By पं. अभिषेक शर्मा
नीचभंग राजयोग की प्रक्रिया, ऐतिहासिक उदाहरण, प्रभाव और जीवन में बदलाव

भारतीय ज्योतिष के सार में नीचभंग राजयोग को सबसे विशिष्ट और परिवर्तनकारी योगों में गिना जाता है। यह योग विज्ञान, धर्म, आर्थिक विकास, कलात्मकता और सामाजिक सम्मान को पुनः स्थापित करने की शक्ति रखता है। नक्षत्र-शास्त्र, बृहत् पाराशरी होरा शास्त्र, फलदीपिका, बृहज्जातक तथा ज्योतिष-ग्रंथों में नीचभंग राजयोग का विवरण बार-बार मिलता है। प्राचीन भारत के कई राजाओं, संतों, कलाकारों और विचारकों के जीवन में यही योग आश्चर्यजनक बदलाव का मुख्य योग रहा है।
नीचभंग राजयोग तब उत्पन्न होता है, जब कोई ग्रह अपनी नीच अवस्था में होकर भी केंद्र, उच्च स्थान, शुभ ग्रह या नवमांश सहयोग से अपनी दुर्बलता दूर कर लेता है।
इसके निर्माण के लिए खास स्थितियाँ जरूरी हैं:
इन सब स्थितियों की पुष्टि से नीचभंग राजयोग पूर्ण रूप में बनता है।
| योग के निर्माण के कारक | प्रमुख ज्योतिषीय शर्तें |
|---|---|
| नीच ग्रह केन्द्र भाव में | मजबूत समर्थन और शुभ दृष्टि |
| राशि स्वामी केन्द्र स्थान में | उच्च अवस्था या नवमांश का समर्थन |
| उच्च ग्रह की उपस्थिति | दोनों ग्रह केंद्र में हों |
| नवमांश योग | सभी दशा-अंतरदशा शुभ हों |
नीचभंग राजयोग का असर ग्रह, भाव, स्थिति और दशा के अनुसार बदलता है।
अगर शुक्र या बुध नीच अवस्था में हो और मंगल, गुरु, सूर्य या शनि केंद्र में स्थित हों, तो योग अत्यधिक शक्तिशाली हो जाता है।
जन्म पत्रिका, नवमांश, दशांश और चंद्र कुंडली का समर्थन योग के प्लेनेट्स को ऊँचाई देता है।
इसके अतिरिक्त, ग्रह की महादशा-अंतरदशा में योग का प्रभाव अधिक महसूस होता है।
| ग्रह | नीच अवस्था | केन्द्र सहयोग | असर |
|---|---|---|---|
| सूर्य | तुला | मेष केन्द्र में | उद्योग, सत्ता, नेतृत्व |
| चंद्रमा | वृश्चिक | वृष केन्द्र में | परिवार, कला, स्वास्थ्य |
| मंगल | कर्क | मकर केन्द्र में | शक्ति, साहस, संपत्ति |
| बुध | मीन | कन्या केन्द्र में | शिक्षा, व्यापार, बुद्धि |
| बृहस्पति | मकर | कर्क केन्द्र में | धर्म, शिक्षा, नीति |
| शुक्र | कन्या | मीन केन्द्र में | प्रेम, धन, कलात्मकता |
| शनि | मेष | तुला केन्द्र में | नेतृत्व, सेवा, संयम |
नीचभंग राजयोग जीवन में स्थिरता, समृद्धि, मानसिक ऊर्जा, अच्छाई, परिवार में संतुलन, व्यावसायिक सफलता, सुख-समृद्धि और रचनात्मकता लाता है।
यह योग व्यक्ति को असाधारण प्रेरणा देता है।
अचानक धन, समाज में सम्मान, रुकावटों का समाधान, सभी संघर्षों का समापन, प्रतिष्ठा और प्रसिद्धि - सब इसी योग का प्रतिफल होता है।
| लाभ | जीवन के पहलू | मुख्य प्रभाव |
|---|---|---|
| धन | आर्थिक उन्नति | अचानक लाभ, धन संग्रह |
| सुख | पारिवारिक संतुलन | रिश्तों में सामंजस्य |
| सम्मान | सामाजिक स्थिति | उच्च पद, प्रसिद्धि |
| स्वास्थ्य | मानसिक ऊर्जा | आत्मबल, स्वास्थ्य |
| रचनात्मकता | कला, शिक्षा | नवाचार, समाज सुधार |
| शक्ति | नेतृत्व, सेवा | आमूल बदलाव, प्रेरणा |
पाब्लो पिकासो के जन्म समय की कुंडली में सूर्य, चंद्रमा, शनि और शुक्र - चार ग्रह नीचभंग योग में थे।
इन ग्रहों को कांतिमान केंद्र ग्रहों और नवमांश योग का समर्थन मिला।
इस वजह से उन्हें रचनात्मकता, नवाचार और विश्व प्रसिद्धि मिली।
पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की कुंडली में शुक्र नीचभंग योग में था।
इसके फलस्वरूप उन्होंने आर्थिक सुधार, शिक्षा, समाज के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण और नेतृत्व में मजबूती दिखाई।
अमिताभ बच्चन की कुंडली में शुक्र, बुध - दोनों ग्रह नीचभंग योग में स्थित हैं। फिल्म जगत में सफलता, सम्मान, विपरीत परिस्थितियों में पुनरुत्थान और सामाजिक प्रसिद्धि इसी योग की देन है।
| नाम | नीचभंग ग्रह | प्राप्त उपलब्धि |
|---|---|---|
| पाब्लो पिकासो | सूर्य, चंद्रमा, शनि, शुक्र | नवाचार, चित्रकला |
| डेविड कैमरन | शुक्र | राजनीति, नेतृत्व |
| अमिताभ बच्चन | शुक्र, बुध | सिनेमा, आदर्श |
अगर ग्रह वक्री, अस्त, या अशुभ दृष्टि में हों, या नवमांश, गोचर, दशा में कमी हो तब योग कमजोर पड़ सकता है।
पूर्णता के लिए सभी ज्योतिषीय तत्वों का समर्थन जरूरी है।
आंशिक योग छोटे लाभ या स्थिति में मामूली बदलाव देता है।
नीचभंग राजयोग केवल धन या प्रसिद्धि तक सीमित नहीं है।
यह राजनीति, कला, संगीत, साहित्य, विज्ञान, खेल, व्यापार, शिक्षा, धर्म और सेवा में भी खास भूमिका निभाता है।
इन क्षेत्रों में बाधाओं को पार कर व्यक्ति समाज में आदर्श बनता है।
अचानक लाभ, प्रतिष्ठा, मानसिक ऊर्जा, समृद्धि, नए अवसर, सामाजिक सम्मान और पारिवारिक सुख।
नहीं, योग निर्माण के लिए सभी शर्तें पूरी होना जरूरी है। वरना असर नहीं आता।
ग्रह की दशा, अंतरदशा, गोचर या नवमांश में योग मजबूत हो तो अधिक दिखता है।
हाँ, ऐसी स्थिति में योग कमजोर या प्रभावहीन हो सकता है।
सेवा, कृतज्ञता, पूजा, उपयुक्त ग्रह उपाय, सकारात्मकता, बड़ों का सम्मान, धार्मिक आचरण।
नीचभंग राजयोग दिखाता है कि कठिन से कठिन समय में भी, व्यक्ति यदि धैर्य, सेवा, आभार, प्रयास और धर्म का मार्ग अपनाए तो अविश्वसनीय परिवर्तन और उपलब्धि उसके जीवन में संभव है।
यह योग सिखाता है कि शुभता हमेशा संघर्षों के बीच ही जन्म लेती है।

अनुभव: 19
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