By पं. अभिषेक शर्मा
जानें रोहिणी नक्षत्र के चार चरणों की विशेषताओं, करियर संभावनाओं और व्यक्तित्व पर प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण
रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि में 10°00' से 23°20' तक फैला है और इसका स्वामी चंद्रमा है। यह नक्षत्र अपनी कोमलता, आकर्षण, उर्वरता और रचनात्मकता के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इसकी असली विविधता इसके चार पादों (चरणों) में छुपी है। हर पाद जातक के स्वभाव, सोच, करियर और जीवन के रंग को अलग-अलग ढंग से उभारता है। आइए, रोहिणी के इन चार पादों को विस्तार से समझें-एक कहानी की तरह, जिसमें हर पाद एक नया रंग जोड़ता है।
पाद | डिग्री सीमा | नवांश राशि | स्वामी ग्रह | मुख्य गुण/प्रवृत्ति | उपयुक्त क्षेत्र |
---|---|---|---|---|---|
प्रथम | 13°20' - 16°40' | सिंह | सूर्य | महत्वाकांक्षा, नेतृत्व, रचनात्मकता | प्रशासन, कला, राजनीति |
द्वितीय | 16°40' - 20°00' | कन्या | बुध | मेहनती, व्यावहारिक, सेवा-भाव | शिक्षा, चिकित्सा, समाज सेवा |
तृतीय | 20°00' - 23°20' | तुला | शुक्र | आकर्षण, सौंदर्य, सामंजस्य, विलासिता | कला, संगीत, फैशन, व्यापार |
चतुर्थ | 23°20' - 26°40' | कर्क | चंद्रमा | गहराई, संवेदनशीलता, शोध, रहस्यप्रियता | अनुसंधान, मनोविज्ञान, चिकित्सा |
रोहिणी नक्षत्र के व्यक्तित्व लक्षणों के बारे में अधिक जानकारी यहां पढ़ें।
रोहिणी नक्षत्र के चार पाद जीवन के चार रंगों की तरह हैं-कहीं तेज और महत्वाकांक्षा, कहीं व्यावहारिकता और सेवा, कहीं आकर्षण और कलात्मकता, तो कहीं गहराई और संवेदनशीलता। हर पाद जातक के स्वभाव, सोच, करियर और संबंधों में अनूठा रंग भरता है। इनकी सही समझ व्यक्ति को अपने जीवन के उद्देश्य, करियर और संबंधों में संतुलन और सफलता दिला सकती है। रोहिणी के चार पादों की यह विविधता ही इसे वैदिक ज्योतिष में सबसे आकर्षक और जीवन्त नक्षत्र बनाती है।
यहाँ क्लिक करें अपने जन्म नक्षत्र को जाने!
मेरे नक्षत्र बताएंअनुभव: 19
इनसे पूछें: विवाह, संबंध, करियर
इनके क्लाइंट: छ.ग., म.प्र., दि., ओडि, उ.प्र.
इस लेख को परिवार और मित्रों के साथ साझा करें