By पं. सुव्रत शर्मा
चौथे भाव में बुध के स्वभाव, शिक्षा, करियर और पारिवारिक जीवन पर विस्तृत और गहन विश्लेषण
चौथे भाव में स्थित बुध व्यक्ति को शारीरिक रूप से मजबूत, विचारों में चतुर और वाद-विवाद में सक्षम बनाता है। धैर्य और ज्ञान की पर्याप्त मात्रा के साथ यह स्थिति व्यक्ति को एक अच्छे नीतिज्ञ का गुण प्रदान करती है। स्मरण शक्ति अत्यंत तेज होती है और अंतर्ज्ञान समृद्ध रहता है। गीत, संगीत या नृत्य में गहरी रुचि हो सकती है और लेखन में दक्षता प्राप्त होती है। श्रेष्ठ व्यक्तियों से संपर्क और मित्रता बनती है, तथा आरंभ किए गए कार्य को सफलता मिलती है।
इस स्थिति में माता का जीवन पर गहरा बौद्धिक और भावनात्मक प्रभाव होता है। मां से संवाद अधिक होता है और वे व्यक्ति के चरित्र निर्माण में अहम भूमिका निभाती हैं। वाहन और संपत्ति का सुख मिल सकता है, साथ ही माता-पिता का आशीर्वाद और लाभ प्राप्त होता है। मां शिक्षा, आदतों और जीवन मूल्यों का संचार करती हैं, जिससे घरेलू जीवन में स्थिरता और स्नेह बना रहता है।
चौथा भाव बचपन की शिक्षा और बुनियादी ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। इस भाव में बुध होने से व्यक्ति तार्किक, विवेकशील और रचनात्मक बनता है। गणित और विश्लेषण में दक्षता मिलती है। शिक्षा व्यक्ति की पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा बनती है और निरंतर सीखने की प्रवृत्ति बनी रहती है।
क्षेत्र | विशेषताएं |
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मनोविज्ञान | गहन विश्लेषण और मानव व्यवहार की समझ |
इतिहास | घटनाओं का तार्किक विश्लेषण |
राजनीति | रणनीति और संवाद कौशल |
ज्योतिष | गणना और परामर्श में निपुणता |
रियल एस्टेट | मूल्यांकन और सौदेबाजी की क्षमता |
यह स्थिति ऐसे करियर में सफलता देती है जहां संवाद, तर्क और योजना का महत्व हो।
व्यक्ति परामर्शदाता, शिक्षक, लेखक, मनोवैज्ञानिक, ज्योतिषी, रियल एस्टेट विशेषज्ञ या घर से काम
करने वाले व्यवसायी के रूप में सफल हो सकता है। मातृभूमि और समाज के लिए कार्य करने की प्रवृत्ति
भी प्रबल रहती है।
राशि-बुध | प्रभाव |
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मिथुन-बुध | जिज्ञासु और सतर्क, तीव्र गति से विचारों का विकास |
कन्या-बुध | रणनीतिक योजना और लक्ष्य प्राप्ति की क्षमता |
मीन-बुध | परिवार और सेवा को प्राथमिकता, स्थायी सोच के साथ व्यापार |
वक्री बुध गलत निर्णय दिला सकता है जिससे व्यवसाय में हानि और संबंधों में कठोरता आ सकती है।
अस्त बुध रचनात्मकता को दबा देता है, काम का श्रेय दूसरों को मिल सकता है और आर्थिक नुकसान की
संभावना रहती है।
भद्र योग इस भाव में तब बनता है जब बुध अपने ही राशि में या उच्च स्थिति में केंद्र भाव में हो। यह योग उत्तम वाक्पटुता, फोटोग्राफिक मेमोरी और उच्च बुद्धिमत्ता प्रदान करता है।
चौथे भाव में बुध शिक्षा, संवाद और मातृ प्रभाव के माध्यम से जीवन में स्थिरता, सफलता और सम्मान दिलाता है। संतुलित दृष्टिकोण और निरंतर सीखने की प्रवृत्ति इस स्थिति की सबसे बड़ी ताकत है।
अनुभव: 27
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