By पं. अभिषेक शर्मा
जानिए सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश के दौरान किन राशियों को मिलेगा लाभ और कौन-कौन से क्षेत्र होंगे उज्जवल

सूर्य का कर्क राशि में गोचर वर्ष 2025 में महत्वपूर्ण ज्योतिषीय परिवर्तन लेकर आ रहा है। इस अवधि में विशेष रूप से कर्क, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए नए अवसर, प्रगति और आध्यात्मिक विकास की संभावनाएँ प्रबल रहेंगी।
सूर्य हमारे सौर मण्डल के सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली ग्रहों में से एक माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में यह आत्मबल, नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास, पद, प्रतिष्ठा और पिता के कारक के रूप में विशेष भूमिका निभाता है।
वर्ष 2025 में सूर्य मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेगा। कर्क राशि चंद्र की स्वामित्व वाली जल तत्व की राशि है, जो संवेदनशीलता, भावनात्मक गहराई, परिवार और सुरक्षा की भावना से जुड़ी मानी जाती है। सूर्य का यहाँ आगमन आत्मविश्वास के साथ-साथ भावनात्मक संतुलन, गृहस्थ जीवन और संबंधों पर विशेष प्रभाव डालता है।
सूर्य लगभग एक महीने तक कर्क राशि में रहेगा। इस अवधि में सभी राशियों पर इसका प्रभाव अलग-अलग होगा, पर चार राशियों के लिए यह समय विशेष रूप से लाभकारी रहने के योग बना रहा है।
कर्क राशि के स्वामी चंद्र हैं और इस समय सूर्य का गोचर इन्हीं के स्वामित्व वाली राशि में हो रहा है।
कन्या राशि पर बुध ग्रह का स्वामीत्व होता है और सूर्य का कर्क राशि में गोचर इनके लिए करियर और प्रगति के दृष्टिकोण से सहयोगी साबित हो सकता है।
तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं और सूर्य का कर्क राशि में गोचर इन्हें सामाजिक और आध्यात्मिक दोनों स्तरों पर उन्नति प्रदान कर सकता है।
वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है और कर्क राशि के साथ इसका त्रिकोणीय संबंध बनता है। सूर्य का यह गोचर वृश्चिक जातकों के करियर और कार्यक्षेत्र के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
| राशि | स्वामी ग्रह | मुख्य प्रभाव | सलाह |
|---|---|---|---|
| कर्क | चंद्र | सफलता, विकास, प्रेम जीवन में शुभ संकेत | मेहनत करें, संबंधों और लोगों पर ध्यान दें |
| कन्या | बुध | नौकरी, व्यापार और शिक्षा में अवसर और सफलता | सोच-समझकर निर्णय लें, धैर्य बनाए रखें |
| तुला | शुक्र | आध्यात्मिक उन्नति, सामाजिक प्रतिष्ठा, प्रेम | साहसिक कदम उठाएँ, आत्म-विकास पर ध्यान दें |
| वृश्चिक | मंगल | नौकरी, व्यवसाय में लाभ, सरकारी अवसर | संयम और विश्वास बनाए रखें |
सूर्य का कर्क राशि में गोचर जहाँ एक ओर कुछ राशियों के लिए अत्यंत शुभफलदायी है, वहीं हर व्यक्ति की व्यक्तिगत जन्मकुंडली, दशा और अन्य ग्रह स्थितियाँ भी परिणामों को प्रभावित करती हैं।
सूर्य का कर्क राशि में गोचर 2025 में कब हो रहा है?
सूर्य वर्ष 2025 में 16 जुलाई को मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेगा। यह गोचर बुधवार को सांय लगभग 5 बजकर 40 मिनट के आसपास होगा और सूर्य लगभग एक महीने तक कर्क राशि में स्थित रहेगा।
इस गोचर से सबसे अधिक लाभ किस-किस राशि को होगा?
कर्क, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह समय विशेष रूप से शुभ माना जा सकता है, क्योंकि इनके लिए करियर, संबंध, आध्यात्मिक विकास और प्रगति के योग प्रबल रहते हैं।
सूर्य के कर्क में गोचर का सामान्य जीवन पर क्या प्रभाव हो सकता है?
यह गोचर परिवार, घर, भावनाओं और सुरक्षा की भावना पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकता है। लोग अपने निजी जीवन, संबंधों, माता-पिता और भावनात्मक संतुलन पर अधिक ध्यान देने लगते हैं।
क्या केवल इन चार राशियों को ही लाभ होगा या अन्य राशियों पर भी प्रभाव पड़ेगा?
सूर्य का कर्क में प्रवेश सभी 12 राशियों को किसी न किसी रूप में प्रभावित करता है, यह केवल इतना है कि कर्क, कन्या, तुला और वृश्चिक के लिए यह समय अपेक्षाकृत अधिक लाभकारी माना जा सकता है। अन्य राशियों के लिए फल उनकी व्यक्तिगत कुंडली और ग्रह दशा पर निर्भर करता है।
यदि जन्मकुंडली में सूर्य कमजोर हो तो इस गोचर का लाभ कैसे बढ़ाएँ?
यदि कुंडली में सूर्य कमजोर हो, तो प्रतिदिन सुबह सूर्य को जल देना, गायत्री मंत्र या आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करना, पिता या गुरु का सम्मान और सेवा करना तथा स्वर्ण या ताम्र से जुड़े शास्त्रीय उपाय करना लाभदायक माना जाता है (उपाय करने से पहले ज्योतिषीय सलाह लेना उचित रहता है)।
क्या इस अवधि में नए काम या निवेश शुरू करना ठीक रहेगा?
जो जातक शुभ ग्रह दशा में हों और जिनकी कुंडली में सूर्य की स्थिति अनुकूल हो, उनके लिए यह समय नए कार्य, प्रोजेक्ट या निवेश के लिए अच्छा हो सकता है। फिर भी बड़े निर्णय से पहले व्यक्तिगत ज्योतिषीय परामर्श और उचित मुहूर्त देखना हमेशा बेहतर रहता है।
क्या भावनात्मक संवेदनशीलता भी बढ़ सकती है, और इससे कैसे संभलें?
कर्क जल तत्व और चंद्र की राशि है, इसलिए इस गोचर के दौरान भावनात्मक संवेदनशीलता, मूड स्विंग और परिवार से जुड़ी भावनाएँ तीव्र हो सकती हैं। ऐसे में ध्यान, प्राणायाम, सैर, संगीत और विश्वासपात्र लोगों से संवाद के माध्यम से मन को संतुलित रखना सहायक रहेगा।
पाएं अपनी सटीक कुंडली
कुंडली बनाएं
अनुभव: 19
इनसे पूछें: विवाह, संबंध, करियर
इनके क्लाइंट: छ.ग., म.प्र., दि., ओडि, उ.प्र.
इस लेख को परिवार और मित्रों के साथ साझा करें