By पं. संजीव शर्मा
यह नक्षत्र आशा, नवीनीकरण और विजय की शक्ति के साथ जीवन में बार-बार नई शुरुआत और सफलता का संदेश देता है।
पुनर्वसु नक्षत्र (मिथुन 20°00' - कर्क 3°20') वैदिक ज्योतिष का सातवाँ नक्षत्र है, जिसका स्वामी बृहस्पति (गुरु) और अधिष्ठाता देवी अदिति हैं। यह नक्षत्र “पुनः शुभ” या “प्रकाश की वापसी” का प्रतीक है। इसकी सबसे बड़ी शक्ति है-पुनः प्राप्ति और पुनः समृद्धि (वसुत्व प्रपाण शक्ति)। पुनर्वसु नक्षत्र का प्रतीक, इसकी महान विभूतियाँ और इसकी ऊर्जा, जीवन में बार-बार लौटती आशा, नवीनीकरण और विजय का संदेश देती हैं।
मुख्य प्रतीक
प्रतीक | अर्थ/संदेश |
---|---|
तरकश | बार-बार प्रयत्न, पुनरुत्थान, तैयारी |
बाण | लक्ष्य, संकल्प, बार-बार प्रयास |
प्रकाश | आशा, समृद्धि, विजय, नवीनीकरण |
पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे लोग अक्सर समाज, राजनीति, अध्यात्म, विज्ञान और कला में बड़ा नाम कमाते हैं। इनकी सबसे बड़ी पहचान है-बार-बार उठ खड़े होने की शक्ति, सकारात्मकता और नेतृत्व। कुछ प्रसिद्ध नाम:
नाम | क्षेत्र | विशेषता/योगदान |
---|---|---|
महात्मा गांधी | स्वतंत्रता संग्राम | सत्य, अहिंसा, बार-बार संघर्ष के बाद विजय |
श्रीराम | धर्म, मर्यादा | वनवास, संघर्ष, विजय, रामराज्य |
नरेंद्र मोदी | राजनीति | नेतृत्व, पुनर्नवीनीकरण, सकारात्मकता |
मार्क जुकरबर्ग | टेक्नोलॉजी | नवाचार, बार-बार प्रयोग, सफलता |
श्री अरविंद | योग, दर्शन | साधना, पुनरुत्थान, आध्यात्मिकता |
रामण महर्षि | अध्यात्म | आत्मज्ञान, साधना, समाज सेवा |
बिल क्लिंटन | राजनीति | संवाद, नेतृत्व, पुनरुत्थान |
बॉब होप | हास्य, कला | सकारात्मकता, जनप्रियता |
इन विभूतियों में पुनर्वसु की ऊर्जा-आशावाद, बार-बार नई शुरुआत और समाज के लिए योगदान-स्पष्ट दिखती है।
वसुत्व प्रपाण शक्ति पुनर्वसु नक्षत्र की मूल शक्ति है-अर्थात् जीवन में खोई हुई समृद्धि, ऊर्जा, या अवसर को फिर से प्राप्त करने की क्षमता।
शक्ति/गुण | जीवन में अभिव्यक्ति |
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वसुत्व प्रपाण शक्ति | खोई चीज़ों की वापसी, बार-बार नई शुरुआत |
नवीनीकरण | हर चुनौती के बाद फिर से उठ खड़े होना |
समृद्धि | आशा, सकारात्मकता, सफलता, समाज सेवा |
पुनर्वसु नक्षत्र की ऊर्जा हमें सिखाती है कि-
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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