By पं. संजीव शर्मा
जानिए जून 2025 के पहले प्रदोष व्रत की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि, साथ ही इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्ति का एक अत्यंत शुभ और प्रभावशाली साधन है, जिसे हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत जीवन में सुख, शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि और पापों के नाश के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। विशेष रूप से वैवाहिक जीवन, संतान सुख, ग्रह दोष शांति और मानसिक संतुलन के लिए भी यह व्रत अद्भुत परिणाम देने वाला है। जून 2025 में प्रदोष व्रत की तिथि को लेकर कई लोगों में भ्रम है-आइए जानते हैं सही तिथि, पूजा का मुहूर्त और संपूर्ण विधि।
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 8 जून 2025 को सुबह 7:17 बजे प्रारंभ होगी और 9 जून 2025 को समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, प्रदोष व्रत 8 जून 2025, रविवार को रखा जाएगा। इस दिन रवि प्रदोष का संयोग है, जो सूर्यदेव और शिवजी दोनों की कृपा प्राप्ति के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत संतन प्रतिपाला॥
भाल चंद्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
... (पूरी शिव चालीसा का पाठ करें)
प्रदोष व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि श्रद्धा, संयम और शिव भक्ति का वह पावन अवसर है, जो जीवन के अंधकार को दूर कर शिव कृपा का उजास लाता है। यह व्रत साधक को आत्मबल, मानसिक शांति और पारिवारिक सुख-समृद्धि का अमूल्य वरदान देता है। 8 जून 2025 को श्रद्धा और नियम से प्रदोष व्रत करें-आपके जीवन में भी शिव कृपा और सुख-शांति का संचार अवश्य होगा।
अनुभव: 15
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