, नेटवर्किंग | शिक्षा, मीडिया, लेखन, मार्केटिंग, काउंसलिंग |
4 | 10°00'-13°20' | कर्क | चंद्रमा | संवेदनशील, सेवा-भाव, उपचारक, परिवार-प्रेमी, कल्पनाशील | चिकित्सा, परामर्श, समाज सेवा, मनोविज्ञान, आध्यात्मिकता |
हर पाद अश्विनी नक्षत्र की मूल ऊर्जा (गति, आरंभ, उपचार) के साथ अपने-अपने रंग और विशेषताएँ जोड़ता है।
अनुभव: 19
इनसे पूछें: विवाह, संबंध, करियर
इनके क्लाइंट: छ.ग., म.प्र., दि., ओडि, उ.प्र.
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