By पं. अमिताभ शर्मा
जानिए सावन पूर्णिमा 2025 की तिथि, व्रत विधि, धार्मिक महत्व और रक्षाबंधन के शुभ संयोग का संदेश
सावन का पवित्र महीना शिवभक्तों के लिए भक्ति, उपवास और शुभता से भरा होता है। इस माह का समापन सावन पूर्णिमा के दिन होता है, जो न केवल धार्मिक, बल्कि पारिवारिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। 2025 में यह दिन और भी खास है, क्योंकि इसी दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाएगा।
अवसर | तिथि और समय |
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पूर्णिमा तिथि प्रारंभ | 8 अगस्त 2025, दोपहर 2:12 बजे |
पूर्णिमा तिथि समाप्त | 9 अगस्त 2025, दोपहर 1:24 बजे |
चंद्रमा उदय | 9 अगस्त 2025, शाम 6:45 बजे |
रक्षाबंधन | 9 अगस्त 2025 |
सावन पूर्णिमा केवल धार्मिक तिथि नहीं, बल्कि यह जीवन में संतुलन, प्रेम और शुभता लाने का अवसर है। जब शिवभक्ति और रक्षाबंधन का पर्व एक साथ आते हैं, तो यह दिन परिवार, समाज और आत्मा के लिए दोगुना मंगलकारी बन जाता है।
इस शुभ अवसर पर अपने मन, वचन और कर्म को शुद्ध रखें, परिवार के साथ समय बिताएं, शिव और विष्णु की आराधना करें और चंद्रमा की शीतलता को अपने जीवन में उतारें।
सावन पूर्णिमा का व्रत और पूजा न केवल इच्छाओं की पूर्ति का मार्ग है, बल्कि यह आत्मिक शांति, संतुलन और रिश्तों में मिठास लाने का भी सुंदर माध्यम है।
शिव की कृपा और चंद्रमा की शीतलता आपके जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर दे-यही इस पावन दिन का सच्चा संदेश है।
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