By पं. अमिताभ शर्मा
जानें जन्मकुंडली के 12 भावों में बुध ग्रह के बदलते प्रभाव, बुद्धि, तर्कशक्ति, संवाद, शिक्षा, और व्यापार के क्षेत्र में शुभ-अशुभ परिणाम
बुध को वैदिक ज्योतिष में बुद्धिमत्ता, संवाद, गणना और तर्कशक्ति का प्रतिनिधि ग्रह माना गया है। यह ग्रह तटस्थ प्रकृति का होता है और जिस ग्रह के साथ युति करता है, उसी के गुण ग्रहण करता है। बुध लेखन, गणित, वाणी, विश्लेषण क्षमता, वाणिज्य, और मानसिक चपलता का कारक है। यह युवाओं, छात्रों, छोटे भाई-बहनों और संचार, वित्त व मीडिया से जुड़ी विशेषज्ञता का सूचक है।
जन्मकुंडली में बुध की स्थिति यह दर्शाती है कि व्यक्ति कैसे सोचता है, संवाद करता है, और सामाजिक व पेशेवर स्तर पर कैसे निर्णय लेता है।
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यह भाव शरीर, स्वभाव और सार्वजनिक छवि से जुड़ा होता है। यहाँ बुध जातक को तेज, तार्किक और बातूनी बनाता है। ऐसे व्यक्ति शीघ्र सीखते हैं, बातों में चतुर और विचारशील होते हैं। यदि बुध पीड़ित हो, तो चालाकी, मिथ्याभाषण या बुद्धि का दुरुपयोग देखा जा सकता है।
यह भाव वाणी, धन और पारिवारिक मूल्य से जुड़ा होता है। बुध यहाँ व्यक्ति को कुशल वित्तीय योजनाकार बनाता है। इनकी वाणी में आकर्षण होता है और वे अपनी बातों से दूसरों को प्रभावित कर सकते हैं। यदि बुध अशुभ हो, तो आर्थिक लालच या वाणी में कपट संभव है।
यह बुध का स्वाभाविक भाव है। यहाँ जातक संवाद में कुशल, लेखन में प्रतिभाशाली और मानसिक रूप से चपल होते हैं। पत्रकारिता, प्रकाशन, बिक्री, शिक्षण और यात्रा संबंधित कार्यों में सफलता मिलती है। यदि बुध अशुभ हो, तो वाणी का दुरुपयोग या भ्रामक जानकारी फैलाने की प्रवृत्ति हो सकती है।
यह भाव माता, भावनात्मक आधार और घर से जुड़ा होता है। बुध यहाँ व्यक्ति को संस्कृति, इतिहास और शिक्षा के प्रति जिज्ञासु बनाता है। घर में बौद्धिक चर्चा का वातावरण होता है। यदि बुध पीड़ित हो, तो मानसिक बेचैनी या पारिवारिक संवाद में असमंजस संभव है।
यह भाव शिक्षा, प्रेम, संतान और रचनात्मकता से संबंधित होता है। बुध यहाँ अभिव्यक्ति, हास्यबुद्धि और भाषणकला को निखारता है। ये जातक कला, भाषण, शिक्षण या राजनीति में उन्नति करते हैं। यदि बुध उच्च हो, तो परीक्षाओं में सफलता और बुद्धिपरक प्रसिद्धि मिलती है।
यह भाव रोग, ऋण, शत्रु और सेवा से संबंधित होता है। बुध यहाँ व्यक्ति को प्रशासन, चिकित्सा, न्याय या सामाजिक सेवा में दक्ष बनाता है। जातक विश्लेषण में पारंगत होते हैं, किंतु अत्यधिक सोचने की प्रवृत्ति से तनाव हो सकता है। बुध यहाँ सेवा की भावना और सामाजिक उत्तरदायित्व जागृत करता है।
यह भाव विवाह और साझेदारी से जुड़ा होता है। बुध यहाँ रिश्तों में संवाद, बुद्धि और संतुलन लाता है। जीवनसाथी बुद्धिमान या संचार क्षेत्र से जुड़ा हो सकता है। यदि बुध पीड़ित हो, तो बहस, भ्रम या कानूनी विवाद संभव हैं।
यह भाव रहस्य, उत्तराधिकार और गूढ़ विषयों से जुड़ा होता है। बुध यहाँ गहन सोच, अनुसंधान और मनोविज्ञान की ओर आकर्षण देता है। जातक साझा वित्तीय प्रबंधन में कुशल होते हैं। यदि बुध अशुभ हो, तो छिपी हुई चालाकी या वाणी से नियंत्रण संभव है।
यह भाव धर्म, दर्शन, उच्च शिक्षा और विदेश यात्रा से संबंधित है। बुध यहाँ व्यक्ति को बहुभाषी, तर्कशील और अध्येता बनाता है। जातक विदेश यात्रा, शिक्षण या कूटनीति में सफल होते हैं। यदि बुध उच्च हो, तो जीवन में दूरदर्शिता और नैतिक विचारधारा का विकास होता है।
यह भाव कार्य, प्रतिष्ठा और कर्मभूमि से जुड़ा होता है। बुध यहाँ व्यक्ति को रणनीतिक, बहुआयामी और संवाद में दक्ष बनाता है। राजनीति, लेखन, मीडिया और परामर्श जैसे क्षेत्रों में नेतृत्व मिलता है। सार्वजनिक ख्याति और बौद्धिक सफलता के लिए यह स्थिति अत्यंत शुभ मानी जाती है।
यह भाव आय, मित्रता और सामाजिक नेटवर्क से जुड़ा होता है। बुध यहाँ जातक को समूहों में लोकप्रिय और विचारों से लाभ उठाने वाला बनाता है। ये लोग IT, विज्ञान, व्यापार और संचार में आगे बढ़ते हैं। यदि बुध अशुभ हो, तो ज्ञान का स्वार्थी उपयोग या नेटवर्क में कपट हो सकता है।
यह भाव एकांत, अध्यात्म, हानि और अंतर्चेतना से जुड़ा होता है। बुध यहाँ व्यक्ति को अंतर्मुखी, कलात्मक और आत्मिक रूप से जिज्ञासु बनाता है। ये जातक लेखन, ध्यान या विदेश से जुड़े कार्यों में रुचि रखते हैं। यदि बुध शुभ हो, तो अद्वितीय अंतर्ज्ञान मिलता है; अशुभ हो तो भ्रम या संवादहीनता उत्पन्न हो सकती है।
बुध की स्थिति व्यक्ति की सोचने की प्रक्रिया, संवाद की शैली और निर्णय की स्पष्टता को आकार देती है। यह ग्रह करियर, विचारशक्ति, आर्थिक प्रबंधन और सामाजिक व्यवहार की दिशा तय करता है। यद्यपि इसके प्रभाव की सटीक व्याख्या तभी संभव है जब इसे अन्य ग्रहों की युति, दृष्टि और भाव स्वामित्व के साथ समग्रता में देखा जाए।
अनुभव: 32
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इनके क्लाइंट: छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
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