By पं. अभिषेक शर्मा
जानिए बुध अष्टमी जुलाई 2025 की तिथि, व्रत विधि, धार्मिक महत्व और बुध दोष शांति के उपाय
सावन की पावन हवा में जब बुध अष्टमी का शुभ दिन आता है, तो साधक अपने जीवन में शांति, बुद्धि और आध्यात्मिक शुद्धि की कामना के साथ व्रत और पूजा का संकल्प लेते हैं। यह व्रत केवल कर्मकांड नहीं, बल्कि आत्मा की गहराई से जुड़ा एक सुंदर अनुभव है, जो जीवन में नई ऊर्जा और संतुलन का संचार करता है।
अवसर | तिथि और समय |
---|---|
बुध अष्टमी व्रत | 2 जुलाई 2025, बुधवार |
अष्टमी तिथि प्रारंभ | 2 जुलाई 2025, 11:59 पूर्वाह्न |
अष्टमी तिथि समाप्त | 3 जुलाई 2025, 2:07 अपराह्न |
बुध अष्टमी का व्रत केवल एक तिथि नहीं, बल्कि यह जीवन में संतुलन, शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा लाने का अवसर है। जब साधक श्रद्धा और विश्वास से भगवान बुध, शिव और पार्वती की आराधना करता है, तो जीवन में हर बाधा सहजता से दूर होती है। यह व्रत हमें सिखाता है कि कठिनाइयों से लड़ने के लिए बुद्धि के साथ-साथ श्रद्धा और संयम भी जरूरी है। हर वर्ष बुध अष्टमी का पर्व हमें याद दिलाता है कि जीवन में शुद्धता, सेवा और भक्ति का मार्ग ही सच्ची सफलता और शांति का आधार है। इस पावन अवसर पर अपने मन, वचन और कर्म को शुद्ध रखें, ईश्वर की आराधना करें और अपने जीवन में संतुलन, बुद्धि और शुभता का संचार करें। बुध अष्टमी का व्रत आपके जीवन में शुभता, शांति और समृद्धि लाए-यही सच्चा संदेश है।
अनुभव: 19
इनसे पूछें: विवाह, संबंध, करियर
इनके क्लाइंट: छ.ग., म.प्र., दि., ओडि, उ.प्र.
इस लेख को परिवार और मित्रों के साथ साझा करें