By पं. सुव्रत शर्मा
शुभ तिथियों, नक्षत्रों और परंपराओं के साथ संपूर्ण विवाह मार्गदर्शिका

वर्ष 2025 में विवाह के लिए कई महत्वपूर्ण और मंगलकारी मुहूर्त उपलब्ध हैं। नीचे दी गई तालिका में प्रमुख विवाह तिथियां, समय, नक्षत्र और तिथि दर्शाए गए हैं ताकि परिवार समय का चयन सुविचारपूर्वक कर सके।
तालिका: 2025 के प्रमुख विवाह मुहूर्त
| माह | तारीख | मुहूर्त का समय | नक्षत्र | तिथि |
|---|---|---|---|---|
| जनवरी | 16/01/2025 | 04:06 AM - 07:15 AM (17 जनवरी तक) | मघा | चतुर्थी |
| जनवरी | 17/01/2025 | 07:15 AM - 12:45 PM | मघा | चतुर्थी |
| जनवरी | 18/01/2025 | 02:51 PM - 01:16 AM (19 जनवरी तक) | उत्तराफाल्गुनी | पंचमी |
| जनवरी | 19/01/2025 | 01:58 AM - 07:14 AM (20 जनवरी तक) | हस्त | षष्ठी |
| जनवरी | 20/01/2025 | 07:14 AM - 09:58 AM | हस्त | षष्ठी |
| जनवरी | 21/01/2025 | 11:36 PM - 03:50 AM (22 जनवरी तक) | स्वाती | अष्टमी |
| जनवरी | 23/01/2025 | 05:08 AM - 06:36 AM (24 जनवरी तक) | अनुराधा | दशमी |
| जनवरी | 24/01/2025 | 07:25 PM - 07:07 AM (25 जनवरी तक) | अनुराधा | एकादशी |
| जनवरी | 26/01/2025 | 03:34 AM - 07:12 AM (27 जनवरी तक) | मूल | त्रयोदशी |
| जनवरी | 27/01/2025 | 07:12 AM - 09:02 AM | मूल | त्रयोदशी |
| फरवरी | 02/02/2025 | 09:14 AM - 07:08 AM (03 फरवरी तक) | उत्तर भाद्रपद, रेवती | पंचमी |
| फरवरी | 03/02/2025 | 07:08 AM - 05:40 PM | रेवती | षष्ठी |
| फरवरी | 06/02/2025 | 07:29 PM - 07:06 AM (07 फरवरी तक) | रोहिणी | नवमी, दशमी |
| फरवरी | 07/02/2025 | 07:06 AM - 04:17 PM | रोहिणी | दशमी |
| फरवरी | 12/02/2025 | 01:58 AM - 07:01 AM (13 फरवरी तक) | मघा | प्रतिपदा |
| फरवरी | 13/02/2025 | 07:01 AM - 07:31 AM | मघा | प्रतिपदा |
| फरवरी | 14/02/2025 | 11:09 PM - 06:59 AM (15 फरवरी तक) | उत्तराफाल्गुनी | तृतीया |
| फरवरी | 15/02/2025 | 06:59 AM - 10:48 AM | उत्तराफाल्गुनी | तृतीया |
| फरवरी | 16/02/2025 | 06:59 AM - 08:06 AM | हस्त | चतुर्थी |
| फरवरी | 18/02/2025 | 09:52 AM - 06:56 AM (19 फरवरी तक) | स्वाती | षष्ठी |
| फरवरी | 19/02/2025 | 06:56 AM - 07:32 AM | स्वाती | सप्तमी, षष्ठी |
| फरवरी | 21/02/2025 | 11:59 AM - 03:54 PM | अनुराधा | नवमी |
| फरवरी | 23/02/2025 | 01:55 PM - 06:43 PM | मूल | एकादशी |
| फरवरी | 25/02/2025 | 08:15 AM - 06:31 PM | उत्तराषाढ़ा | द्वादशी, त्रयोदशी |
| मार्च | 01/03/2025 | 11:22 AM - 06:45 AM (02 मार्च तक) | उत्तर भाद्रपद | द्वितीया, तृतीया |
| मार्च | 02/03/2025 | 06:45 AM - 01:14 AM (03 मार्च तक) | उत्तर भाद्रपद, रेवती | तृतीया, चतुर्थी |
| मार्च | 06/03/2025 | 10:01 PM - 06:40 AM (07 मार्च तक) | रोहिणी, मृगशिरा | अष्टमी |
| मार्च | 07/03/2025 | 06:40 AM - 11:32 PM | मृगशिरा | अष्टमी, नवमी |
| मार्च | 12/03/2025 | 08:43 AM - 04:05 AM (13 मार्च तक) | मघा | चतुर्दशी |
| अप्रैल | 14/04/2025 | 10:39 PM - 12:13 AM (15 अप्रैल तक) | स्वाती | द्वितीया |
| अप्रैल | 16/04/2025 | 12:19 AM - 05:54 AM (17 अप्रैल तक) | अनुराधा | चतुर्थी |
| अप्रैल | 18/04/2025 | 01:04 AM - 05:51 AM (19 अप्रैल तक) | मूल | षष्ठी |
| अप्रैल | 19/04/2025 | 05:51 AM - 10:21 AM | मूल | षष्ठी |
| अप्रैल | 20/04/2025 | 11:48 AM - 05:49 AM (21 अप्रैल तक) | उत्तराषाढ़ा | सप्तमी, अष्टमी |
| अप्रैल | 21/04/2025 | 05:49 AM - 12:37 PM | उत्तराषाढ़ा | अष्टमी |
| अप्रैल | 25/04/2025 | 08:53 AM - 12:31 PM | उत्तर भाद्रपद | द्वादशी |
| अप्रैल | 29/04/2025 | 06:47 PM - 05:41 AM (30 अप्रैल तक) | रोहिणी | तृतीया |
| अप्रैल | 30/04/2025 | 05:41 AM - 12:02 PM | रोहिणी | तृतीया |
| मई | 01/05/2025 | 11:23 AM - 02:21 PM | मृगशिरा | पंचमी |
| मई | 05/05/2025 | 08:29 PM - 05:36 AM (06 मई तक) | मघा | नवमी |
| मई | 06/05/2025 | 05:36 AM - 03:52 PM | मघा | नवमी, दशमी |
| मई | 08/05/2025 | 12:29 PM - 01:57 AM (09 मई तक) | उत्तराफाल्गुनी, हस्त | द्वादशी |
| मई | 10/05/2025 | 03:15 AM - 04:01 AM (11 मई तक) | स्वाती, चित्रा | चतुर्दशी |
| मई | 14/05/2025 | 06:34 AM - 11:47 AM | अनुराधा | द्वितीया |
| मई | 15/05/2025 | 04:02 AM - 05:30 AM (16 मई तक) | मूल | चतुर्थी |
| मई | 16/05/2025 | 05:30 AM - 04:07 PM | मूल | चतुर्थी |
| मई | 17/05/2025 | 05:44 PM - 05:29 AM (18 मई तक) | उत्तराषाढ़ा | पंचमी |
| मई | 18/05/2025 | 05:29 AM - 06:52 PM | उत्तराषाढ़ा | षष्ठी |
| मई | 22/05/2025 | 01:12 AM - 05:26 AM (23 मई तक) | उत्तर भाद्रपद | एकादशी |
| मई | 23/05/2025 | 05:26 AM - 05:26 AM (24 मई तक) | उत्तर भाद्रपद, रेवती | एकादशी, द्वादशी |
| मई | 24/05/2025 | 05:26 AM - 08:22 AM | रेवती | द्वादशी |
| मई | 27/05/2025 | 06:45 PM - 02:50 AM (28 मई तक) | रोहिणी | प्रतिपदा |
| मई | 28/05/2025 | 05:25 AM - 07:09 PM | मृगशिरा | द्वितीया |
| जून | 02/06/2025 | 08:21 AM - 08:34 PM | मघा | सप्तमी |
| जून | 04/06/2025 | 08:29 AM - 05:23 AM (05 जून तक) | उत्तराफाल्गुनी, हस्त | नवमी, दशमी |
| जून | 05/06/2025 | 05:23 AM - 09:14 AM | हस्त | दशमी |
| जून | 07/06/2025 | 09:40 AM - 11:18 AM | स्वाती “ | द्वादशी |
| जून | 08/06/2025 | 12:18 PM - 12:42 PM | विशाखा, स्वाती | त्रयोदशी |
| नवंबर | 02/11/2025 | 11:11 PM - 06:34 AM (03 नवंबर तक) | उत्तर भाद्रपद | द्वादशी, त्रयोदशी |
| नवंबर | 03/11/2025 | 06:34 AM - 07:40 PM | उत्तर भाद्रपद, रेवती | त्रयोदशी |
| नवंबर | 06/11/2025 | 03:28 AM - 06:37 AM (07 नवंबर तक) | रोहिणी | द्वितीया |
| नवंबर | 08/11/2025 | 07:32 AM - 10:02 PM | मृगशिरा | चतुर्थी |
| नवंबर | 12/11/2025 | 12:51 AM - 06:42 AM (13 नवंबर तक) | मघा | नवमी |
| नवंबर | 13/11/2025 | 06:42 AM - 07:38 PM | मघा | नवमी |
| नवंबर | 16/11/2025 | 06:47 AM - 02:11 AM (17 नवंबर तक) | हस्त | द्वादशी |
| नवंबर | 17/11/2025 | 05:01 AM - 06:46 AM (18 नवंबर तक) | स्वाती | त्रयोदशी |
| नवंबर | 18/11/2025 | 06:46 AM - 07:12 AM | स्वाती | चतुर्दशी, त्रयोदशी |
| नवंबर | 21/11/2025 | 10:44 AM - 01:56 PM | अनुराधा | प्रतिपदा |
| नवंबर | 22/11/2025 | 11:27 PM - 06:50 AM (23 नवंबर तक) | मूल | तृतीया |
| नवंबर | 23/11/2025 | 06:50 AM - 12:09 PM | मूल | तृतीया |
| नवंबर | 25/11/2025 | 12:50 PM - 11:57 PM | उत्तराषाढ़ा | पंचमी, षष्ठी |
| नवंबर | 30/11/2025 | 07:12 AM - 06:56 AM (01 दिसम्बर तक) | उत्तर भाद्रपद, रेवती | दशमी, एकादशी |
| दिसंबर | 04/12/2025 | 06:40 PM - 06:59 AM (05 दिसम्बर तक) | रोहिणी | पूर्णिमा, प्रतिपदा |
| दिसंबर | 05/12/2025 | 06:59 AM - 07:00 AM (06 दिसम्बर तक) | रोहिणी, मृगशिरा | प्रतिपदा, द्वितीया |
| दिसंबर | 06/12/2025 | 07:00 AM - 08:48 AM | मृगशिरा | द्वितीया |
नोट: ऊपर दी गई तालिका प्रमुख तिथियां और संक्षिप्त विवरण दिखाती है। अंतिम निर्णय से पहले प्रत्येक मुहूर्त की अवधि, नक्षत्र और तिथि को व्यक्तिगत कुंडली और स्थान के अनुसार अवश्य जाँच लें।
भारतीय संस्कृति में विवाह केवल सामाजिक या कानूनी बंधन नहीं, बल्कि एक पवित्र संस्कार है। हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में विवाह एक अत्यंत महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है, जो केवल दो व्यक्तियों को नहीं, दो परिवारों को भी जोड़ता है।
इसी कारण
को ध्यान में रखकर विवाह की तिथि निश्चित की जाती है। मान्यता है कि शुभ समय में संपन्न विवाह से दांपत्य जीवन में प्रेम, विश्वास, स्वास्थ्य और समृद्धि बढ़ती है।
नक्षत्र
हिंदू पंचांग में 27 नक्षत्र माने गए हैं। उनमें से कुछ नक्षत्र विवाह के लिए विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं
ये नक्षत्र स्थिरता, प्रेम, संतुलन और समृद्धि के सूचक माने जाते हैं।
तिथि
विवाह के लिए सामान्यतः निम्न तिथियां शुभ मानी जाती हैं
चतुर्थी, अष्टमी, अमावस्या, चतुर्दशी और अन्य अशुभ मानी गई तिथियां विवाह हेतु त्याज्य मानी जाती हैं।
लग्न
विवाह के समय लग्न भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। प्रायः निम्न लग्न शुभ माने जाते हैं
अशुभ या पीड़ित लग्न में विवाह होने पर दाम्पत्य जीवन में तनाव और बाधाओं की आशंका मानी जाती है।
महीने
पारंपरिक मान्यता के अनुसार
जैसे माह में विवाह अधिक अनुकूल माने जाते हैं (क्षेत्र, परंपरा और आचार्य के मतानुसार भिन्नता संभव है)।
कन्या के लिए गुरुबल
कन्या की जन्म कुंडली में बृहस्पति का नवम, पंचम, एकादश, द्वितीय या सप्तम भाव में रहना शुभ माना जाता है। इससे
जैसे फल समर्थित होते हैं।
वर के लिए सूर्यबल
वर की जन्म कुंडली में सूर्य का तृतीय, षष्ठ, दशम या एकादश भाव में होना शुभ माना जाता है। इससे
में वृद्धि होती है।
दोनों के लिए चंद्रबल
दोनों की कुंडलियों में चंद्रमा का
भाव में होना शुभ मान लिया जाता है। इससे मानसिक संतुलन, भावनात्मक स्थिरता और परस्पर समझ बढ़ती है।
मुहूर्त पंचांग में शुभ और अशुभ को गुण और दोष के रूप में दर्शाया जाता है।
सामान्यतः
माना जाता है। विवाह जैसे महत्त्वपूर्ण संस्कार के लिए अधिक गुण वाला मुहूर्त चुनना ही श्रेयस्कर माना जाता है।
कुछ विशेष लग्न जैसे
अशुभ माने जाते हैं। इन लग्नों में विवाह करने पर दाम्पत्य जीवन में
की संभावना बढ़ सकती है।
इसलिए विवाह के लिए तुला, मिथुन, कन्या, वृषभ, धनु आदि लग्न श्रेष्ठ माने जाते हैं, बशर्ते ग्रह स्थिति भी अनुकूल हो।
नीचे कुछ नक्षत्रों की सारणी दी गई है जो विवाह के लिए विशेष रूप से अनुकूल माने जाते हैं।
| नक्षत्र | स्वामी ग्रह | शुभ डिग्री सीमा | वैवाहिक योग की विशेषता |
|---|---|---|---|
| अश्विनी | केतु | 0° से 13°20′ मेष | आरंभ, आत्मविश्वास, सुख |
| मृगशिरा | मंगल | 23°20′ वृष से 06°40′ मिथुन | मृदु स्वभाव, क्रमिक सफलता |
| रोहिणी | चंद्र | 10° से 23°20′ वृष | आकर्षण, सौंदर्य, स्थिरता |
| मघा | केतु | 0° से 13°20′ सिंह | कुल गौरव, परंपरा, पितृ सम्मान |
| हस्त | चंद्र | 10° से 23°20′ कन्या | संतुलन, शुद्धता, व्यवस्थित जीवन |
| स्वाती | राहु | 6°40′ से 20° तुला | अनुकूल परिस्थिति, स्वतंत्रता |
| अनुराधा | शनि | 3°20′ से 16°40′ वृश्चिक | प्रेम, मित्रता, समर्पण |
| मूल | केतु | 0° से 13°20′ धनु | परिवर्तन, सहजता, मूलभूत समझ |
| रेवती | बुध | 16°40′ से 30° मीन | सौहार्द, कल्याण, संवेदनशीलता |
| उत्तराफाल्गुनी | सूर्य | 26°40′ सिंह से 10° कन्या | सौभाग्य, सम्मान, जिम्मेदारी |
| उत्तराषाढ़ा | सूर्य | 26°40′ धनु से 10° मकर | स्थिरता, दृढ़ता, धैर्य |
| उत्तराभाद्रपद | शनि | 3°20′ से 16°40′ मीन | मजबूत संबंध, अच्छी संतान का योग |
प्रतिबंधित नक्षत्र:
इन्हें विवाह के लिए प्रायः त्याज्य मानकर टाला जाता है, जब तक विशेष कारण या विशिष्ट ज्योतिषीय निर्णय न हो।
1.विवाह का संस्कार
हिंदू विवाह एक ऐसा संस्कार है जो भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों स्तर पर जीवन को बदलने वाला माना जाता है। विधिवत मुहूर्त में किया गया विवाह पति पत्नी के बीच
को मजबूत करता है।
2.दोष मुक्त विवाह की आवश्यकता
अशुभ तिथि, नक्षत्र या लग्न में विवाह होने पर कई प्रकार की बाधाओं की आशंका प्राचीन ग्रंथों में वर्णित है, जैसे
इसलिए दोष रहित या न्यूनतम दोष वाला मुहूर्त चुना जाता है।
3.समाज और परिवार की प्रतिष्ठा
विवाह में
का विशेष ध्यान रखा जाता है, ताकि यह संस्कार दीर्घकालिक, सम्मानजनक और सुखद परिणाम देने वाला हो।
4.शुभ और अशुभ योग
राजयोग, धन योग या सौम्य योग जैसे शुभ योगों में विवाह करना अनुकूल माना जाता है। ग्रहण, अमावस्या, अत्यधिक पाप ग्रह स्थितियाँ, मंगलीक दोष आदि स्थितियों में आमतौर पर विवाह से परहेज किया जाता है या उपाय किए जाते हैं।
हजारों वर्षों की सनातन परंपरा और वैदिक ज्ञान के साथ विवाह का मुहूर्त केवल एक तारीख नहीं, बल्कि पूरी दांपत्य यात्रा की नींव है।
जब
तो सबकी नज़र उस एक शुभ घड़ी पर होती है, जिसमें वर वधू सात फेरे लेकर आजीवन साथ निभाने का संकल्प लेते हैं। विश्वास है कि सही समय में बंधा यह संबंध
के सहारे हर कठिनाई से पार पा सकता है। सुखद वैवाहिक जीवन की नींव सही समय और शुद्ध भावना के संयोजन में ही छिपी मानी जाती है।
2025 में विवाह मुहूर्त तय करते समय वैदिक ज्योतिष के सिद्धांतों का सम्मान करना अत्यंत आवश्यक है।
ध्यान रखें
का समन्वय दांपत्य जीवन के लिए मजबूत आधार बनाता है। अनुशासन, श्रद्धा और गहरी समझ के साथ चुना गया विवाह मुहूर्त विवाह को केवल सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि जीवन की सुंदर और सार्थक यात्रा में बदल सकता है।
यदि 2025 के विवाह मुहूर्त को लेकर कोई भी जिज्ञासा या संशय हो, तो योग्य पंडित या अनुभवी ज्योतिषाचार्य से व्यक्तिगत परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
1.क्या केवल पंचांग देखकर बिना कुंडली मिलान के विवाह मुहूर्त तय करना सही है
केवल पंचांग आधारित मुहूर्त से शुभ समय का चयन तो हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक दांपत्य सुख के लिए वर और वधू दोनों की कुंडली और गुण मिलान देखना अधिक उचित माना जाता है। दोनों के ग्रह योग और दोष समझकर मुहूर्त चुनने से संतुलन बढ़ता है।
2.क्या अशुभ नक्षत्र में भी उचित लग्न मिल जाए तो विवाह किया जा सकता है
कुछ स्थितियों में अनुभवी ज्योतिषाचार्य विशेष लग्न या उपाय सुझा सकते हैं, लेकिन सामान्य रूप से अशुभ माने गए नक्षत्रों में विवाह टालना ही बेहतर माना जाता है। यदि अपरिहार्य स्थिति हो, तो शास्त्रीय उपाय और जप आदि के साथ ही निर्णय करना चाहिए।
3.2025 के इन मुहूर्तों में से अपने लिए सही तिथि कैसे चुनें
पहले परिवार की सुविधा और मौसम आदि देख सकते हैं, उसके बाद चुनी हुई तिथियों को अपनी जन्म कुंडली और गुण मिलान के साथ मिलाकर किसी विद्वान पंडित या ज्योतिषाचार्य से पुष्टि करवा लें। इससे व्यक्तिगत स्तर पर सबसे अनुकूल मुहूर्त चुनने में मदद मिलेगी।
4.क्या रीति रिवाज और परंपरा के अनुसार अलग अलग क्षेत्रों में मुहूर्त बदल सकते हैं
हाँ, क्षेत्रीय परंपराओं, स्थानीय पंचांग और मत भिन्नता के कारण कुछ नक्षत्र, तिथियां या मास अलग अलग क्षेत्रों में भिन्न रूप से स्वीकृत हो सकते हैं। इसलिए स्थानीय मान्यता और अपने कुल के आचार्य के मत का भी सम्मान करना चाहिए।
5.यदि चुने हुए मुहूर्त में छोटी सी ग्रह दोष या तिथि दोष हो तो क्या उपाय संभव हैं
कई बार लघु दोषों के लिए पूजा, दान, मंत्र जप या विशेष देवता की आराधना का सुझाव दिया जाता है। अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श कर उपयुक्त शांति कर्म या दान करने से दोष का प्रभाव कम किया जा सकता है।
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कुंडली मिलान
अनुभव: 27
इनसे पूछें: विवाह, करियर, संपत्ति
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