By पं. संजीव शर्मा
सप्तम भाव में राहु के शुभ-अशुभ प्रभाव, विवाह, रिश्ते, व्यवसाय और उपाय
वैदिक ज्योतिष में सप्तम भाव को विवाह, साझेदारी और एक-से-एक संबंधों का भाव माना जाता है। यह न केवल दांपत्य जीवन को बल्कि व्यवसायिक साझेदारियों, कानूनी अनुबंधों और सामाजिक तालमेल को भी दर्शाता है। जब राहु इस भाव में स्थित होता है तो यह व्यक्ति के रिश्तों की प्रकृति, उनके उतार-चढ़ाव और उनमें आने वाले अवसरों व चुनौतियों को गहराई से प्रभावित करता है।
शुभ प्रभाव की स्थिति में विवाह और व्यवसायिक साझेदारी में सफलता मिल सकती है, जबकि अशुभ स्थिति में कद छोटा होना, क्रोधी स्वभाव, घमंड, झगड़े और असंतुष्टि जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
सप्तम भाव का राहु विवाह और रिश्तों में असामान्य परिस्थितियां पैदा कर सकता है। कभी-कभी विवाह में देरी, विवाह एक से अधिक बार होना या रिश्तों में अस्थिरता संभव है। राहु ऐसे साथी की ओर आकर्षण पैदा कर सकता है जो भिन्न संस्कृति, विदेशी पृष्ठभूमि या असाधारण गुणों वाला हो।
यह आकर्षण रोमांचक तो हो सकता है, लेकिन गलतफहमियों और गलत फैसलों की संभावना भी रखता है।
राहु की उपस्थिति रिश्तों में शक्ति संतुलन को प्रभावित करती है। यह कभी-कभी हिंसक टकराव, चालबाजियों या धोखे का संकेत देता है। जीवनसाथी या व्यवसायिक साझेदार के साथ मतभेद और संघर्ष हो सकते हैं। ऐसे में स्पष्ट संवाद और ईमानदारी जरूरी है।
राहु का सप्तम भाव में होना अक्सर कर्मिक रिश्तों (Karmic ties) का संकेत है। ये रिश्ते पिछले जन्मों के अधूरे कर्म, भावनात्मक चुनौतियां और भाग्य से जुड़ी परिस्थितियां ला सकते हैं। ऐसे संबंधों में आत्म-विकास और संतुलन का प्रयास महत्वपूर्ण है।
राशि | प्रभाव |
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वृषभ | उच्च राहु अत्यधिक धन, गुप्त आय के स्रोत और विदेशी सौदों से लाभ देता है। |
वृश्चिक | नीच राहु गुप्त विद्या और रहस्यमयी कार्यों में दक्षता देता है। |
योग | विवरण |
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गुरु चांडाल योग | राहु और बृहस्पति की युति से बनने वाला यह योग कार्यों में बाधाएं और देरी ला सकता है। |
नंद योग | राहु और शनि की युति से बनने वाला यह योग कठोर स्वभाव और निर्णयों में हिचक पैदा कर सकता है। |
तक्षक कालसर्प योग | राहु सप्तम भाव और केतु प्रथम भाव में होने पर यह योग बनता है, जो विवाह और व्यवसायिक साझेदारी में मतभेद ला सकता है। |
प्र1: क्या सप्तम भाव का राहु विवाह में देरी करता है?
हाँ, राहु कई बार विवाह में देरी या असामान्य परिस्थितियां ला सकता है।
प्र2: क्या यह व्यवसायिक साझेदारी के लिए अच्छा है?
शुभ स्थिति में यह साझेदारी में लाभ और सफलता देता है।
प्र3: क्या राहु विदेशी जीवनसाथी दिला सकता है?
हाँ, यह विदेशी या भिन्न संस्कृति से जीवनसाथी की संभावना बढ़ा सकता है।
प्र4: नकारात्मक राहु का विवाह पर क्या असर होता है?
यह गलतफहमियां, मतभेद और रिश्तों में अस्थिरता ला सकता है।
प्र5: राहु के अशुभ प्रभाव को कैसे कम करें?
राहु यंत्र स्थापना, वस्त्र दान और मंत्र जप से इसके प्रभाव को संतुलित किया जा सकता है।
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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