By पं. संजीव शर्मा
चतुर्थ भाव में केतु के शुभ-अशुभ प्रभाव, राशि अनुसार फल, योग और उपाय
वैदिक ज्योतिष में चतुर्थ भाव को सुख, संपत्ति, माता, मातृभूमि, मानसिक शांति और पारिवारिक आधार का भाव माना जाता है। जब केतु इस भाव में स्थित होता है, तो यह व्यक्ति के आंतरिक जीवन, गृहस्थ सुख, सामाजिक छवि और आध्यात्मिक दृष्टिकोण को विशेष रूप से प्रभावित करता है। यह स्थिति शुभ और अशुभ, दोनों प्रकार के परिणाम देने में सक्षम है, जो व्यक्ति की कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है।
प्रभाव का क्षेत्र | संभावित सकारात्मक परिणाम |
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साहस और व्यक्तित्व | दृढ़ संकल्प, सत्यप्रियता और सामाजिक सम्मान |
संपत्ति और धन | अप्रत्याशित स्रोतों से लाभ, संपत्ति अर्जन में सफलता |
माता से संबंध | गहरा भावनात्मक जुड़ाव, आशीर्वाद से जीवन में प्रगति |
सामाजिक जीवन | समाज में प्रतिष्ठा, लोगों को आकर्षित करने वाली छवि |
आध्यात्मिक दृष्टिकोण | भौतिक सुखों से अधिक आत्मिक संतोष पर ध्यान |
प्रभाव का क्षेत्र | संभावित नकारात्मक परिणाम |
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माता से संबंध | माता का स्वास्थ्य कमजोर, देखभाल में कमी |
पैतृक संपत्ति | पैतृक धन का नाश या उससे वंचित होना |
गृहस्थ सुख | घर में अस्थिरता, बार-बार स्थान परिवर्तन |
शारीरिक स्वास्थ्य | पाचन तंत्र की कमजोरी, वजन संबंधी समस्या |
मानसिक स्थिति | चंचलता, उत्साह की कमी, आलोचनात्मक प्रवृत्ति |
राशि | प्रभाव |
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मेष | साहसी स्वभाव, घर-परिवार के मामलों में नेतृत्व |
वृषभ | नीच केतु, स्थायी निवास में कठिनाई, पारिवारिक मतभेद |
मिथुन | संवाद में निपुणता, पर घर में शांति बनाए रखना चुनौतीपूर्ण |
कर्क | भूमि और संपत्ति में लाभ, माता से मिश्रित संबंध |
सिंह | प्रतिष्ठा और सामाजिक सम्मान में वृद्धि |
कन्या | विश्लेषण क्षमता, लेकिन मानसिक दबाव |
तुला | घरेलू जीवन में संतुलन, कला और सजावट में रुचि |
वृश्चिक | उच्च केतु, संपत्ति, वाहन और मातृ सुख में वृद्धि |
धनु | बार-बार यात्राएं, पर देश-विदेश में संपत्ति |
मकर | कठिन परिश्रम से धन-संपत्ति अर्जन |
कुंभ | समाज में प्रतिष्ठा, पर पारिवारिक जिम्मेदारी अधिक |
मीन | आध्यात्मिक और धार्मिक झुकाव, घर में धार्मिक वातावरण |
प्र1: क्या चतुर्थ भाव में केतु हमेशा अशुभ फल देता है?
नहीं, शुभ स्थिति में यह धन, संपत्ति और सामाजिक सम्मान प्रदान करता है।
प्र2: क्या यह स्थिति मातृ सुख पर प्रभाव डालती है?
हाँ, अशुभ स्थिति में माता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
प्र3: क्या चतुर्थ भाव में केतु से विदेश यात्रा के योग बनते हैं?
हाँ, विशेषकर यदि जल तत्व वाली राशि में हो।
प्र4: क्या इस स्थिति में घर बदलने की संभावना अधिक होती है?
हाँ, अशुभ स्थिति में बार-बार स्थान परिवर्तन हो सकता है।
प्र5: केतु के अशुभ प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है?
गणेश पूजा, मंत्र जाप और दान के माध्यम से।
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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