By पं. अमिताभ शर्मा
भगवान गणेश की कृपा पाने, विघ्नों को दूर करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए इन प्राचीन मंत्रों का जप करें।
भगवान गणेश का संबंध शुभता से है। भगवान गणेश देवों में प्रथम और मुख्य रूप से पूजे जाने वाले देवता हैं।
हमारे प्राचीन शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए कई प्रार्थनाएं, मंत्र और ज्योतिषीय समाधानों का उल्लेख मिलता है। फिर भी गणपति अथर्वशीर्ष को भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली प्रार्थना माना गया। हमारी लाइव वैदिक गणेश पूजा में भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए उपयुक्त इन सभी पहलुओं का प्रमुखता से समावेश किया गया है।
गणपति जी की पूजा-अर्चना के दौरान गणेश जी के मंत्रों का जप भी जरूर करें। इससे आपको बप्पा की खास कृपा मिलती है। 1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
अर्थ: हे घुमावदार सूंड वाले, विशालकाय, करोड़ों सूर्य के समान तेजस्वी देव! कृपया मेरे सभी कार्यों में हमेशा बिना किसी बाधा के सफलता प्रदान करें
2. ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
अर्थ: हे सौभाग्यशाली गणेश, जो हर जन्म में हमें वरदान देते हैं, हम आपकी कृपा से हर बाधा को दूर कर खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं।
3. ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
अर्थ: हम एक दांत वाले (एकदंत) हाथी दांत वाले भगवान को जानते हैं और उनके घुमावदार सूंड (वक्रतुण्ड) का ध्यान करते हैं। वह हमें ज्ञान प्रदान करें।
4. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥
अर्थ: मैं भगवान गणेश को प्रार्थना करता हूं, जो वरदान देने वाले हैं और सर्वजन को वश में करते हैं।
5. ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥
अर्थ: गणेश जी से प्रार्थना करना, जो बुद्धि और सफलता के देवता हैं। यह उनसे सभी बाधाओं को दूर करने और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने की प्रार्थना है
6. ॐ गंग गणपतये नमो नमः
अर्थ: भगवान गणेश को मेरा प्रणाम
7. एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः। प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने।।
अर्थ: जिनके एक दाँत और सुन्दर मुख है, जो शरणागत भक्तजनों के रक्षक तथा प्रणतजनों की पीड़ा का नाश करनेवाले हैं, उन शुद्धस्वरूप आप गणपति को बारम्बार नमस्कार है ।
8. ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
अर्थ: भगवान श्री गणेश जी आपकी कृपा और आशीर्वाद हमें हर जन्म में मिलता रहे। आपके आशीर्वाद से एक स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन व्यतीत करें। हमें सौभाग्य प्रदान कर हमारी हर बाधा को दूर करें प्रभु।
गणेश जी के मंत्रों को सही तरीके से पढ़ने के लिए पहले एक शांत और पवित्र स्थान पर बैठें। मंत्रों को ध्यान से और स्पष्ट रूप से पढ़ें, और उनके अर्थ पर ध्यान दें। मंत्रों का जाप करते समय, आप या तो आसन पर बैठ सकते हैं या आरामदायक स्थिति में बैठ सकते हैं। कुछ मंत्र ऐसे भी हैं जिनको बुधवार को पढ़ने से विशेष लाभ होता है। इस बात का भी ध्यान रखें।
अनुभव: 32
इनसे पूछें: जीवन, करियर, स्वास्थ्य
इनके क्लाइंट: छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
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