By पं. अभिषेक शर्मा
विवाह पूर्व चंद्र राशियों के मिलान में छुपे संकेत और उनका यथार्थ विश्लेषण
विवाह के निर्णय में कुंडली मिलान एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो सिर्फ दो लोगों को नहीं, दो परिवारों को जोड़ती है। इस प्रक्रिया में कई योगों और दोषों का परीक्षण किया जाता है, जिनमें एक प्रमुख और अक्सर गलत समझा जाने वाला दोष है षडाष्टक दोष (Shadashtak Dosha)। यह दोष वैवाहिक जीवन में मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक चुनौतियाँ ला सकता है, परंतु इसकी उपस्थिति का अर्थ यह नहीं कि विवाह असंभव है। आइए विस्तार से समझते हैं कि षडाष्टक दोष क्या है, कैसे पहचाना जाता है, और इसके संभावित समाधान क्या हैं।
षडाष्टक शब्द दो संस्कृत संख्याओं-षष्ठ (6वां) और अष्टम (8वां)-से मिलकर बना है। यह दोष तब बनता है जब वर और वधू की चंद्र राशियाँ आपस में 6वें या 8वें भाव में स्थित हों।
राशि | जिन राशियों से षडाष्टक दोष बनता है |
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मेष | कन्या (6वीं), वृश्चिक (8वीं) |
वृषभ | तुला (6वीं), धनु (8वीं) |
मिथुन | वृश्चिक (6वीं), मकर (8वीं) |
कर्क | धनु (6वीं), कुंभ (8वीं) |
सिंह | मकर (6वीं), मीन (8वीं) |
कन्या | कुंभ (6वीं), मेष (8वीं) |
तुला | मीन (6वीं), वृषभ (8वीं) |
वृश्चिक | मेष (6वीं), मिथुन (8वीं) |
धनु | वृषभ (6वीं), कर्क (8वीं) |
मकर | मिथुन (6वीं), सिंह (8वीं) |
कुंभ | कर्क (6वीं), कन्या (8वीं) |
मीन | सिंह (6वीं), तुला (8वीं) |
यह दोष गंभीर माना जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ऐसा रिश्ता निष्फल होगा। केवल चंद्र राशि पर आधारित दोष-निर्णय करना अधूरी समझ को दर्शाता है। संपूर्ण कुंडली, विशेषतः लग्न, सप्तम भाव, नवांश कुंडली, ग्रह बल और शुभ योगों की गहन समीक्षा आवश्यक होती है।
ग्रह शांति व पूजा-पाठ
पूर्ण गुण मिलान का महत्व
शुभ ग्रहों की स्थिति
सकारात्मक योगों की उपस्थिति
नहीं। यदि अन्य ग्रहों की स्थिति मजबूत हो, वर-वधू के विचार और संस्कार मेल खाते हों, और जीवन के प्रति दृष्टिकोण परिपक्व हो, तो षडाष्टक दोष का प्रभाव नगण्य हो सकता है। यह केवल एक संकेत है, निष्कर्ष नहीं।
षडाष्टक दोष एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय संकेत है जो विवाह से पूर्व सावधानी की माँग करता है। लेकिन यह कोई अंतिम निर्णय नहीं है। पूर्ण कुंडली विश्लेषण, संवाद, और आध्यात्मिक उपायों के माध्यम से इसके प्रभाव को समझना और संतुलित करना संभव है। केवल दोष देखकर विवाह से इंकार कर देना न तो उचित है, न ही व्यावहारिक। सही मार्गदर्शन, आस्था और उपायों के साथ एक सफल और संतुलित वैवाहिक जीवन संभव है।
अनुभव: 19
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