By पं. अभिषेक शर्मा
जानिए जया पार्वती व्रत 2025 की तिथि, पूजा विधि, धार्मिक महत्व और अविवाहित व विवाहित महिलाओं के लिए लाभ
सावन के पावन माह में जया पार्वती व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत पांच दिनों तक चलता है और महिलाओं के लिए सुखी वैवाहिक जीवन, परिवार की समृद्धि और मनचाहा जीवनसाथी पाने की कामना से रखा जाता है। यह व्रत नारी शक्ति, श्रद्धा और धैर्य का प्रतीक है, जिसमें मां पार्वती की कृपा और शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने का भाव छुपा है।
अवसर | तिथि और समय |
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व्रत प्रारंभ | 8 जुलाई 2025, मंगलवार |
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ | 7 जुलाई 2025, रात 11:10 बजे |
त्रयोदशी तिथि समाप्त | 9 जुलाई 2025, रात 12:38 बजे |
प्रदोष काल मुहूर्त | 8 जुलाई 2025, शाम 7:23 से 9:24 बजे |
जया पार्वती व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह जीवन में प्रेम, आस्था, समर्पण और परिवार के लिए शुभता की कामना का पर्व है। जब महिलाएं मां पार्वती की आराधना करती हैं, तो उनके जीवन में सुख, शांति और संतुलन आता है। यह व्रत हर स्त्री के भीतर छुपी शक्ति, धैर्य और श्रद्धा को जागृत करता है, और परिवार में प्रेम, विश्वास और समृद्धि का संचार करता है। सावन के इस पावन व्रत में मां पार्वती की कृपा से हर घर में सुख, शांति और मंगल का वास हो-यही जया पार्वती व्रत का सच्चा संदेश है।
अनुभव: 19
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