By पं. अमिताभ शर्मा
ओणम 2025 का दिन-प्रतिदिन कैलेंडर, ओणसाद्य भोज, पूकलम और वल्लम कली की परंपराओं का विस्तृत विवरण
केरल की धरती पर हर साल एक ऐसा पर्व आता है जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि संस्कृति, कला और समुदाय की एकजुटता का भी परिचायक है। इस पर्व का नाम है ओणम। ओणम भगवान विष्णु के वामन अवतार और प्रिय असुरराज महाबली की वार्षिक यात्रा से जुड़ा है। लोककथाओं के अनुसार महाबली हर वर्ष अपनी प्रजा से मिलने आते हैं और उनके स्वागत में पूरा केरल दस दिनों तक उत्सव की रोशनी में डूब जाता है।
ओणम 2025 की शुरुआत 26 अगस्त 2025, मंगलवार को अथम नक्षत्र से होगी और इसका समापन 5 सितम्बर 2025, शुक्रवार को तिरुवोनम नक्षत्र पर होगा।
दिन | तिथि | विशेषता | मुख्य परंपराएँ |
---|---|---|---|
दिन 1 - अथम | 26 अगस्त 2025, मंगलवार | प्रारंभ | अथमचमयम शोभायात्रा, पहला पूकलम (फूलों की सजावट), पारंपरिक नृत्य व संगीत |
दिन 2 - चित्रा | 27 अगस्त 2025, बुधवार | सजावट | पूकलम का विस्तार, घरों की तैयारी, नए बर्तनों और वस्त्रों की खरीद |
दिन 3 - चोडी (ओणक्कोडी) | 28 अगस्त 2025, गुरुवार | नए वस्त्र | उपहार देना, पारंपरिक परिधान पहनना, उत्सवी नृत्य व संगीत |
दिन 4 - विशाकम | 29 अगस्त 2025, शुक्रवार | पाक-तैयारी | अचार, पापड़ और साद्य भोज की तैयारी की शुरुआत |
दिन 5 - अनिझम (वल्लम कली) | 30 अगस्त 2025, शनिवार | नौका दौड़ | प्रसिद्ध सर्पनौका दौड़, नदी तटों पर उत्सव का वातावरण |
दिन 6 - त्रिकट्टा | 31 अगस्त 2025, रविवार | मिलन | सामाजिक सभाएँ, परिवारों का मिलना और विशेष सजावट |
दिन 7 - मूलम (ओणसाद्य) | 1 सितम्बर 2025, सोमवार | भोज | मंदिरों में साद्य का आयोजन, पुलिकली और कैकोट्टुकली नृत्य |
दिन 8 - पूराडम | 2 सितम्बर 2025, मंगलवार | स्वागत | महाबली और वामन भगवान की प्रतिमाएँ घर-घर स्थापित |
दिन 9 - उत्राडम | 4 सितम्बर 2025, गुरुवार | मुख्य तैयारी | महाबली का घर-घर स्वागत, विशेष पूजा और व्रत |
दिन 10 - तिरुवोनम | 5 सितम्बर 2025, शुक्रवार | मुख्य पर्व | नवीन वस्त्र पहनना, ओणसाद्य भोज, आतिशबाजी और लोकनृत्य |
ओणम पर्व की आत्मा है ओणसाद्य। यह भोज केले के पत्ते पर परोसा जाता है जिसमें 20 से अधिक पारंपरिक व्यंजन शामिल होते हैं।
ओणसाद्य के प्रमुख व्यंजन:
यह भोज केवल स्वाद का आनंद नहीं बल्कि संपन्नता और एकता का प्रतीक है।
पाँचवें दिन अनिझम नक्षत्र पर होने वाली वल्लम कली (सर्पनौका दौड़) ओणम की सबसे रोमांचक परंपरा है। लंबी-लंबी नौकाओं में सैकड़ों नाविक गीत गाते हुए एक साथ चप्पू चलाते हैं और नदी किनारों पर हजारों दर्शक तालियों और नारों से माहौल को जीवंत कर देते हैं। यह केवल प्रतियोगिता नहीं बल्कि सामूहिक शक्ति और अनुशासन का अद्भुत प्रदर्शन है।
ओणम के दौरान हर आंगन में फूलों की रंगोली पूकलम बनाई जाती है। प्रत्येक दिन इसमें नए फूल जोड़े जाते हैं। यह न केवल सौंदर्य का प्रतीक है बल्कि राजा महाबली का स्वागत भी दर्शाता है। साथ ही घर-घर सजावट, दीपक और पारंपरिक कला की झलक मिलती है।
ओणम केवल धार्मिक पर्व नहीं बल्कि केरल की सांस्कृतिक पहचान है। इस दौरान परिवार के सभी सदस्य चाहे जहाँ हों, घर लौटकर साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं। यह पर्व हमें बताता है कि आनंद, एकता और परंपरा जीवन को और भी सुंदर बना देती है।
प्रश्न 1: ओणम 2025 कब से कब तक मनाया जाएगा?
उत्तर: ओणम 26 अगस्त 2025 से शुरू होकर 5 सितम्बर 2025 तक मनाया जाएगा।
प्रश्न 2: ओणम का मुख्य दिन कौन सा है?
उत्तर: तिरुवोनम (5 सितम्बर 2025) सबसे महत्वपूर्ण दिन है जब ओणसाद्य भोज और उत्सव चरम पर होते हैं।
प्रश्न 3: ओणसाद्य भोज की खासियत क्या है?
उत्तर: केले के पत्ते पर परोसे जाने वाले इस भोज में 20 से अधिक पारंपरिक व्यंजन होते हैं।
प्रश्न 4: वल्लम कली क्यों खास है?
उत्तर: यह प्रसिद्ध नौका दौड़ है जो सामूहिक शक्ति और अनुशासन का प्रतीक मानी जाती है।
प्रश्न 5: पूकलम का क्या महत्व है?
उत्तर: फूलों से बनी यह रंगोली महाबली का स्वागत और सांस्कृतिक सौंदर्य का प्रतीक है।
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