By पं. अमिताभ शर्मा
गणेश चतुर्थी 2025 पर जानें बप्पा के प्रिय भोग और उनका महत्व
गणेश चतुर्थी 2025 पूरे भारतवर्ष में अत्यंत उल्लास के साथ मनाई जाएगी। इस दिन को विघ्नहर्ता गणपति के जन्मोत्सव के रूप में पूजा जाता है। दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व में भक्त अपने घरों और पंडालों में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हैं, उन्हें सजाते हैं, उनकी आरती करते हैं और उन्हें उनके प्रिय भोग अर्पित करते हैं। मान्यता है कि गणपति बप्पा को उनके प्रिय भोग चढ़ाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
मोदक को गणपति बप्पा का सबसे प्रिय भोग माना गया है। यह चावल के आटे या मैदे से बने पकवान होते हैं जिनमें नारियल, गुड़ और मेवों की भराई की जाती है। गणेश चतुर्थी पर घर में हाथ से बने मोदक अर्पित करने से पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मोदक अर्पण करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और परिवार में शांति बनी रहती है।
छोटे-छोटे सुनहरे मोतीचूर लड्डू, गुलाबजल और घी से सजाकर गणेश जी को चढ़ाए जाते हैं। मोदक के साथ इन्हें अर्पित करने से बप्पा प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि यह भोग घर में खुशियों की स्थायी स्थापना करता है।
महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के दौरान पुरणपोली का विशेष महत्व है। यह गी में सेंकी हुई रोटी होती है जिसमें नारियल और गुड़ की भराई होती है। गणपति को पुरणपोली अर्पित करने से घर में सुख और वैभव का वास होता है। इस भोग को विशेष रूप से पारंपरिक रूप से गणेश उत्सव मनाने वाले परिवारों में बनाया जाता है।
गणपति जी को दूध से बनी मिठाइयाँ बहुत प्रिय हैं। चावल या साबूदाने से बनी खीर, जिसमें घी, केसर और मेवे डाले जाते हैं, विशेष रूप से अर्पित की जाती है। मान्यता है कि खीर का भोग परिवार में आपसी प्रेम और सौहार्द बनाए रखता है।
कुछ लोग गणेश चतुर्थी पर हलवा, फल, लड्डू और नयी व्यंजन भी अर्पित करते हैं। इन भोगों का महत्व केवल स्वाद तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह पूरे परिवार में आनंद और उत्साह का वातावरण भी रचते हैं। हर सदस्य की श्रद्धा और भक्ति इन भोगों को और भी विशेष बना देती है।
भोग | मुख्य सामग्री | धार्मिक महत्व |
---|---|---|
मोदक | चावल का आटा, गुड़, नारियल | धन और शांति की प्राप्ति |
मोतीचूर लड्डू | बेसन, घी, चीनी | इच्छाओं की पूर्ति, खुशियाँ |
पुरणपोली | आटा, नारियल, गुड़ | घर में सुख-समृद्धि |
खीर | चावल/साबूदाना, दूध, मेवे | परिवार में सौहार्द |
अन्य व्यंजन | फल, हलवा, लड्डू | आनंद और उत्साह का प्रतीक |
Q1. गणपति बप्पा का सबसे प्रिय भोग कौन सा है?
मोदक को गणपति बप्पा का सबसे प्रिय भोग माना जाता है।
Q2. क्या केवल मोदक अर्पित करना ही पर्याप्त है?
नहीं, भक्त अपनी श्रद्धा अनुसार मोदक के साथ लड्डू, खीर और अन्य व्यंजन भी अर्पित कर सकते हैं।
Q3. क्या घर पर बने मोदक का महत्व अधिक है?
हाँ, हाथ से बने मोदक अर्पित करने से पूजा का फल और भी अधिक मिलता है।
Q4. पुरणपोली किस राज्य में विशेष रूप से अर्पित की जाती है?
महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के दौरान पुरणपोली का विशेष महत्व है।
Q5. खीर का भोग किसका प्रतीक है?
खीर का भोग परिवार में एकता, प्रेम और शांति का प्रतीक है।
अनुभव: 32
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इनके क्लाइंट: छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
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