By पं. अभिषेक शर्मा
चतुर्थ भाव में शुक्र के प्रभाव, सकारात्मक और नकारात्मक स्थितियां, पारिवारिक और पेशेवर असर
चतुर्थ भाव में स्थित शुक्र को वैदिक ज्योतिष में अत्यंत शुभ और जीवन को सुख-सुविधाओं से भरपूर बनाने वाला माना गया है। यह भाव घर, वाहन, माता का स्नेह, भौतिक आराम और मानसिक शांति का प्रतिनिधित्व करता है, और शुक्र स्वयं सौंदर्य, विलासिता और संतोष का कारक है। जब यह ग्रह यहां स्थित हो, तो जातक को जीवनभर अनेक भौतिक और भावनात्मक सुख प्राप्त होते हैं, बशर्ते शुक्र शुभ स्थिति में हो।
शुभ शुक्र इस भाव में हो तो व्यक्ति आकर्षक व्यक्तित्व का धनी होता है, उसका व्यवहार सौम्य और मिलनसार होता है। ऐसे व्यक्ति के पास सुंदर घर, वाहन, आभूषण, वस्त्र और अन्य विलासिता की वस्तुएं होती हैं। यह स्थिति जातक को धार्मिक, परोपकारी और प्रसन्नचित बनाती है।
नीचे सारणी में मुख्य प्रभाव दिए गए हैं:
प्रभाव क्षेत्र | विवरण |
---|---|
शारीरिक आकर्षण | सुंदर और प्रभावशाली व्यक्तित्व |
भौतिक सुख | घर, वाहन, आभूषण, विलासिता |
मानसिक गुण | परोपकार, सौम्यता, प्रसन्नता |
पारिवारिक संबंध | माता से गहरा स्नेह, परिवार में सामंजस्य |
सामाजिक प्रतिष्ठा | सम्मानित और आदरणीय स्थान |
यह स्थिति जातक को माता का भरपूर प्रेम और देखभाल देती है। पारिवारिक जीवन सुखद होता है और रिश्तों में स्थिरता बनी रहती है। दादा-दादी से भी प्रेम और उपहार मिलने की संभावना रहती है। पत्नी के पिता से संबंध मधुर होते हैं, हालांकि महिलाओं को अपने ससुर से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
चतुर्थ भाव में शुक्र जीवन को सुंदर घर, सुसज्जित परिवेश, उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र और आभूषण से भर देता है। जातक का स्वाद उच्च स्तर का होता है और घर की सजावट में रुचि रहती है। यह स्थिति वाहन और संपत्ति के सुख की संभावना भी देती है।
शुक्र को इस भाव में दिशाबल प्राप्त होता है, जिससे यह दसवें भाव को देखता है और करियर में सौंदर्य, कला, फैशन, इंटीरियर डिजाइन, ग्राफिक डिजाइन या अभिनय से जुड़े अवसर प्रदान कर सकता है। ऐसे व्यक्ति को ग्लैमर और लाइमलाइट में रहना पसंद होता है।
राशि में शुक्र | प्रभाव |
---|---|
वृषभ | भव्य घर, वाहन, वैवाहिक सुख |
कन्या | रिश्तों में सतर्कता, भरोसे की कमी |
तुला | उत्कृष्ट संचार, मेहमाननवाजी में दक्ष |
मीन | गहरा प्रेम, परंतु कभी-कभी भावनात्मक शोषण |
मालव्य योग: इस योग के बनने से जातक गौरवशाली, शांत और समृद्ध होता है।
प्र1: क्या चतुर्थ भाव में शुक्र हमेशा शुभ फल देता है
उ: अधिकतर मामलों में हां, लेकिन स्थिति, दृष्टि और बल पर परिणाम बदल सकते हैं।
प्र2: इस स्थिति का वैवाहिक जीवन पर क्या प्रभाव होता है
उ: लंबे और सुखी विवाह के साथ जीवनसाथी के साथ सहयोग और सम्मान बना रहता है।
प्र3: कौन से करियर में यह स्थिति लाभ देती है
उ: कला, फैशन, इंटीरियर डिजाइन, अभिनय और सौंदर्य से जुड़े क्षेत्र।
प्र4: वक्री शुक्र का असर क्या होता है
उ: रिश्तों में भ्रम और असंतोष, सच्चे प्रेम की खोज में भटकाव।
प्र5: मालव्य योग क्या है
उ: शुक्र से बनने वाला यह पंचमहापुरुष योग जातक को गौरव, शांति और समृद्धि देता है।
अनुभव: 19
इनसे पूछें: विवाह, संबंध, करियर
इनके क्लाइंट: छ.ग., म.प्र., दि., ओडि, उ.प्र.
इस लेख को परिवार और मित्रों के साथ साझा करें