By पं. संजीव शर्मा
अस्त ग्रहों के प्रभाव और उनके विस्तृत उपायों की ज्योतिषीय चर्चा
वैदिक ज्योतिष में जब कोई ग्रह सूर्य के अत्यधिक समीप आ जाता है तो उसे अस्त या दहन ग्रह कहा जाता है। सूर्य की तेज आभा के कारण वह ग्रह अपनी शक्ति खो देता है और उसकी सकारात्मक विशेषताएँ कमजोर हो जाती हैं। दहन ग्रह केवल ज्योतिषीय दृष्टि से ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माने जाते हैं क्योंकि यह स्थिति आत्मा को शुद्ध करने वाली अग्नि के समान कार्य करती है।
जब ग्रह सूर्य से एक निश्चित डिग्री के भीतर आ जाए तो वह अस्त माना जाता है। इस स्थिति में सूर्य उस ग्रह की ऊर्जा को जला देता है और उसका स्वतंत्र प्रभाव कम हो जाता है।
दहन की डिग्री इस प्रकार है:
ग्रह | सूर्य से दूरी (डिग्री) |
---|---|
चंद्रमा | 12 डिग्री के भीतर |
मंगल | 17 डिग्री के भीतर |
बुध | 14 डिग्री (वक्री होने पर 12 डिग्री) |
बृहस्पति | 11 डिग्री के भीतर |
शुक्र | 10 डिग्री (वक्री होने पर 8 डिग्री) |
शनि | 15 डिग्री के भीतर |
(जैसा पहले बताया गया - चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि और राहु-केतु दहन की स्थिति में कैसे प्रभावित करते हैं…)
जब कोई ग्रह दहन होता है तो उसका प्रभाव कम करने और संतुलन स्थापित करने के लिए ज्योतिष में कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं। ये उपाय ग्रह की ऊर्जा को संतुलित करने और जीवन में शांति लाने के लिए किए जाते हैं।
1. क्या हर ग्रह दहन से कमजोर हो जाता है?
हाँ, दहन की स्थिति में सभी ग्रह प्रभावित होते हैं लेकिन बुध और शुक्र कुछ विशेष परिस्थितियों में अपना असर बनाए रखते हैं।
2. शुक्र के दहन का जीवन पर सबसे बड़ा प्रभाव क्या होता है?
शुक्र का दहन विवाह में विलंब और संबंधों में तनाव पैदा करता है, साथ ही करियर और रिश्तों में संघर्ष भी लाता है।
3. क्या राहु और केतु भी दहन ग्रह होते हैं?
नहीं, परंतु जब वे सूर्य या चंद्रमा के साथ युति करते हैं तो उन्हें ग्रहण कर उनकी शक्तियों को कम कर देते हैं।
4. क्या दहन ग्रह का प्रभाव केवल नकारात्मक होता है?
नहीं, दहन आत्मा के शुद्धिकरण और जीवन में आवश्यक सीख दिलाने का भी माध्यम होता है।
5. अस्त ग्रहों के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपाय क्या है?
सूर्य की उपासना, मंत्रजप और दान, ध्यान और पितृसम्मान अस्त ग्रहों के प्रभाव को कम करने के लिए श्रेष्ठ उपाय हैं।
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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