By पं. अभिषेक शर्मा
गणेश चतुर्थी में मूर्ति रखने की विभिन्न परंपराओं और उनके अर्थ की विस्तृत जानकारी
गणेश चतुर्थी भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को घर में लाकर विशेष पूजन किया जाता है। स्थापना के लिए दिनभर के शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार निर्धारित किए जाते हैं, परंतु मध्याह्न का समय सबसे अधिक उपयुक्त माना जाता है। प्रतिमा मिट्टी की होनी चाहिए और गणेशजी की सूंड दायीं ओर हो तो विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
परंपरागत रूप से गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिनों तक चलता है। यह चतुर्थी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाता है। इन दस दिनों में प्रतिदिन पूजा, आरती, भजन, हवन और सामाजिक उत्सव आयोजित होते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा का विसर्जन कर उन्हें विदाई दी जाती है। यह पूरे उत्सव का समापन होता है जो समर्पण, कृतज्ञता और पुनः आगमन की कामना का प्रतीक होता है।
हर परिवार 10 दिन तक गणपति को नहीं रखता। इसके पीछे कई व्यावहारिक और परंपरागत कारण होते हैं:
हर अवधि का एक विशेष प्रतीकात्मक अर्थ होता है:
अवधि | आध्यात्मिक अर्थ |
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3 दिन | कम समय में संपूर्ण भक्ति की भावना, व्यस्त जीवन में भी गणेश कृपा का आह्वान |
5 दिन | पंचतत्व (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) का प्रतीक, जीवन में संतुलन का संदेश |
7 दिन | सप्ताह भर की साधना, परिवारिक एकता और सात्विकता की प्रतीक |
10 दिन | संपूर्ण चक्र का प्रतीक, आगमन से लेकर विसर्जन तक की सम्पूर्ण आस्था |
यह धारणा पूर्णतः गलत है कि कम दिन गणपति को रखने से कम पुण्य या आशीर्वाद मिलता है। भगवान गणेश की कृपा श्रद्धा, भक्ति और पवित्रता से जुड़ी होती है, समय की लंबाई से नहीं। कई परिवार डेढ़ दिन भी गणपति रखते हैं और फिर भी उन्हें पूरे शुभ फल प्राप्त होते हैं।
गणेश चतुर्थी सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि आध्यात्मिक उन्नति, सामूहिक एकता और पर्यावरण चेतना का प्रतीक है। चाहे आप 3, 5, 7 या 10 दिन गणपति को रखें, मुख्य बात यह है कि यह पूजा शुद्ध हृदय, श्रद्धा और समर्पण से की जाए।
1. क्या डेढ़ दिन गणपति रखना भी शुभ होता है?
हाँ, श्रद्धा और भक्ति से की गई छोटी अवधि की पूजा भी उतनी ही फलदायी होती है।
2. 5 दिन की पूजा में कौन से दिन सबसे प्रमुख होते हैं?
गणेश चतुर्थी, पंचमी और सप्तमी विशेष रूप से पूजनीय मानी जाती हैं।
3. क्या मिट्टी की मूर्ति अनिवार्य है?
हाँ, पर्यावरण और परंपरा की दृष्टि से मिट्टी की मूर्ति को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
4. क्या गणेश विसर्जन समुद्र में करना आवश्यक है?
नहीं, अब पर्यावरण की दृष्टि से कृत्रिम विसर्जन टैंकों का प्रयोग भी उचित है।
5. क्या सूंड दाईं ओर होने पर विशेष नियम होते हैं?
हाँ, दाईं ओर सूंड वाली प्रतिमा में पूजा में विशेष सतर्कता और विधि का पालन जरूरी होता है।
अनुभव: 19
इनसे पूछें: विवाह, संबंध, करियर
इनके क्लाइंट: छ.ग., म.प्र., दि., ओडि, उ.प्र.
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