By पं. अमिताभ शर्मा
सिंह और कन्या में फैला यह नक्षत्र रचनात्मकता, तर्क और नेतृत्व का संगम दर्शाता है
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र वैदिक ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में बारहवें स्थान पर है। यह सिंह राशि के 26 डिग्री 40 कला से लेकर कन्या राशि के 10 डिग्री तक फैला है। इसकी गणना सूर्य के प्रिय नक्षत्रों में होती है क्योंकि इसका अधिपति तो सूर्य ही है और अधिष्ठाता आर्यमान हैं, जो मित्रता, अनुशासन, वचन पालन, सद्भावना तथा सत्यता के प्रतीक हैं। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र न केवल तारों का समूह है बल्कि जीवन की एक समृद्ध दर्शन, व्यवहारिक संतुलन, कर्म और सामाजिक आदर्शों का प्रेरक है। इस नक्षत्र के व्यक्तित्व में अस्तित्व का साहस, स्वाभिमान, परोपकार, अनुशासन और सृजनशीलता का अनूठा समावेश देखा जाता है।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र दो राशियों में फैला है:
पुराणों के अनुसार, दक्ष प्रजापति ने जब यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया, तो सती ने अपनी देह का त्याग किया और भगवान शिव ने क्रोधवश वीरभद्र को उत्पन्न किया, जिससे भण्डार देवता भगा को शापित होना पड़ा। इस दंतकथा का प्रभाव जातकों के संबंधों और सामाजिक जीवन में भी देखा जा सकता है - ये कभी-कभी जीवन में दूरी महसूस कर सकते हैं, संबंध-विच्छेद की भावनाओं का अनुभव कर सकते हैं; फिर भी, आर्यमान की कृपा से इन्हें संतुलन, सामाजिक प्रतिष्ठा, वचन-पालन और अनुशासन की अद्भुत शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
आर्यमान सूर्य परिवार के एक वीर और कर्तव्यनिष्ठ सदस्य माने जाते हैं। वह विवाह, मित्रता और समाज में आदर्श संबंधों के संरक्षक हैं। इसीलिए उत्तरा फाल्गुनी जातकों की मित्रता स्थायी, रिश्ते पवित्र और व्यवहार अनुशासित होते हैं।
मानवीय अक्ष | गुण | परिणाम |
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रचनात्मकता | सिंह भाग | नेतृत्व, कला, स्वाभिमान |
तर्कशीलता | कन्या भाग | योजना, संगठन, गणना |
लोकप्रियता | सबको पसंद आना | सामाजिक और सार्वजनिक कार्य |
प्रतिक्रिया | आलोचना मिलने पर | संयम, धैर्य विकसित करना |
यह नक्षत्र स्वतंत्रता और आत्मसम्मान को अत्यधिक महत्व देता है। ये लोग उन कार्यों में सफल होते हैं जिसमें लीडरशिप, समाज सेवा, मार्गदर्शन और न्याय-भाव की आवश्यकता हो:
नवजात शिशु के लिए ‘टे’, ‘टो’, ‘पा’, ‘पी’ अक्षरों से नाम रखना ज्योतिष में शुभ माना गया है। इन स्वरों की ध्वनि चैतन्य को जागृत रखती है और जीवन में भाग्योदय लाती है।
युग्म | सारांश | गुणांक |
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अश्विनी | विश्वास कमजोर, अहंकार त्यागें तो सम्भव | 14/36 |
भरणी | रोमांस कम पर सहयोगी संबंध | 28/36 |
कृत्तिका | आरंभ अच्छा पर बाद में असंतुलन | 22/36 |
रोहिणी | सुरक्षित और प्रेमपूर्ण, ईर्ष्या से बचें | 28/36 |
मृगशिरा | वाक् चातुर्य और निष्ठा से सामंजस्य | 27/36 |
आर्द्रा | अविश्वास किंतु आकर्षण | 21/36 |
पुनर्वसु | स्वतंत्रता और प्रतिबद्धता संतुलन में | 18/36 |
पुष्य | शक्ति संघर्ष से कड़वाहट | 18/36 |
आश्लेषा | निकटता और दूरी दोनों असंतोषजनक | 18/36 |
मघा | अधिकार जताने से मतभेद | 17/36 |
पूर्व फाल्गुनी | समान गुणों से अच्छा बंधन | 28/36 |
उत्तर फाल्गुनी | एक जैसे सिद्धांत पर जिद्द विवाद पैदा करती है | 22/36 |
हस्त | स्थिर संबंध पर नवीनता की कमी | 19/36 |
चित्रा | दृष्टिकोण भिन्न, शारीरिक असंतुलन | 16/36 |
स्वाती | समय के साथ बंधन गहरा होता है | 25/36 |
विशाखा | गाय-व्याघ्र योनि संघर्ष | 16/36 |
अनुराधा | सच्चा प्रेम और संपूर्ण समर्थन | 30/36 |
ज्येष्ठा | वाणी से मतभेद होते हैं | 21/36 |
मूल | अत्यधिक उतार-चढ़ाव, अस्थिरता | 9/36 |
पूर्वाषाढ़ा | आत्मिक लगाव और देखभाल | 28/36 |
उत्तराषाढ़ा | अकेलेपन को प्रेम से भरना | 24/36 |
श्रवण | सम्मान बढ़ता है, संतुलन आवश्यक | 21/36 |
धनिष्ठा | मित्र अच्छे, जीवनसाथी कमजोर | 12/36 |
शतभिषा | भावनात्मक दूरी समस्या | 15/36 |
पूर्वभाद्रपद | कठोर वाणी, कठोर स्वभाव | 15/36 |
उत्तराभाद्रपद | शारीरिक संतोष, आध्यात्मिक कठिनाई | 26/36 |
रेवती | आत्मिक और व्यावहारिक सहयोग | 25/36 |
पहलू | वर्णन |
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अर्थ | बाद में आने वाली 'लालिमा युक्त' |
प्रतीक | खाट के पिछले पैर, विवाह-मंडप, झूले की रस्सी |
पशु | बैल |
वृक्ष | गाँज (फाइकस माइक्रोकार्पा) |
प्रधान देवता | आर्यमान |
अधिपति ग्रह | सूर्य |
गुण | राजस |
तत्त्व | अग्नि |
ध्वनि | टे, टो, पा, पी |
सिंह में नेतृत्व-भाव, आत्मविश्वास और रचनात्मकता मिलती है। कन्या में अनुशासन, तर्क, विश्लेषण व संगठन की कसावट मिलती है।
यह जातकों को अनुशासन, जिम्मेदारी, दीर्घकालीन मित्रता और वचन पालन का वरदान देती है, जिससे समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त होता है।
सूर्य जातकों में नेतृत्व, प्रशासन व राजनीति, शिक्षा, परामर्श और कार्मिक साहस को प्रबल बनाता है।
संयमित आहार, नियमित योग, प्राणायाम, तैल मालिश, पर्याप्त नींद और मानसिक संतुलन से वात दोष का संतुलन संभव है।
विवाह जीवन सुखी रहता है और आर्थिक स्थिति स्थिर रहती है बशर्ते निर्णय सोच-समझकर लिए जाएँ।
अनुभव: 32
इनसे पूछें: जीवन, करियर, स्वास्थ्य
इनके क्लाइंट: छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
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