By पं. अभिषेक शर्मा
जानिए मृगशिरा नक्षत्र के हर पाद का व्यक्तित्व, करियर, स्वास्थ्य और ज्योतिषीय सुझावों पर असर
मृगशिरा नक्षत्र (वृषभ 23°20' से मिथुन 6°40' तक) का प्रतीक "हिरण का सिर" है, जो जिज्ञासा, खोज और चंचलता का प्रतीक है। इस नक्षत्र के चार पाद (चरण) जातक के व्यक्तित्व, करियर, स्वास्थ्य और जीवन पथ को अलग-अलग ढंग से प्रभावित करते हैं। प्रत्येक पाद का स्वामी ग्रह अलग है, जो जातक की ऊर्जा, सोच और भाग्य को नया आयाम देता है।
पाद | डिग्री सीमा | राशि | स्वामी ग्रह | नवांश | मुख्य प्रभाव |
---|---|---|---|---|---|
प्रथम | 23°20' - 26°40' | वृषभ | सूर्य | सिंह | राजसिक ठाट, रचनात्मकता |
द्वितीय | 26°40' - 30°00' | वृषभ | बुध | कन्या | बुद्धिमत्ता, व्यावहारिकता |
तृतीय | 00°00' - 03°20' | मिथुन | शुक्र | तुला | विलासिता, भौतिक सुख |
चतुर्थ | 03°20' - 06°40' | मिथुन | मंगल | वृश्चिक | तर्कशीलता, अन्वेषण क्षमता |
नवांश: सिंह प्रमुख प्रभाव:
ज्योतिषीय सुझाव: सोना या माणिक धारण करने से भाग्योदय।
नवांश: कन्या प्रमुख प्रभाव:
ज्योतिषीय सुझाव: हरा पन्ना धारण करने से बुद्धि तीव्र होती है।
नवांश: तुला प्रमुख प्रभाव:
ज्योतिषीय सुझाव: सफेद रंग के वस्त्र और चाँदी का प्रयोग लाभकारी।
नवांश: वृश्चिक प्रमुख प्रभाव:
ज्योतिषीय सुझाव: मूंगा धारण करने से साहस बढ़ता है।
मृगशिरा नक्षत्र के चार पाद जीवन के चार रंग दिखाते हैं:
"मृगशिरा की यात्रा हिरण के सिर से शुरू होकर ऋषि के हृदय तक पहुँचती है-जहाँ हर पाद जीवन को नया अर्थ देता है।"
इन पादों का ज्ञान जातक को स्वयं को समझने, करियर चुनने और जीवन की चुनौतियों को सही दिशा देने में मदद करता है। मृगशिरा नक्षत्र: जिज्ञासा, खोज और संतुलन का वैदिक दीप।
अनुभव: 19
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