By पं. अमिताभ शर्मा
जानें जन्मकुंडली के 12 भावों में सूर्य ग्रह के बदलते प्रभाव, शुभ-अशुभ परिणाम और जीवन में इसका महत्व
वैदिक दृष्टिकोण में सूर्य केवल अग्निमय गोला नहीं, अपितु चेतना, आत्मबल और जीवन ऊर्जा का परम स्रोत है। इसे समस्त ग्रहों का राजा माना गया है, जो आत्मा, अहं, प्रतिष्ठा और आत्म-सम्मान का प्रतिनिधित्व करता है। जन्मकुंडली में सूर्य की स्थिति यह दर्शाती है कि व्यक्ति जीवन में अपनी पहचान कैसे बनाता है, किस प्रकार नेतृत्व करता है, और किस क्षेत्र में वह अपनी आभा से दूसरों को प्रभावित करता है।
सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति का आत्मविश्वास, रोग प्रतिरोधक शक्ति, प्रभावशाली उपस्थिति और अधिकारबोध विकसित होता है। यह पिता, शासन-सत्ता और आत्म-स्वीकृति से जुड़े संबंधों को भी दर्शाता है।
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यह भाव आत्म-प्रकाश, व्यक्तित्व और शरीर से जुड़ा होता है। सूर्य यहाँ व्यक्ति को जीवन्त, आत्मविश्वासी और प्रभावशाली बनाता है। ये जातक सामान्यतः अच्छे स्वास्थ्य वाले और समाज में सम्मानित होते हैं। परंतु साथ ही इनमें कभी-कभी क्रोध, अहंकार या आलस्य की प्रवृत्ति भी देखी जा सकती है।
यह भाव धन, वाणी और पारिवारिक मूल्य से जुड़ा होता है। सूर्य यहाँ व्यक्ति को आत्मसम्मान और भौतिक वैभव की ओर आकर्षित करता है। इनकी वाणी प्रभावशाली और स्पष्ट होती है—ये सत्य कहने में संकोच नहीं करते। विलासिता और मूल्यवान वस्तुओं में इनकी विशेष रुचि होती है।
यह भाव संवाद, साहस और छोटे भाई-बहनों से जुड़ा होता है। सूर्य यहाँ तीव्र बुद्धि, परंपरागत विचारों और यात्रा की रुचि प्रदान करता है। ये जातक साहसी, ज्ञानप्रिय और नेतृत्व क्षमता से भरपूर होते हैं। इनका ज्ञान बाँटने का स्वभाव इन्हें सम्मानीय बनाता है।
यह भाव माता, घर और भावनात्मक आधार से जुड़ा होता है। सूर्य यहाँ व्यक्ति को अंतर्मुखी, घरेलू और जड़ों से जुड़ा बनाता है। इनकी आत्म-छवि घर और परिवार से निर्मित होती है। सफलता प्रायः जीवन के उत्तरार्ध में प्राप्त होती है।
यह भाव शिक्षा, संतान, रचनात्मकता और आत्म-अभिव्यक्ति से संबंधित होता है। सूर्य यहाँ व्यक्ति को बौद्धिक, कलाप्रिय और आत्म-गौरव से भरा बनाता है। ये जातक शिक्षा, दर्शन और आत्म-प्रकाश में अग्रणी होते हैं और पिता से विशेष जुड़ाव रखते हैं।
यह भाव रोग, शत्रु, और सेवा से जुड़ा होता है। सूर्य यहाँ व्यक्ति को चुनौतीपूर्ण स्थितियों से उभरने की शक्ति देता है। कानून, चिकित्सा या प्रशासन जैसे क्षेत्रों में ये जातक आगे बढ़ते हैं। यदि सूर्य दुर्बल हो, तो हड्डियों से संबंधित समस्याएँ या शारीरिक कमजोरी हो सकती है।
यह भाव विवाह और साझेदारी का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य यहाँ थोड़ी कमजोरी में होता है, जिससे व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में संघर्ष या आत्मसम्मान से जुड़ी चुनौतियाँ मिल सकती हैं। परंतु यदि सूर्य बलवान हो, तो यह व्यक्ति को प्रभावशाली साझेदार और नेतृत्वकर्ता बनाता है।
यह भाव परिवर्तन, गूढ़ ज्ञान और दीर्घायु से संबंधित होता है। सूर्य यहाँ व्यक्ति को रहस्यपूर्ण ज्ञान, आत्मिक शक्ति और गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह स्थिति व्यक्ति को ध्यान, गूढ़ अध्ययन और आत्म-साक्षात्कार की ओर प्रेरित करती है।
यह भाव धर्म, दर्शन, दीर्घ यात्रा और उच्च शिक्षा से जुड़ा होता है। सूर्य यहाँ व्यक्ति को धार्मिकता, नैतिकता और पितृसंबंधी मार्गदर्शन में उन्नति देता है। जीवन में पिता या गुरु के साथ विवाद संभव है, परंतु अंततः व्यक्ति आत्मिक स्पष्टता और उद्देश्य की प्राप्ति करता है।
यह भाव करियर, सार्वजनिक जीवन और यश से संबंधित होता है। यहाँ सूर्य पूर्ण तेज में होता है, राजनेताओं, प्रशासकों, सेना प्रमुखों और सामाजिक नेताओं की यह स्थिति होती है। ये जातक अपनी पहचान के लिए संघर्ष करते हैं और प्रायः उच्च पदों तक पहुँचते हैं।
यह भाव आर्थिक लाभ, आकांक्षा और सामाजिक संपर्क से जुड़ा होता है। सूर्य यहाँ नेतृत्व के गुण प्रदान करता है, विशेषतः समूहों और संस्थानों में। आर्थिक समृद्धि संभव होती है, परंतु पिता से संबंध में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं।
यह भाव एकांत, आत्मविश्लेषण, आध्यात्मिकता और विदेशी संपर्कों से जुड़ा होता है। सूर्य यहाँ व्यक्ति को आत्मिक मार्ग की ओर मोड़ता है। ध्यान, साधना और आत्मिक अनुशासन इन्हें भीतर से जागृत करता है। कभी-कभी यह स्थिति एकाकीपन या व्यय की ओर भी संकेत कर सकती है।
जन्मकुंडली में सूर्य की स्थिति यह संकेत देती है कि व्यक्ति जीवन में किस क्षेत्र में अपनी पहचान स्थापित करेगा, और कैसे उसका आत्मबल समाज को प्रकाशित करेगा। यह ग्रह जहाँ स्थित होता है, वहाँ जीवन के उद्देश्य, नेतृत्व और आत्म-सम्मान की राह खुलती है।
सूर्य का प्रभाव तब और स्पष्ट होता है जब इसे कुंडली के अन्य ग्रहों, दृष्टियों और भाव स्वामी की स्थिति के साथ समग्र रूप से देखा जाए।
अनुभव: 32
इनसे पूछें: जीवन, करियर, स्वास्थ्य
इनके क्लाइंट: छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
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