By पं. अमिताभ शर्मा
सुख, शांति और विघ्नों के नाश के लिए गणेश पूजन का श्रेष्ठ अवसर
आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी हिन्दू पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जो विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता और बुद्धि के दाता माने जाते हैं। आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है क्योंकि यह देवताओं के विश्राम और शयन के समय में आती है, जब ब्रह्मांड में आध्यात्मिक ऊर्जा विशेष रूप से सक्रिय रहती है। 2025 में यह पर्व 28 जून, शनिवार को मनाया जाएगा, और इस दिन कई शुभ योगों का संयोग इसे और भी फलदायी बनाता है।
इस दिन चंद्र दर्शन वर्जित है, अतः पूजा दिन के समय ही करें। मध्याह्न का समय गणपति पूजन के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
इस वर्ष आषाढ़ विनायक चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग जैसे अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चतुर्थी तिथि चंद्रमा से जुड़ी है और गणेश जी का संबंध भी चंद्रमा से है। इस दिन गणपति पूजन से चंद्र दोष, राहु-केतु के अशुभ प्रभाव, और मानसिक तनाव से राहत मिलती है। ग्रहों के शुभ संयोग साधक के जीवन में समृद्धि, शांति और सौभाग्य का द्वार खोलते हैं।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता और बुद्धि, विवेक, स्मृति, और सौभाग्य के दाता के रूप में पूजा जाता है।
वैदिक परंपरा में गणेश जी को प्रथम पूज्य माना गया है। किसी भी शुभ कार्य, यज्ञ, विवाह, गृह प्रवेश या शिक्षा की शुरुआत से पहले गणपति पूजन अनिवार्य है। आषाढ़ विनायक चतुर्थी का व्रत न केवल सांसारिक बाधाओं को दूर करता है, बल्कि साधक के भीतर आत्मविश्वास, धैर्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
यह पर्व हमें यह भी सिखाता है कि जीवन में आने वाली हर बाधा, चाहे वह मानसिक हो या भौतिक, गणपति बप्पा की भक्ति और आशीर्वाद से दूर हो सकती है। जब हम श्रद्धा और नियमपूर्वक गणेश पूजन करते हैं, तो हमारे भीतर की नकारात्मकता समाप्त होती है और मन, बुद्धि तथा आत्मा में शांति का अनुभव होता है।
आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2025, न केवल धार्मिक, बल्कि ज्योतिषीय और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत शुभ और फलदायी पर्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा, व्रत और मंत्र जाप से साधक को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। शुभ योगों के संयोग में किया गया गणपति पूजन साधक के जीवन में नई ऊर्जा, उत्साह और सौभाग्य का संचार करता है। इस पावन अवसर पर श्रद्धा और नियमपूर्वक गणेश पूजन अवश्य करें और अपने जीवन को मंगलमय बनाएं।
अनुभव: 32
इनसे पूछें: जीवन, करियर, स्वास्थ्य
इनके क्लाइंट: छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
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