By अपर्णा पाटनी
सूर्य के कन्या में गोचर से जीवन के नए द्वार खुलेंगे, जानें सभी राशियों पर इसका असर और उपाय
सितंबर माह की रात नई दिशाओं का संचार लेकर आएगी, जब सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। 17 सितम्बर 2025, बुधवार को रात 01:54 बजे सूर्य का यह गोचर शुभता के साथ बहुत-सी राशि वालों के लिए जीवन के नए द्वार खोल सकता है। सूर्य जो आत्मा, नेतृत्व और समाज में प्रतिष्ठा का प्रतीक है, जब व्यावहारिक और विश्लेषणात्मक कन्या राशि में आता है, तब जीवन के कई क्षेत्रों में अहम बदलाव देखे जा सकते हैं।
हर वर्ष सूर्य 360 डिग्री की राशि परिक्रमा एक वर्ष में पूर्ण करता है और प्रत्येक राशि में करीब एक महीना व्यतीत करता है। सूर्य अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है, यह पूर्व दिशा का अधिपति है और आत्मा, पिता, नेतृत्व व सम्मान का कारक है। कुंडली के अनुसार सूर्य चंद्रमा से तीसरे, छठे, दशम और एकादश भाव में श्रेष्ठ फल देता है, जबकि अन्य भावों में उसका प्रभाव कमज़ोर या चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
छठे भाव में सूर्य का गोचर मेष जातकों के लिए समय को सतर्क रहने का संकेत देता है। इस अवधि में छिपे शत्रु सतह पर आ सकते हैं, इसलिए सोच-समझकर ही किसी पर भरोसा बनाएं। गपशप और गैरज़रूरी चर्चाओं से बचना बेहतर रहेगा।
पांचवे भाव में सूर्य का गोचर वृषभ राशिवालों के लिए रोमांटिक और रचनात्मक ऊर्जा बढ़ा सकता है। यह समय रोमांटिक सैर, डेट्स और घर बसाने का उत्तम है। घर परिवार में खुशियां आएंगी और बच्चों के साथ समय बिताने से ताजगी महसूस होगी। सलाह: शेयर मार्केट में निवेश के अच्छे योग हैं।
चतुर्थ भाव में सूर्य का गोचर मिथुन जातकों को घर की साज-सज्जा और वाहन उन्नयन की प्रेरणा देगा। घर के नवीनीकरण, नए डिज़ाइनों पर खर्च, और सपनों का आशियाना बनाने की सोच प्रबल होगी। गाड़ी खरीदने से पहले ज्योतिषीय सलाह लेना अच्छा रहेगा।
तीसरे भाव में सूर्य का गोचर कर्क राशिवालों का भाई-बहनों के साथ संबंध सुदृढ़ करेगा। पारिवारिक समारोह और बौद्धिक चर्चाओं में हिस्सेदारी बढ़ सकती है। अंतर्दृष्टि और सोचने की शक्ति तेज़ रहेगी, जिससे निर्णय क्षमता निखरेगी।
दूसरे भाव में सूर्य का गोचर सिंह राशि वालों के लिए शब्दों की शक्ति का एहसास कराएगा। बोली संभालकर बोलना फायदेमंद रहेगा क्योंकि इस समय कही गई बात जीवनभर का प्रभाव डाल सकती है। परिवार की भलाई और सामूहिक हित की भावना प्रबल रहेगी।
प्रथम भाव में सूर्य का गोचर कन्या जातकों में आत्म-केन्द्रण और आत्म-परिवर्तन की इच्छा बढ़ाएगा। फिटनेस, हेल्थी डाइट, और आत्म-संवर्धन पर जोर रहेगा। यह समय खुद को नया आकार देने, जरूरी स्किल्स सुधारने और आत्मविश्वास बढ़ाने का उत्तम है।
बारहवें भाव में सूर्य का गोचर तुला राशि वाले लोगों की विदेश यात्रा या विदेशी निवेश की संभावनाओं को ऊर्जावान करेगा। अध्ययन, नौकरी या नए क्लाइंट पाने के लिए यह समय श्रेष्ठ हो सकता है।
ग्यारहवें भाव में सूर्य वृश्चिक जातकों को सामाजिक कार्यों, NGO से जुड़ाव, और समाज-सेवा की ओर प्रेरित कर सकता है। इस समय CSR क्लब या सामुदायिक कार्यक्रमों में भाग बड़ा सौभाग्यदायक सिद्ध हो सकता है। किस्मत आपका साथ देगी और प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
दशम भाव में सूर्य का गोचर धनु जातकों को कार्यस्थल पर पदोन्नति, वेतन वृद्धि आदि के शुभ संकेत देता है। नई डिग्री, प्रमाणपत्र की तैयारी, या स्किल्स सुधारने की दिशा में यह समय लाभकारी होगा।
नवम भाव में सूर्य का गोचर मकर राशि के लिए यात्रा, उच्च ज्ञान और दर्शन का संयोग लेकर आता है। बकेट लिस्ट वाली जगहों की यात्रा, फिलॉसफी में रुचि, और कर्म गणना पर जोर रहेगा।
अष्टम भाव में सूर्य का गोचर कुंभ राशि में छिपी शक्तियों के उद्घाटन का समय है। आध्यात्मिक साधना, ध्यान, और पहचान की भावना मजबूत होगी।
सप्तम भाव में सूर्य का गोचर मीन राशि वालों की पार्टनरशिप को उजागर करेगा। चाहे वह बिजनेस हो या निजी जीवन। संबंधों में प्रेम, सहयोग और सामंजस्य प्रबल रहेगा।
यह सूर्य गोचर न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि हर राशि वाले के लिए जीवन में नई ऊर्जा, दिशा और अच्छे बदलाव लेकर भी आता है। सही उपाय और सजगता से इसका लाभ उठाया जा सकता है।
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