By पं. सुव्रत शर्मा
बृहस्पति के फल, उपाय, धार्मिक महत्व, स्वास्थ्य, पेशा और गुरु मंत्र
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को ना केवल देव गुरु माना गया है, बल्कि इसे ज्ञान, धर्म, नीति और शुभ भाग्य का सार्वभौमिक स्त्रोत समझा गया है। यह ग्रह जीवन में सूरज जैसी सकारात्मक ऊर्जा, शिक्षक जैसा मार्गदर्शन, और बड़ों जैसा संरक्षण लेकर आता है। धनु एवं मीन राशि का स्वामी, बृहस्पति कर्क में उच्च और मकर में नीच का होता है, और पीपल, पीला रंग, सोना, हल्दी, चना, केसर, गुरु, पिता, पुरोहित, विद्या, पूजा-पाठ व यज्ञ इसके प्रमुख प्रतीक माने जाते हैं।
ग्रह | संबंध | प्रभाव |
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चंद्रमा | मित्र | शक्ति में वृद्धि |
मंगल | मित्र | शक्ति दोगुनी |
सूर्य | मित्र | मान-सम्मान, प्रतिष्ठा |
शुक्र | शत्रु | उच्चता प्रभावित |
बुध | शत्रु | विद्या में बाधा, भ्रम |
राहु | शत्रु | दिशा भ्रम, नकारात्मकता |
शनि | सम-भाव | संतुलित परिणाम |
अच्छे मित्र ग्रह मिलकर बृहस्पति को प्रकाशमान बनाते हैं, वहीं शत्रु ग्रहों की संगति इसके प्रभावों को कमज़ोर कर देती है।
बृहस्पति मान-सम्मान, ज्ञान, परिवार की समृद्धि और उत्कृष्ट विचार का कारक है। यदि किसी व्यक्ति की जीवनशैली में पिता, बाबा, गुरु, ब्राह्मण या बुजुर्गों का अनादर या सेवा में कमी होती है, तो बृहस्पति की कुंडली में स्थिति मजबूत होने पर भी उसके फल क्षीण हो सकते हैं।
शुभ बृहस्पति के संकेत:
अशुभ बृहस्पति के संकेत:
लाल किताब के अनुसार अगर बृहस्पति पीड़ित हो तो सिर की मध्य रेखा के आस-पास बाल झड़ने लगते हैं, शिक्षा में व्यवधान, नेत्र विकार, और सामाजिक बदनामी झेलनी पड़ सकती है।
महत्वपूर्ण उपाय:
मंत्र | Transliteration | Meaning |
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ॐ बृं बृहस्पतये नमः | Om brim brihaspataye namah | I bow to Brihaspati, giver of wisdom |
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः | Om gram grim groum sah gurave namah | Reverent invocation to Guru (Jupiter) |
वैदिक गुरु मंत्र | Om vrishabham charisham... (पूरा मंत्र) | The Guru who supports all is the root of completeness |
पेशा | व्याख्या |
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न्याय, शिक्षा, विधि | न्यायाधीश, वकील, शिक्षक, बैंक अधिकारी |
धर्म, योग, दर्शन | ज्योतिषाचार्य, धर्माचार्य, पुस्तक व्यवसाय |
वित्त, निवेश | शेयर मार्केट, फाइनेंस, अर्थ मंत्रालय |
साहित्य, लेखन | किताबों का व्यापार, प्रकाशन, शिक्षा संस्थान |
बृहस्पति की स्थिति जब शुभ न हो, तब कफ, चर्बी, डायबिटीज, पेट के रोग, याददाश्त की कमजोरी, फेफड़े या कान की समस्या, हर्निया, सूजन, कमजोरी जैसी परेशानियां देखी जाती हैं।
स्वास्थ्य में सुधार हेतु:
संघर्ष, शिक्षा, न्याय और आत्मज्ञान का जो मार्ग दिखाता है, वही तत्व बृहस्पति में समाहित है। कुंडली में मजबूत बृहस्पति व्यक्ति को पवित्र विचार, संतुलन, ज्ञान, संतान सुख, सकारात्मकता और जीवन की जटिलताओं में सही राह देता है। संतान, मान और धर्म-अधर्म की समझ में गुरु का प्रकाश जीवन को हर दशक में संवारता है।
गुरुवार के साधारण उपाय और सेवा से, बृहस्पति आपको भाग्य, शांति, बुद्धिमत्ता और स्थायित्व की उस ऊंचाई पर ले जा सकता है, जहां से जीवन स्वयं उत्सव और कृतज्ञता में बदल जाता है।
अनुभव: 27
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