By पं. नरेंद्र शर्मा
अक्टूबर 2025 - मेष राशि वालों के लिए आने वाला महीना कैसा रहेगा, इसकी जानकारी प्राप्त करें
अक्टूबर 2025 मेष राशि वालों के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। परिणाम मिश्रित रहेंगे और कई बार अपेक्षा से कमजोर भी लग सकते हैं। 17 अक्टूबर तक सूर्य का गोचर अनुकूल रहेगा, लेकिन इसके बाद सूर्य के सप्तम भाव में नीच स्थिति में जाने से फल घटने लगेंगे। मंगल 27 अक्टूबर तक सप्तम भाव में रहेगा, जो सामान्यतः शुभ नहीं है, हालाँकि स्वगृही होने से कुछ अवसरों पर सहायक रहेगा। इसके बाद मंगल अष्टम भाव में प्रवेश करेगा, जिससे लाभ सीमित होंगे। बुध 3 अक्टूबर तक षष्ठ भाव में रहकर सकारात्मक परिणाम देगा, लेकिन 3 से 24 अक्टूबर तक सप्तम भाव में जाने से लाभ घट जाएंगे। 24 अक्टूबर के बाद अष्टम भाव का बुध धीरे-धीरे सुधार लाएगा। बृहस्पति का तीसरे और बाद में चौथे भाव का गोचर भी अधिक अनुकूल नहीं है। शुक्र 9 अक्टूबर तक पंचम भाव में लाभ देगा, लेकिन बाद में षष्ठ भाव में नीच होने से परिणाम घट जाएंगे। शनि का प्रभाव भी इस माह सहायक नहीं रहेगा। राहु ग्यारहवें भाव में रहकर आपके लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा, जबकि केतु पंचम भाव में बाधाएँ उत्पन्न करेगा।
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मेरी चंद्र राशि जानेंकरियर भाव का स्वामी इस महीने बारहवें भाव में वक्री रहेगा, जिससे कार्यक्षेत्र में कठिनाइयाँ दिखेंगी। जो लोग विदेशी कंपनियों या अंतर्राष्ट्रीय कार्य से जुड़े हैं, उन्हें लाभ हो सकता है। अधिकांश लोगों के लिए करियर में प्रगति धीमी रहेगी। बुध 3 अक्टूबर तक ही सहायक रहेगा; इसके बाद 24 अक्टूबर तक कार्यक्षेत्र में परिवर्तन या तनाव संभव है। इसके बाद स्थिति धीरे-धीरे सुधरेगी। व्यापारियों के लिए यह महीना उतना लाभकारी नहीं है, क्योंकि मंगल और बुध कमजोर स्थिति में रहेंगे। जोखिम लेने से बचें।
आर्थिक दृष्टि से यह महीना मिश्रित रहेगा। लाभ भाव का स्वामी शनि कमजोर स्थिति में रहेगा, जिससे आय प्रभावित हो सकती है। हालांकि राहु के प्रभाव से अचानक लाभ या पुराने प्रयासों से सफलता मिल सकती है। दूसरा भाव का स्वामी 9 अक्टूबर तक ही अनुकूल रहेगा, उसके बाद कमजोर हो जाएगा। बृहस्पति पहले भाग में लाभ भाव को देखेगा लेकिन दूसरे भाग में व्यय भाव को। इस कारण कभी-कभी औसत से भी कम परिणाम मिल सकते हैं। इस महीने बचत पर अधिक ध्यान देना जरूरी होगा।
स्वास्थ्य की दृष्टि से यह महीना बहुत सहयोगी नहीं दिखता। मंगल 27 अक्टूबर तक सप्तम भाव में रहेगा और उसके बाद अष्टम भाव में जाएगा। इससे बड़ी समस्याएँ नहीं होंगी, लेकिन तनाव, चिड़चिड़ापन और छोटी परेशानियाँ संभव हैं। 27 अक्टूबर के बाद अधिक सतर्क रहना होगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। 9 अक्टूबर के बाद नीच शुक्र जननांग या प्रजनन से जुड़ी समस्याएँ बढ़ा सकता है, इसलिए नियमित दवा और परामर्श लें। संतुलित आहार और दिनचर्या का पालन करना आवश्यक है। महीने का पहला भाग सूर्य के प्रभाव से बेहतर रहेगा।
प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव रहेंगे। 17 अक्टूबर तक सूर्य अनुकूल रहेगा, लेकिन उसके बाद नीच होकर संबंधों में अस्थिरता ला सकता है। फिर भी पंचम और सप्तम भाव के मेल से लव मैरिज के निर्णय में सहायक रहेगा। दंपतियों के बीच 27 अक्टूबर तक मंगल तनाव पैदा कर सकता है और 17 अक्टूबर के बाद नीच सूर्य स्थिति और कमजोर कर देगा। शुक्र 9 अक्टूबर तक सहयोगी रहेगा, लेकिन बाद में कमजोर होकर संबंधों में असंतुलन ला सकता है। धैर्य और सावधानी से संबंधों को संभालना आवश्यक होगा।
9 अक्टूबर तक परिवारिक जीवन में शुक्र का सहयोग रहेगा, इसलिए महत्वपूर्ण कार्य इस अवधि में करना उचित होगा। इसके बाद शनि और मंगल का प्रभाव दूसरे भाव पर रहेगा, जिससे वाद-विवाद या मतभेद की संभावना बढ़ेगी। भाई-बहनों से संबंध स्थिर नहीं रहेंगे। घरेलू जीवन अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा। चौथे भाव पर कोई बड़ा अशुभ प्रभाव नहीं होगा। बृहस्पति यहाँ हल्की समस्याएँ ला सकता है लेकिन बड़े विवाद नहीं होंगे। कुल मिलाकर परिवारिक रिश्तों में थोड़ी कमजोरी रहेगी, लेकिन घरेलू जीवन संतोषजनक रहेगा।
नियमित माँ दुर्गा की पूजा करें और श्रृंगार की वस्तुएँ अर्पित करें। प्रतिदिन गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें। इस माह नमक का सेवन कम करें और रविवार को पूरी तरह से परहेज़ करें।
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