By पं. सुव्रत शर्मा
जानें कैसे दशम भाव में बुध की स्थिति व्यक्तित्व, करियर, स्वास्थ्य और प्रतिष्ठा को प्रभावित करती है
दशम भाव में स्थित बुध को विद्वान ज्योतिषियों ने विशेष रूप से प्रशंसनीय माना है। यह स्थिति व्यक्ति को
न्यायप्रिय, नीतिनिपुण, विवेकवान और सत्यवादी बनाती है। उनमें धैर्य और विनम्रता का सुंदर संतुलन होता है,
साथ ही मधुरभाषी होने के कारण वे लोगों से सहज जुड़ाव बना लेते हैं। परिस्थिति के अनुसार बोलने का कौशल
उन्हें कठिन परिस्थितियों में भी सम्मान दिलाता है। ऐसे लोग सामाजिक कार्यों में रुचि रखते हैं और अपने
श्रेष्ठ कर्मों के लिए सम्मान प्राप्त करते हैं।
यह स्थिति व्यक्ति को लोकमान्य, प्रतापी और साहसी बनाती है। वाहन, संपत्ति और आर्थिक सुख का
योग मजबूत होता है, जिससे जीवन में विलासिता संभव होती है। सरकारी सहयोग से लाभ और ऊंचे
पद प्राप्त होने की संभावना भी रहती है। माता, पिता और गुरुजनों के प्रति सम्मान का भाव उनके
जीवन में गहराई से जुड़ा होता है।
अट्ठाईसवें वर्ष में आंखों से संबंधित समस्या आ सकती है। जीवनभर अच्छे कर्म करने का प्रयास बनाए
रखना आवश्यक है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में समय पर उपचार महत्वपूर्ण है।
वैदिक ज्योतिष में दशम भाव को कर्म और पेशे का घर माना जाता है और यहां बुध का होना करियर
के लिए अत्यंत शुभ है। यह स्थिति व्यक्ति को कवि, लेखक, संपादक, अनुवादक, प्रोफेसर, पत्रकार,
कॉमेंटेटर, वक्ता या ज्योतिषी बनने में सक्षम बनाती है। संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी व्याकरण में गहरी
दिलचस्पी लेकर वे साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठा अर्जित कर सकते हैं।
क्षेत्र | संभावनाएं |
---|---|
शिक्षा | प्रोफेसर, लेक्चरर, प्रिंसिपल |
साहित्य | लेखक, कवि, संपादक |
धर्म और संस्कृति | पुजारी, कथा वाचक, धार्मिक संस्थान के प्रमुख |
व्यापार | प्रकाशन, अनुवाद, सलाहकारी सेवाएं |
मीडिया | पत्रकार, थिएटर आर्टिस्ट, पब्लिक स्पीकर |
दशम भाव का बुध व्यक्ति को वाणी में स्पष्टता और विचारों में परिपक्वता देता है। मां से प्राप्त
बुद्धिमत्ता और घर का सुख अक्सर जीवनभर साथ रहता है। वे गणित में निपुण होते हैं और विभिन्न
मंत्रों पर अच्छा नियंत्रण रखते हैं। धार्मिक शास्त्रों का गहरा ज्ञान होने के बावजूद वे तांत्रिक कार्यों से
दूर रहना पसंद करते हैं। विवाह, उपनयन या अंतिम संस्कार जैसे अनुष्ठानों में पुजारी बनने से
प्रायः बचते हैं, लेकिन सोना, चांदी, तांबा या स्टील के यंत्रों की पूजा को स्वीकार करते हैं।
राशि | प्रभाव |
---|---|
मिथुन | उत्कृष्ट संचार कौशल, यात्रा और तकनीकी में दक्षता |
कन्या | व्यावहारिक सोच, स्पष्ट विचार और केंद्रित दृष्टिकोण |
मीन | रचनात्मकता, संवेदनशीलता और अंतर्ज्ञान में वृद्धि |
स्थिति | प्रभाव |
---|---|
वक्री | अस्थिर कार्यशैली, संचार में कठोरता और प्रतिबद्धता की कमी |
अस्त | व्यवसाय में नुकसान, प्रतिष्ठा में कमी और अनिश्चित निर्णय |
शुभ बुध व्यक्ति को अनेक स्रोतों से आय, व्यापार में सफलता, प्रभावशाली वाणी और लोगों को
प्रेरित करने की क्षमता देता है।
अशुभ बुध समूह में काम करने में कठिनाई, अधिकार की लालसा, व्यर्थ खर्च और कटु स्वभाव
का कारण बन सकता है।
भद्र योग: यदि बुध अपनी राशि में या उच्च का होकर केंद्र में हो, तो यह योग बनता है, जो
असाधारण वक्तृत्व कौशल, तीव्र स्मरण शक्ति और उच्च बुद्धिमत्ता प्रदान करता है।
1. क्या दशम भाव में बुध शुभ माना जाता है?
हाँ, यह करियर, प्रतिष्ठा और आर्थिक प्रगति के लिए शुभ है।
2. किन क्षेत्रों में सफलता मिलती है?
शिक्षा, साहित्य, व्यापार, धर्म और मीडिया में।
3. अशुभ होने पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कार्य में अस्थिरता, प्रतिष्ठा में कमी और आर्थिक नुकसान।
4. क्या यह उच्च पद का योग देता है?
हाँ, सरकारी सहयोग और ऊंचे पद की संभावना बढ़ाता है।
5. क्या यह भद्र योग बना सकता है?
हाँ, शुभ स्थिति में यह भद्र योग का निर्माण करता है।
अनुभव: 27
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