By पं. अभिषेक शर्मा
विवाह और जीवन में मंगल दोष के सही मायने, ज्योतिषीय तथ्य और प्रभावी उपाय
**विवाह से पहले कुंडली मिलान के समय "मंगल दोष" शब्द अकसर भय और भ्रम का कारण बनता है। बहुत से लोग इसे वैवाहिक जीवन के लिए घातक मानते हैं, जबकि इसकी सही जानकारी और परिप्रेक्ष्य से स्थिति को समझा जाए तो यह दोष इतना भयावह नहीं होता जितना प्रचारित किया जाता है। इस लेख में हम मंगल दोष की शास्त्रीय परिभाषा, उसकी विभिन्न अवस्थाएँ, प्रभाव और प्रामाणिक निवारण विधियों पर विस्तृत प्रकाश डालेंगे।
जन्मकुंडली में यदि मंगल ग्रह कुछ विशिष्ट भावों-प्रथम (लग्न), चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश-में स्थित हो, तो उसे मांगलिक दोष या मंगल दोष कहा जाता है। यह दोष विवाह जीवन में मानसिक, भावनात्मक या शारीरिक असंतुलन का कारण बन सकता है, विशेष रूप से तब जब उपाय न किए जाएं।
जब लग्न कुंडली (D1) और चंद्र कुंडली-दोनों में मंगल उपरोक्त भावों (1, 4, 7, 8, 12) में हो, तो यह पूर्ण मांगलिक दोष कहलाता है। उदाहरणस्वरूप:
जब केवल लग्न कुंडली या चंद्र कुंडली-किसी एक में ही मंगल दोषकारी स्थानों (1, 4, 7, 8, 12) में हो तो यह आंशिक मांगलिक दोष कहलाता है।
यदि केवल चंद्र कुंडली में मंगल दोषकारी स्थानों (1, 4, 7, 8, 12) में हो तो इसे चंद्र मांगलिक दोष कहा जाता है। इसका प्रभाव भावनात्मक और मानसिक स्तर पर अधिक देखा जाता है।
शनि यदि लग्न और चंद्र कुंडली दोनों में मांगलिक स्थानों में हो, तो मंगल जैसा ही प्रभाव देता है:
पुरुषों की कुंडली में शुक्र के स्थान को आधार (पहला स्थान) मानते हुए, 1st, 4th, 7th, 8th, 12th भावों में यदि मंगल या शनि हों, तो:
नहीं। यह एक सामान्य भ्रम है। मंगल दोष ग्रह की कुंडली में स्थिति से निर्धारित होता है, न कि जन्म-दिन से।
नहीं। केवल विशेष परिस्थितियों में जब दोष अत्यंत तीव्र हो, तभी पीपल या बरगद से विवाह करना शास्त्रसम्मत उपाय है।
यह भी एक मिथक है। उचित उपायों और संतुलन के साथ ऐसी विवाह सफल हो सकते हैं।
ध्यान दें: इन प्रभावों की तीव्रता दोष की स्थिति, अन्य ग्रहों के बल, दृष्टि और दशा पर भी निर्भर करती है।
मांगलिक दोष निश्चित रूप से ध्यान देने योग्य योग है, परंतु इसका भय जीवन पर छा जाना अनावश्यक है। सही ज्योतिषीय परामर्श, उचित उपाय, मानसिक परिपक्वता और परस्पर समझ से यह दोष न केवल नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि सफल वैवाहिक जीवन की राह भी प्रशस्त की जा सकती है।
अनुभव: 19
इनसे पूछें: विवाह, संबंध, करियर
इनके क्लाइंट: छ.ग., म.प्र., दि., ओडि, उ.प्र.
इस लेख को परिवार और मित्रों के साथ साझा करें