By पं. सुव्रत शर्मा
जानें 27 अगस्त को गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस महापर्व का महत्व।
ढोल-नगाड़ों की गूंज, मोदक की मनमोहक सुगंध, और हर गली में 'गणपति बप्पा मोरया' का जयघोष-ये सब उस आनंद और उल्लास के प्रतीक हैं जो गणेश चतुर्थी का पर्व अपने साथ लाता है। यह केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक महोत्सव है जो जीवन में नई शुरुआत, बुद्धि और सौभाग्य का आह्वान करता है। रिद्धि-सिद्धि के दाता, विघ्नहर्ता भगवान गणेश की दस दिवसीय आराधना का यह पर्व महाराष्ट्र और गुजरात समेत पूरे देश में अपार श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। आइए जानते हैं 2025 में इस महापर्व की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व।
मुहूर्त | समय |
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सूर्योदय | सुबह 06:28 बजे |
सूर्यास्त | शाम 06:14 बजे |
चंद्रोदय | सुबह 08:52 बजे |
चंद्रास्त | शाम 08:28 बजे |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 03:58 से 04:43 बजे तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 01:58 से 02:49 बजे तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 06:14 से 06:36 बजे तक |
निशिता मुहूर्त | रात्रि 11:28 से 12:13 बजे तक |
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 2025 में गणेश चतुर्थी पर कई दुर्लभ और मंगलकारी योगों का निर्माण हो रहा है, जो इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा देते हैं:
भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता का स्थान प्राप्त है। वे बुद्धि, विवेक और समृद्धि के दाता हैं और सभी विघ्नों को हरने वाले हैं, इसीलिए उन्हें 'विघ्नहर्ता' कहा जाता है। गणेश चतुर्थी का यह दस दिवसीय महोत्सव भक्तों को आत्म-विश्लेषण करने, अपनी बुराइयों को त्यागने और ज्ञान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। घर में गणपति की स्थापना करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता का संचार होता है, जिससे परिवार में सुख-शांति और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
यह महोत्सव अनंत चतुर्दशी तक चलता है, और उस दिन भगवान गणेश की प्रतिमा का भक्तिभाव से विसर्जन किया जाता है।
विषय | विवरण |
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मुख्य पर्व की तिथि | 27 अगस्त 2025, बुधवार |
चतुर्थी तिथि | 26 अगस्त (दोपहर 01:54) से 27 अगस्त (दोपहर 03:44) तक |
प्रमुख योग | शुभ, शुक्ल, और सर्वार्थ सिद्धि योग |
महत्व | विघ्नों का नाश, बुद्धि, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति |
गणेश चतुर्थी का यह पर्व हमें सिखाता है कि जीवन में किसी भी नए कार्य का आरंभ शुद्ध मन और सच्ची श्रद्धा से करना चाहिए। बप्पा का आगमन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक अवसर है अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरने और आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने का। इस पावन अवसर पर पूरी भक्ति से गणपति की आराधना करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल बनाएं।
अनुभव: 27
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