By पं. नीलेश शर्मा
छठे भाव में चंद्रमा की स्थिति के मानसिक, शारीरिक, व्यावसायिक और सामाजिक प्रभाव
छठे भाव में चंद्रमा प्रायः व्यक्ति के जीवन में चुनौतियों और अवसरों का मिश्रण लाता है। यह स्थान व्यक्ति को सेवा भाव से प्रेरित करता है, लेकिन साथ ही शत्रुता, स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों और मानसिक तनाव की संभावनाएं भी बढ़ा देता है। यह स्थिति नौकरी में बदलाव, कार्यस्थल के उतार-चढ़ाव और मातृ पक्ष से जुड़े संबंधों में संवेदनशीलता पैदा कर सकती है।
चंद्रमा मन का स्वामी है, और छठे भाव में इसकी स्थिति मन में अशांति, चिंता और अस्थिरता ला सकती है। व्यक्ति अतीत की घटनाओं में उलझा रहता है, कभी-कभी अत्यधिक अंतर्मुखी हो जाता है और निर्णय लेने में विलंब करता है।
यदि चंद्रमा शक्तिशाली हो, तो भी शिक्षा और अध्ययन में बाधा उत्पन्न हो सकती है, विशेषकर स्कूली वर्षों और युवावस्था में। यह स्थिति विवाह और ससुराल पक्ष के साथ भी संबंधों में मतभेद का कारण बन सकती है।
छठे भाव का संबंध बीमारियों, दीर्घकालिक रोगों और शत्रुओं से है। यहां चंद्रमा होने से व्यक्ति को आंखों, पेट, गले, श्वसन तंत्र और थायरॉयड जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
विशेषकर पुरुषों में 48 वर्ष के बाद और महिलाओं में 42 से 45 वर्ष के बाद पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
कुछ सामान्य स्वास्थ्य प्रभाव इस प्रकार हैं:
संभावित समस्या | विवरण |
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श्वसन रोग | बार-बार जुकाम, खांसी, टॉन्सिल की समस्या |
पाचन विकार | गैस्ट्रिक, एसिडिटी, पेट दर्द |
थायरॉयड व हार्मोन | थायरॉयड ग्रंथि की गड़बड़ी |
त्वचा व रक्त | ल्यूकोडर्मा, ल्यूकेमिया की संभावना |
इस स्थिति में व्यक्ति संगठित और कार्यकुशल होता है, जो दूसरों की सहायता करने में रुचि रखता है। यह स्थान चिकित्सा, कानून, प्रशासन, सेना और पुलिस जैसी सेवाओं में विशेष लाभदायक हो सकता है।
यदि चंद्रमा अनुकूल हो, तो कार्यस्थल पर सम्मान और मान्यता मिलती है।
यदि प्रतिकूल हो, तो यह निर्णय क्षमता को प्रभावित करता है और व्यक्ति के व्यावसायिक अवसर छिन सकते हैं।
छठे भाव का चंद्रमा शत्रुता की प्रवृत्ति को बढ़ा सकता है। शत्रुता की अवधि राशि के अनुसार बदलती है:
योग का नाम | स्थिति | प्रभाव |
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शकट योग | चंद्रमा 6, 8, 12वें भाव में बृहस्पति से | उतार-चढ़ाव और कठिनाइयों भरा जीवन |
अमला योग | लाभकारी ग्रह 10वें भाव में | दयालु और परोपकारी स्वभाव |
पथिरा योग | बुध स्वयं राशि या उच्च में और केन्द्र में | उच्च शिक्षा और अधिकारिक पद की प्राप्ति |
छठे भाव में चंद्रमा चुनौतियां तो देता है, लेकिन सही दृष्टिकोण और उपाय अपनाने से यह सेवा, अनुशासन और सम्मान का मार्ग भी खोलता है। यह स्थान व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों से जूझते हुए भी संतुलित और उद्देश्यपूर्ण बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
अनुभव: 25
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