By पं. संजीव शर्मा
14 अप्रैल को सूर्य के उच्च राशि मेष में प्रवेश से सभी 12 राशियों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा और जगत की आत्मा कहा गया है। जब यही सूर्य अपनी सबसे शक्तिशाली अवस्था, यानी अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करते हैं, तो यह केवल एक राशि परिवर्तन नहीं, बल्कि एक नए ऊर्जा चक्र का आरंभ होता है। 14 अप्रैल 2025 को सूर्य देव का यह महागोचर हो रहा है, जो अपने साथ एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ रहा है। इस गोचर के साथ ही पिछले एक महीने से चल रहा खरमास भी समाप्त हो जाएगा, जिससे सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हट जाएगी। सूर्य का अपनी उच्च राशि में आना साहस, आत्मविश्वास और नई शुरुआत का प्रतीक है। यह एक ऐसा समय है जब प्रकृति और प्राणी, दोनों ही एक नई ऊर्जा और चेतना का अनुभव करते हैं।
सूर्य का मेष राशि में उच्च का होना ज्योतिष में एक अत्यंत शक्तिशाली स्थिति मानी जाती है। मेष, जो कि मंगल की राशि है, अग्नि तत्व का प्रतीक है और सूर्य भी स्वयं अग्नि का गोला हैं। जब ये दो ऊर्जाएं मिलती हैं, तो यह व्यक्ति के जीवन में नेतृत्व क्षमता, इच्छाशक्ति और सम्मान में असाधारण वृद्धि करती है। आइए विस्तार से जानें कि सूर्य का यह शक्तिशाली गोचर सभी 12 राशियों के जीवन को किस प्रकार प्रभावित करेगा।
आपकी कुंडली में सूर्य पंचम भाव के स्वामी हैं और आपके प्रथम भाव यानी लग्न में ही उच्च के होकर गोचर कर रहे हैं। यह आपके लिए एक असाधारण स्थिति है। आपके आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में एक नई चमक आएगी। प्रेम संबंधों में मधुरता बढ़ेगी और संतान पक्ष से शुभ समाचार मिल सकता है। हर निर्णय में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
सूर्य आपके चतुर्थ भाव के स्वामी होकर द्वादश भाव में गोचर कर रहे हैं। यह स्थिति विदेश से जुड़े मामलों में लाभ दिला सकती है, लेकिन साथ ही खर्चों में भी अप्रत्याशित वृद्धि होगी। आपको अत्यधिक भागदौड़ का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचें और किसी को बड़ी धनराशि उधार न दें।
आपके लिए सूर्य तीसरे भाव के स्वामी हैं और एकादश भाव यानी लाभ स्थान में गोचर कर रहे हैं। यह आपके लिए एक अत्यंत उत्तम संयोग है। आपकी आय के कई नए स्रोत खुलेंगे और लंबे समय से रुका हुआ धन भी वापस मिलने की प्रबल संभावना है। हालांकि, इस दौरान गलत संगति और किसी भी प्रकार के नशे से खुद को दूर रखना आवश्यक है। बड़े भाइयों से संबंध मधुर बनाए रखें।
सूर्य आपके धन भाव यानी दूसरे भाव के स्वामी होकर दशम कर्म भाव में गोचर कर रहे हैं। यह गोचर आपके लिए बेहतरीन सफलता के द्वार खोलेगा। कार्य-व्यापार में असाधारण उन्नति होगी और किसी नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए समय अनुकूल है। समाज में आपकी पद-प्रतिष्ठा बढ़ेगी और परिवार में मांगलिक कार्यों का आयोजन हो सकता है।
आपके राशि स्वामी सूर्य लग्न भाव के स्वामी होकर नवम यानी भाग्य भाव में उच्च अवस्था में रहेंगे। यह स्थिति आपको मिले-जुले परिणाम देगी। आपकी रुचि धर्म और अध्यात्म में बढ़ेगी और आप दान-पुण्य जैसे कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। आपके द्वारा लिए गए निर्णयों और किए गए कार्यों की समाज में सराहना होगी, लेकिन जीवन में कुछ अप्रत्याशशित उतार-चढ़ाव का सामना भी करना पड़ सकता है।
सूर्य आपके द्वादश भाव के स्वामी होकर अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छी नहीं कही जा सकती। आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। अग्नि, विष और दवाओं के रिएक्शन से बचें। कुछ अपने ही लोग आपको नीचा दिखाने का प्रयास कर सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें।
आपके लिए सूर्य एकादश भाव के स्वामी होकर सप्तम भाव में उच्च के हो रहे हैं। यह गोचर आपको मिश्रित फल प्रदान करेगा। कार्य-व्यापार में उन्नति होगी और नए अनुबंधों के लिए समय अच्छा है, लेकिन दांपत्य जीवन में यह गोचर तनाव पैदा कर सकता है। विवाह संबंधी वार्ता में अभी और समय लग सकता है।
सूर्य आपके दशम कर्म भाव के स्वामी होकर छठे भाव में उच्च के होकर गोचर कर रहे हैं। यह एक अत्यंत शुभ स्थिति है। आपको अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी और कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा जातकों के लिए पदोन्नति और लाभ के प्रबल योग बन रहे हैं।
आपके भाग्य भाव के स्वामी सूर्य अब पंचम भाव में गोचर करेंगे। यह गोचर आपके लिए सामान्य फल लेकर आएगा। रचनात्मक कार्यों में आपको सफलता मिलेगी। हालांकि, विद्यार्थियों और प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों को अच्छे परिणाम के लिए अधिक प्रयास करने होंगे।
सूर्य आपके अष्टम भाव के स्वामी होकर चतुर्थ भाव में गोTचर कर रहे हैं। यह स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती। इस दौरान आपको मानसिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है और मित्रों या संबंधियों से कोई अप्रिय समाचार मिल सकता है। माता-पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और यात्रा करते समय सावधानी बरतें।
आपके सप्तम भाव के स्वामी सूर्य अब तीसरे यानी पराक्रम भाव में गोचर कर रहे हैं। यह गोचर आपके लिए बेहतरीन परिणाम लेकर आएगा। आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी, जिससे कार्य-व्यापार में उन्नति होगी। आपके निर्णयों की सराहना की जाएगी, लेकिन छोटे भाइयों से मतभेद की स्थिति बन सकती है।
सूर्य का यह गोचर आपके दूसरे भाव यानी धन भाव को प्रभावित करेगा। यह स्थिति सामान्य तौर पर अच्छी नहीं मानी जाती। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, विशेषकर दाहिनी आंख से जुड़ी परेशानी हो सकती है। हालांकि, इस दौरान आकस्मिक धन प्राप्ति के योग भी बन रहे हैं।
सूर्य का यह मेष राशि में गोचर एक नई शुरुआत का प्रतीक है। यह समय है अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने का, साहसिक निर्णय लेने का और अपने लक्ष्यों की ओर दृढ़ता से बढ़ने का। सही दृष्टिकोण और प्रयास से सभी राशियां इस शक्तिशाली ऊर्जा का लाभ उठा सकती हैं।
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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