By पं. संजीव शर्मा
राहु ग्रह का ज्योतिषीय, धार्मिक, खगोलीय और व्यावहारिक प्रभाव विस्तार से
वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह को एक अत्यंत रहस्यमय और प्रभावशाली छाया ग्रह माना गया है, जिसे पाप ग्रहों में गिना जाता है। यह भौतिक रूप से अस्तित्व में नहीं है, परंतु इसकी शक्ति और प्रभाव इतने गहरे होते हैं कि यह व्यक्ति के जीवन की दिशा बदल सकता है। राहु का संबंध साहसिक परंतु अक्सर जोखिम भरे निर्णयों, छल-कपट, असत्य, भ्रम और भौतिक वासनाओं से जोड़ा जाता है। यह ग्रह व्यक्ति के मन में तीव्र इच्छाएं जगाता है और उसे सीमाओं को तोड़ने के लिए प्रेरित करता है, चाहे वह मार्ग नैतिक हो या अनैतिक।
राहु किसी भी राशि का स्वामी नहीं है, किंतु मिथुन राशि में उच्च और धनु राशि में नीच माना जाता है। 27 नक्षत्रों में से यह आद्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्र का स्वामी है। राहु का स्वभाव परिवर्तनशील, अप्रत्याशित और गूढ़ होता है, जिससे यह जीवन में अचानक आने वाले मोड़ों और अप्रत्याशित लाभ-हानि का प्रतीक बनता है।
राहु वास्तव में एक छाया ग्रह है जो सूर्य और चंद्रमा के साथ बने ग्रहण योग का प्रतिनिधित्व करता है। जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है और उसका मुख सूर्य की ओर होता है, तब पृथ्वी पर पड़ने वाली चंद्रमा की छाया को राहु कहा जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से, यह छाया असुर स्वर्भानु का सिर मानी जाती है, जिसे भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से केतु से अलग किया था। इस कथा का संकेत है कि राहु अधूरी इच्छाओं और अपूर्ण महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है, जो पिछले जन्मों से व्यक्ति के साथ आती हैं।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, दिन में लगभग डेढ़ घंटे की एक अशुभ अवधि होती है जिसे राहु काल कहते हैं। इस समय में शुभ कार्य करना वर्जित है, क्योंकि इसे बाधा, विलंब और असफलता का समय माना जाता है। राहु काल का समय स्थान और तिथि के अनुसार बदलता रहता है। पारंपरिक मान्यता है कि इस अवधि में यात्रा, खरीद-बिक्री, या कोई भी नया कार्य प्रारंभ नहीं करना चाहिए।
श्रेणी | विवरण |
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कार्यक्षेत्र | राजनीति, कानून, आखेट, कूटनीति, जादू, चोरी |
उत्पाद | मांस, शराब, गुटका, तंबाकू, सिगरेट |
स्थान | जुए का अड्डा, शराब की दुकान, कूड़े का ढेर |
पशु-पक्षी | ज़हरीले जीव, काले और भूरे रंग के पशु |
जड़ी | नागरमोथा की जड़ |
रत्न | गोमेद |
रुद्राक्ष | आठ मुखी रुद्राक्ष |
यंत्र | राहु यंत्र |
रंग | गहरा नीला |
इन मंत्रों का जप राहु की शांति और उसके अशुभ प्रभाव को कम करने में सहायक होता है।
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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