By पं. अमिताभ शर्मा
ग्रह प्रकृति और राशि अनुसार भोग सूची, कारण और अपेक्षित कृपा
त्योहार तब और सार्थक लगता है जब श्रद्धा के साथ सही निवेदन भी जुड़ जाए। गणेश चतुर्थी 2025 के अवसर पर प्रत्येक राशि के स्वभाव और ग्रहाधिपति के अनुसार भोग चुनना मंगलकारी माना गया है। उद्देश्य सरल है। ऊर्जा को संतुलित करना, भावनाओं को सहेजना और घर में सौभाग्य आमंत्रित करना।
राशि के तत्व, ग्रह और प्रवृत्ति अलग होती है। इसलिए भोग भी वैसा ही होना चाहिए जो उस प्रकृति को संतुलित करे। नीचे दी गई सारणी में हर राशि के लिए उपयुक्त भोग, उससे मिलने वाली कृपा और कारण स्पष्ट किए गए हैं।
राशि | ग्रहाधिपति | उपयुक्त भोग | क्यों उपयुक्त है | प्राप्त कृपा |
---|---|---|---|---|
मेष | मंगल | गुड़ और लाल मोदक | तीव्रता और उतावलापन शांत करने में सहायक | प्रतियोगिता में विजय और कार्यसिद्धि |
वृषभ | शुक्र | केले और खीर | स्थिरता और पारिवारिक सौहार्द को पोषण | संबंधों में शांति और आर्थिक स्थिरता |
मिथुन | बुध | मूंगदाल के लड्डू | चंचलता संयत करके एकाग्रता बढ़े | तेज बुद्धि अच्छा संवाद और शिक्षा में सफलता |
कर्क | चंद्र | दूध से बने मिष्ठान और नारियल लड्डू | संवेदनशील हृदय को शीतलता और उपचार | परिवार में निकटता मानसिक शांति और सुरक्षा |
सिंह | सूर्य | पीले बूंदी लड्डू और गुड़ की मिठाई | नेतृत्व और करिश्मा को उजास | यश सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा |
कन्या | बुध | घी और शहद युक्त मोदक | सूक्ष्मता और कर्मनिष्ठा को बल | सतत प्रगति करियर उन्नति और आंतरिक संतुलन |
तुला | शुक्र | सफेद रसगुल्ला या खीर | सौम्यता और संतुलन का प्रतीक | प्रेम सामंजस्य और रिश्तों में स्थायित्व |
वृश्चिक | मंगल | अनार और लाल मोदक | गहनता को सकारात्मक दिशा | रक्षा रूपांतरण और भावनात्मक बल |
धनु | गुरु | केसर वाली खीर या हल्दी लड्डू | ज्ञान और साधना की वृत्ति को पुष्ट | विद्या भाग्य और आध्यात्मिक उन्नति |
मकर | शनि | तिल के लड्डू और मेवे | धैर्य और जिम्मेदारी में स्थिरता | धन सुरक्षा करियर प्रगति और संयम |
कुंभ | शनि राहु से प्रभावित | नारियल आधारित मिष्ठान | भ्रम हटे स्पष्टता और नवविचार | नवाचार सामाजिक मान्यता और सूझबूझ |
मीन | गुरु | गुड़ वाले दूध का पायसम या कमलाकार मिठाई | भक्ति और करुणा को गहराई | हृदय का उपचार कला में सफलता और निर्मलता |
गुड़ और लाल मोदक। साहस को सही दिशा में लगने में सहायता। परिणामस्वरूप कार्यक्षेत्र में जीत।
केले और खीर। घर परिवार में सुकून बना रहे। धन धान्य में स्थिरता।
मूंगदाल के लड्डू। विचारों को केंद्रित रखते हैं। संवाद में स्पष्टता आती है।
दूध से बने मिष्ठान और नारियल लड्डू। करुणा बनी रहे और मन का संतुलन कायम रहे।
पीले बूंदी लड्डू और गुड़। नेतृत्व में उष्मा भी रहे और विनम्रता भी।
घी और शहद युक्त मोदक। क्रम और गुणवत्ता की चाह को सकारात्मक बल।
सफेद रसगुल्ला या खीर। संबंधों में शांति और सुसंगति।
अनार के दाने और लाल मोदक। परिवर्तन को साधना का रूप मिलता है।
केसर खीर या हल्दी लड्डू। अध्ययन और साधना दोनों में वृद्धि।
तिल लड्डू और मेवे। कर्म में धैर्य और दीर्घकालिक लाभ।
नारियल आधारित मिष्ठान। सीमाएँ टूटती हैं और दृष्टि साफ।
गुड़ वाला पायसम या कमलाकार मिठाई। अंतर्मन को शांति और सृजन शक्ति।
राशि | भोग |
---|---|
मेष | गुड़ लाल मोदक |
वृषभ | केले खीर |
मिथुन | मूंगदाल लड्डू |
कर्क | दूध मिष्ठान नारियल लड्डू |
सिंह | पीले बूंदी लड्डू गुड़ |
कन्या | घी शहद युक्त मोदक |
तुला | सफेद रसगुल्ला या खीर |
वृश्चिक | अनार लाल मोदक |
धनु | केसर खीर या हल्दी लड्डू |
मकर | तिल लड्डू मेवे |
कुंभ | नारियल मिठाई |
मीन | पायसम या कमलाकार मिठाई |
प्रश्न 1: राशि के अनुसार भोग कब चढ़ाएं?
उत्तर: गणेश चतुर्थी के पूजन समय पर भोग अर्पित करें। परिवार के सदस्य अपनी राशि अनुसार भोग साथ रख सकते हैं।
प्रश्न 2: एक ही परिवार में अलग राशियाँ हों तो क्या करें?
उत्तर: थाली में अलग छोटे भाग बनाकर प्रत्येक राशि का भोग रख दें। सामूहिक अर्पण भी शुभ माना गया है।
प्रश्न 3: उपलब्ध न होने पर विकल्प क्या रखें?
उत्तर: समान गुण वाले सरल विकल्प चुनें। उदाहरण के लिए खीर उपलब्ध न हो तो दूध से बनी मीठी तैयारी रखें।
प्रश्न 4: क्या रंग का भी महत्व है?
उत्तर: हाँ। मेष और वृश्चिक के लिए लाल, सिंह के लिए पीला, तुला के लिए सफेद शुभ माना गया है।
प्रश्न 5: भोग की मात्रा कितनी हो?
उत्तर: संयम सर्वोत्तम है। प्रतीकात्मक अर्पण भी स्वीकार्य है। भाव प्रधान है।
अनुभव: 32
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