By पं. नरेंद्र शर्मा
सितंबर 2025 - वृषभ राशि वालों के लिए आने वाला महीना कैसा रहेगा, इसकी जानकारी प्राप्त करें
वृषभ राशि के जातकों के लिए सितंबर 2025 मिश्रित अनुभवों से भरा रहेगा। महीने की शुरुआत में सूर्य, बुध और केतु चौथे भाव में होंगे, जबकि राहु दशम भाव में रहेगा। बृहस्पति दूसरे भाव में और शनि ग्यारहवें भाव में स्थित रहेंगे, जिससे जीवन में कई उतार-चढ़ाव आएंगे। शुक्र महीने के पहले भाग में तीसरे भाव में और बाद में चौथे भाव में प्रवेश करेगा। मंगल 13 तारीख को छठे भाव में जाएगा। वित्तीय दृष्टिकोण से समय अनुकूल रहेगा, परंतु स्वास्थ्य और पारिवारिक मामलों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यक्षेत्र में सतर्कता रखनी होगी। व्यक्तिगत और वैवाहिक संबंधों में उतार-चढ़ाव रह सकते हैं। छात्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, हालांकि तकनीकी क्षेत्र के विद्यार्थी लाभ में रहेंगे।
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अपनी चंद्र राशि जानेंइस महीने कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव बने रहेंगे। दशम भाव के स्वामी शनि ग्यारहवें भाव में रहकर वरिष्ठों से सहयोग दिलाएंगे। वहीं राहु दशम भाव में स्थित होकर भ्रम और अनैतिक तरीकों से बचने की चेतावनी देगा। सूर्य और बुध की चौथे भाव से दशम भाव पर दृष्टि कार्यस्थल पर तनाव और परिवर्तन का कारण बन सकती है। बृहस्पति की दृष्टि दशम भाव पर सकारात्मक परिणाम देगी और वरिष्ठों से सहयोग प्राप्त होगा। महीने के दूसरे भाग में सूर्य और बुध पंचम भाव में जाएंगे और शुक्र चौथे भाव से दशम भाव को देखेगा, जिससे कार्य में सकारात्मक बदलाव आएंगे। व्यापारियों के लिए माह की शुरुआत शुभ है, लेकिन 13 तारीख के बाद मंगल के छठे भाव में जाने से व्यापारिक खर्च बढ़ सकते हैं। विदेश से लाभ के योग भी बन रहे हैं।
वित्तीय स्थिति इस महीने मजबूत रह सकती है। बृहस्पति दूसरे भाव में और शनि ग्यारहवें भाव में रहकर स्थिर आय और बचत का संकेत दे रहे हैं। सरकार से जुड़े प्रोजेक्ट्स में निवेश के अवसर मिल सकते हैं। मंगल की ग्यारहवें भाव पर दृष्टि से खर्चों में कमी हो सकती है। 13 तारीख के बाद मंगल छठे भाव में जाकर बारहवें भाव को देखेगा, जिससे खर्च बढ़ सकते हैं। हालांकि 15 और 17 तारीख को बुध और सूर्य लाभकारी भावों में जाने से आय में बढ़ोत्तरी संभव है। शेयर बाजार या अन्य निवेश से लाभ मिल सकता है। शुक्र के चौथे भाव में आने से पारिवारिक प्रसन्नता बढ़ेगी और घरेलू खर्चों में भी वृद्धि होगी।
स्वास्थ्य की दृष्टि से यह महीना सामान्य रहेगा। सूर्य, बुध और केतु की स्थिति के कारण श्वसन तंत्र, छाती और पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। मंगल और शनि की पंचम भाव पर दृष्टि मानसिक और शारीरिक तनाव दे सकती है। शुक्र के चौथे भाव में आने से कुछ रोग जैसे जुकाम, बुखार या सीने में संक्रमण की संभावना है। यदि पहले से कोई गांठ या पुरानी समस्या है तो इस माह विशेष ध्यान दें। महीने के उत्तरार्ध में जब सूर्य और बुध पंचम भाव में प्रवेश करेंगे और मंगल छठे भाव में होगा, तब स्वास्थ्य में सुधार के संकेत मिलेंगे। योग और ध्यान को दिनचर्या में शामिल करना लाभकारी रहेगा।
माह की शुरुआत में प्रेम संबंधों में तनाव और गलतफहमियों की संभावना है। पंचम भाव में मंगल और शनि की दृष्टि, तथा राहु-केतु का प्रभाव संबंधों में खटास ला सकता है। 13 तारीख के बाद मंगल के छठे भाव में जाने और सूर्य-बुध के स्थान परिवर्तन से संबंधों में सुधार आएगा। पार्टनर के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार और परामर्श से रिश्ते मजबूत होंगे। विवाहिता जीवन में आरंभिक दिनों में कुछ विवाद हो सकते हैं, लेकिन समझदारी से स्थितियां संभाली जा सकती हैं। दूसरे भाग में जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें।
महीने की शुरुआत में पारिवारिक जीवन में तनाव रह सकता है। चौथे भाव में सूर्य, बुध और केतु की उपस्थिति तथा राहु की दशम भाव में स्थिति मतभेद और तकरार उत्पन्न कर सकती है। हालांकि बृहस्पति की दूसरे भाव में उपस्थिति से परिवार के बुजुर्गों की मदद से स्थिति सुधरेगी। 15 और 17 तारीख को बुध व सूर्य के पंचम भाव में जाने से पारिवारिक माहौल बेहतर होगा। शुक्र के चौथे भाव में आने से परिवार में खुशी और किसी मांगलिक आयोजन के योग बनेंगे। भाई-बहनों से सहयोग मिलेगा, खासकर महीने के पहले भाग में जब शुक्र तीसरे भाव में रहेगा।
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