By पं. अभिषेक शर्मा
सूर्य गोचर क्या है, इसका ज्योतिष में क्या महत्व है, और यह आपकी कुंडली और जीवन को कैसे प्रभावित करता है, जानें।
ज्योतिष के विशाल और रहस्यमयी आकाश में, हर ग्रह की अपनी एक कहानी है, अपना एक महत्व है। लेकिन इन सब में, सूर्य को केवल एक ग्रह नहीं, बल्कि ग्रहों का राजा, जगत की आत्मा और जीवन की ऊर्जा का परम स्रोत माना गया है। सूर्य के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ठीक इसी प्रकार, ज्योतिष में किसी व्यक्ति की कुंडली का विश्लेषण सूर्य की स्थिति के बिना अधूरा है। हर महीने, जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में अपनी यात्रा करते हैं, तो यह केवल एक खगोलीय घटना नहीं होती, बल्कि यह ऊर्जा का एक शक्तिशाली प्रवाह होता है जो हम सभी के जीवन को गहराई से प्रभावित करता है। इस दिव्य यात्रा को ही सूर्य गोचर या सूर्य संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
सरल शब्दों में, सूर्य के गोचर का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य देव प्रत्येक राशि में लगभग एक महीने की अवधि तक रहते हैं और फिर अगली राशि में प्रवेश कर जाते हैं। इस एक महीने की अवधि के दौरान, वे उस राशि और आपकी कुंडली में उस राशि से संबंधित भाव को अपनी ऊर्जा से प्रभावित करते हैं, जिससे आपके जीवन के उस विशेष क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलते हैं।
हिन्दू धर्म और वैदिक ज्योतिष में सूर्य को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। उन्हें केवल एक प्रकाश का स्रोत नहीं, बल्कि "जगत की आत्मा" कहा गया है। वे नवग्रहों के राजा हैं और उनकी स्थिति पूरी कुंडली के बल को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कुंडली में सूर्य निम्नलिखित महत्वपूर्ण पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं:
सूर्य का तेज और प्रभाव इतना प्रबल होता है कि जब कोई अन्य ग्रह अपनी गति से चलते हुए उनके बहुत समीप आ जाता है, तो वह सूर्य के तेज के सामने अपना प्रभाव खो देता है। ज्योतिष की भाषा में इस स्थिति को उस ग्रह का "अस्त" होना कहा जाता है। अस्त होने पर वह ग्रह अपने स्वाभाविक चरित्र के अनुसार पूर्ण फल देने में असमर्थ हो जाता है। यह सूर्य की सर्वोच्च सत्ता और अधिकार का सबसे बड़ा प्रमाण है, जिसके सामने अन्य ग्रहों की शक्ति भी क्षीण पड़ जाती है।
आपकी जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति आपके जीवन की दिशा और दशा को निर्धारित करती है।
यदि आपकी कुंडली में सूर्य एक मजबूत और शुभ स्थिति में हैं, तो यह आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। एक बलवान सूर्य व्यक्ति को:
वहीं, यदि सूर्य कमजोर, पीड़ित या अशुभ स्थिति में हों, तो व्यक्ति को जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे:
सूर्य का मासिक गोचर केवल एक ज्योतिषीय घटना नहीं, बल्कि यह एक दिव्य मार्गदर्शन है। यह हमें हर महीने यह संकेत देता है कि जीवन के किस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना है और किस प्रकार की ऊर्जा हमारे आस-पास प्रबल रहेगी। सूर्य की इस यात्रा को समझकर, हम अपने जीवन की चुनौतियों के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकते हैं और अवसरों का पूरा लाभ उठा सकते हैं, जिससे हमारा जीवन और भी उज्जवल और सफल हो सकता है।
अनुभव: 19
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