By पं. अमिताभ शर्मा
जानिए सावन 2025 में मंगला गौरी व्रत की तिथि, पूजन विधि, किसे करना चाहिए और इसके आध्यात्मिक लाभ
सावन का पवित्र महीना शिव और पार्वती की आराधना का सर्वोत्तम समय माना जाता है। इसी माह में मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है, जिसे विशेष रूप से विवाहित महिलाएं, खासकर नवविवाहिताएं, अपने वैवाहिक जीवन की सुख-शांति, सौभाग्य और परिवार की समृद्धि के लिए करती हैं। यह व्रत नारी शक्ति, श्रद्धा और गृहस्थ जीवन की मजबूती का प्रतीक है।
क्रमांक | तिथि | दिन |
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1 | 15 जुलाई 2025 | मंगलवार |
2 | 22 जुलाई 2025 | मंगलवार |
3 | 29 जुलाई 2025 | मंगलवार |
4 | 5 अगस्त 2025 | मंगलवार |
क्रमांक | तिथि | दिन |
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1 | 29 जुलाई 2025 | मंगलवार |
2 | 5 अगस्त 2025 | मंगलवार |
3 | 12 अगस्त 2025 | मंगलवार |
4 | 19 अगस्त 2025 | मंगलवार |
मंगला गौरी व्रत केवल उपवास या पूजा नहीं, बल्कि यह नारी शक्ति, प्रेम और समर्पण का उत्सव है। जब महिलाएं पूरे मन से मां गौरी की आराधना करती हैं, तो उनके जीवन में सुख, शांति और संतुलन स्वतः आ जाता है। यह व्रत एक नई शुरुआत, विश्वास और रिश्तों में मिठास लाने का सुंदर अवसर है। सावन के मंगलमय वातावरण में मां गौरी का आशीर्वाद हर परिवार में खुशहाली, प्रेम और सकारात्मकता का संचार करे-यही इस व्रत का सच्चा संदेश है।
अनुभव: 32
इनसे पूछें: जीवन, करियर, स्वास्थ्य
इनके क्लाइंट: छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
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