By पं. संजीव शर्मा
अष्टम भाव में चंद्रमा की स्थिति से जीवन, स्वास्थ्य, विवाह और यात्राओं पर पड़ने वाले प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में अष्टम भाव को परिवर्तन, रहस्य, अप्रत्याशित घटनाओं, लंबी आयु, गुप्त ज्ञान, कर, जीवनसाथी के परिवार और पैतृक संपत्ति का भाव माना जाता है। जब चंद्रमा इस भाव में स्थित होता है तो व्यक्ति के मानसिक संतुलन, भावनात्मक गहराई और जीवन की दिशा पर गहरा असर डालता है। यह स्थिति जीवन में उतार-चढ़ाव लाती है, पर साथ ही छिपे हुए अवसर भी प्रदान करती है।
अष्टम भाव का चंद्रमा कभी कठिनाई, तो कभी अप्रत्याशित लाभ देता है। विवाह के माध्यम से धन की प्राप्ति, व्यापार में अचानक लाभ और आत्मसम्मान में वृद्धि संभव होती है, लेकिन यह स्थिति वाचाल स्वभाव और दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप जैसी प्रवृत्तियां भी बढ़ा सकती है।
इस स्थिति वाले व्यक्ति भावुक, गहरे विचारों वाले और कभी-कभी ईर्ष्यालु स्वभाव के हो सकते हैं। जीवन में विषय-वासना की ओर झुकाव बढ़ सकता है। मातृ संबंधों में दूरी या माता के स्वास्थ्य में समस्या देखी जा सकती है।
कभी-कभी पुरुषों में स्त्रियोचित गुण और महिलाओं में मर्दाना गुण उभर सकते हैं, जो दांपत्य जीवन में सामंजस्य की चुनौतियां लाते हैं। इसका असर अंतरंग संबंधों पर पड़ता है, जहां पहल और अपेक्षाएं असंतुलित हो सकती हैं।
अष्टम भाव का चंद्रमा विनम्रता, परोपकार और गहरी एकाग्रता प्रदान करता है। ऐसे जातक किसी भी कार्य में अत्यधिक ध्यान केंद्रित करने की क्षमता रखते हैं। हालांकि, कभी-कभी यह स्थिति चोरी जैसे आरोप या विवादों से जुड़ सकती है, विशेषकर जब नौवें भाव के बारहवें स्थान में चंद्रमा स्थित हो। ऐसे मामलों में सामाजिक या धार्मिक संगठनों में धन प्रबंधन से जुड़ी गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं।
यह स्थिति कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती है। इन समस्याओं में शामिल हैं
सावधानी:
गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य की नियमित देखभाल आवश्यक है। रोगों के उपचार में लापरवाही हानिकारक सिद्ध हो सकती है।
दंपत्ति के रिश्तों में संतुलन बनाए रखने के लिए खुली बातचीत और एक-दूसरे की समस्याओं को स्वीकारना आवश्यक है। पुरुषों में अत्यधिक कोमलता और महिलाओं में अधिक दृढ़ता होने पर संबंधों में पहल और अपेक्षाओं का संतुलन बिगड़ सकता है।
नवमांश और त्रिंशांश कुंडली का विश्लेषण विवाहिक जीवन के गहरे पहलुओं को समझने में सहायक होता है।
यह स्थिति विदेश यात्रा और वहां बसने की प्रवृत्ति को मजबूत करती है। यात्राएं न केवल अनुभव बढ़ाती हैं, बल्कि व्यक्ति के ज्ञान और आत्मविश्वास को भी गहरा करती हैं।
योग का नाम | स्थिति | प्रभाव |
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सुनफा योग | चंद्रमा से दूसरे भाव में सूर्य को छोड़कर कोई भी ग्रह हो | खेलकूद, बुद्धिमत्ता, समृद्धि और खुशहाली |
अनफा योग | चंद्रमा से बारहवें भाव में सूर्य को छोड़कर कोई ग्रह हो | आकर्षक व्यक्तित्व, उत्तम संवाद कौशल, समृद्धि |
दुर्धरा योग | चंद्रमा से दूसरे और बारहवें भाव में सूर्य को छोड़कर ग्रह हों | बुद्धिमत्ता, धन, सौहार्दपूर्ण पारिवारिक जीवन, प्रभावशाली लोगों से संबंध |
राशि | प्रभाव |
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कर्क | कल्पनाशीलता और पेशे में रचनात्मकता, आत्मनिर्भरता, आकर्षक व्यक्तित्व |
वृषभ | संपत्ति और उत्तराधिकार में सफलता, धन प्रबंधन में दक्षता, दृढ़ विचारधारा |
वृश्चिक | मूड-स्विंग, असुरक्षा, मनोवैज्ञानिक समस्याओं की संभावना, गहरी सहानुभूति |
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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