By पं. अभिषेक शर्मा
जानिए अश्विनी कुमारों की उत्पत्ति, चिकित्सा चमत्कार, आध्यात्मिक महत्व और जीवन में उनके प्रेरक संदेश
अश्विनी कुमार वैदिक काल के दिव्य जुड़वां देवता हैं, जिन्हें देवताओं का चिकित्सक, जीवनदाता और पुनर्योजक माना गया है। वेदों, पुराणों और महाभारत में इनका उल्लेख अत्यंत श्रद्धा और सम्मान के साथ हुआ है। अश्विनी नक्षत्र का अधिष्ठाता होने के कारण, इनकी ऊर्जा और गुण नक्षत्र के जातकों में भी परिलक्षित होते हैं।
तत्व | अर्थ/महत्व |
---|---|
घोड़े का सिर | गति, शक्ति, ऊर्जा, नई शुरुआत |
सुनहरा कवच | दिव्यता, सुरक्षा, अमरता |
तीन पहियों वाला रथ | त्रिगुण (सत्व, रजस, तमस), जीवन के तीन स्तर |
उषा के अग्रदूत | अंधकार से प्रकाश, रोग से स्वास्थ्य की ओर |
मधु/सोम | अमृत, जीवन ऊर्जा, स्वास्थ्य |
अश्विनी कुमार न केवल वैदिक संस्कृति के दिव्य चिकित्सक हैं, बल्कि वे हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा हैं, जो जीवन में ऊर्जा, नवजीवन, साहस और सेवा-भाव के साथ आगे बढ़ना चाहता है। अश्विनी नक्षत्र के अधिष्ठाता के रूप में, वे हर जातक में नवजीवन, उपचार, गति और सकारात्मकता की चिंगारी जगाते हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि हर अंधकार के बाद एक नई सुबह, हर रोग के बाद आरोग्य और हर कठिनाई के बाद नवजीवन संभव है।
अनुभव: 19
इनसे पूछें: विवाह, संबंध, करियर
इनके क्लाइंट: छ.ग., म.प्र., दि., ओडि, उ.प्र.
इस लेख को परिवार और मित्रों के साथ साझा करें