By पं. संजीव शर्मा
जानिए 2025 में किन तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, उसका असर और बचाव के उपाय
वैदिक ज्योतिष में शनि को "न्याय और कर्मफल का देवता" माना जाता है। इनकी चाल अत्यंत धीमी होने के कारण इनका गोचर प्रभाव बहुत गहरा, दीर्घकालिक और गंभीर होता है। शनि का गोचर जब चंद्र राशि से बारहवें, पहले और दूसरे भाव से होता है, तो इसे साढ़ेसाती कहा जाता है। यह समयकाल एक व्यक्ति के जीवन में तीन बार आता है और हर बार यह उसके धैर्य, चरित्र और कर्मों की परीक्षा लेता है।
29 मार्च 2025 को शनि ने मीन राशि में प्रवेश किया है, जिससे साढ़ेसाती की स्थिति और प्रभावित राशियों में परिवर्तन हुआ है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि इस समय किन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, उसका क्या प्रभाव हो सकता है, और इससे निपटने के लिए क्या उपाय करने चाहिए।
साढ़ेसाती व्यक्ति के मन, शरीर, रिश्तों, धन और करियर सभी क्षेत्रों में असर डालती है। हालांकि यह प्रभाव व्यक्ति की जन्म कुंडली में शनि की स्थिति, दशा-अंतरदशा, और अन्य ग्रहों के योग-दोष पर भी निर्भर करता है।
राशि | चरण | अवधि | प्रभाव की प्रकृति |
---|---|---|---|
मेष (Aries) | प्रथम चरण | 2025-2027.5 | नई शुरुआत, स्वास्थ्य समस्याएँ, वित्तीय दबाव। |
कुंभ (Aquarius) | तृतीय चरण | 2025-2027.5 | पुराने ऋणों से मुक्ति, करियर में सुधार। |
मीन (Pisces) | द्वितीय चरण | 2025-2027.5 | मानसिक तनाव, करियर में उतार-चढ़ाव। |
शनि के चार पाए - स्वर्ण, रजत, ताम्र, और लौह - बताते हैं कि किसी राशि पर शनि कैसा प्रभाव डालेगा
पाया | स्वभाव | फल |
---|---|---|
स्वर्ण | शुभ और उन्नतिकारी | सकारात्मक परिणाम, पद-प्रतिष्ठा |
रजत | मध्यम | मेहनत से सफलता |
ताम्र | संघर्षमय | चुनौतियों के माध्यम से सीख |
लौह | कठोर | कठिन परीक्षाएं, बाधाएं, सुधार का अवसर |
साढ़ेसाती का नाम सुनते ही बहुत लोग भयभीत हो जाते हैं, लेकिन वैदिक ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह काल जीवन सुधार का चरण भी बन सकता है, यदि व्यक्ति अनुशासन, विनम्रता और कर्म की शुद्धता बनाए रखे।
इस समय:
वर्ष 2025 में शनि की साढ़ेसाती मेष, मीन और कुंभ राशियों पर प्रभावी है - प्रत्येक अपने चरण में। जहां एक ओर यह समय कुछ कठिनाइयाँ ला सकता है, वहीं यह आत्मविश्लेषण, सुधार और आध्यात्मिक उन्नति का सुनहरा अवसर भी है।
वैदिक दृष्टि से देखा जाए तो शनि का प्रभाव "तटस्थ न्याय" का प्रतीक है - वह केवल वही लौटाता है जो आपने बोया है। इसलिए शनि की साढ़ेसाती को डर या भ्रम से नहीं, ज्ञान, समझ और सुधार के भाव से देखना चाहिए।
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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