By पं. अभिषेक शर्मा
अष्टकूट के आठ गुणों के माध्यम से जानिए कैसे होता है वर-कन्या का सफल एवं संतुलित विवाह
हिंदू विवाह संस्कार की नींव में कुंडली मिलान प्रमुख स्थान रखता है। यह मिलान वर और कन्या के संयुक्त जीवन को सुखद, संतुलित और सफल बनाने के लिए पहला और अनिवार्य कदम माना जाता है। जिस दिन विवाह के नुस्ख़े में अष्टकूट मिलान पूरा और अनुकूल होता है, वहीं विवाह समारोह को शुभता मिलती है। अष्टकूट मिलान के अंतर्गत वर और कन्या की कुंडली के कुल आठ गुणों के मिलन की जांच होती है, जिनमें वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रहमैत्री, गण, भकूट और नाड़ी सम्मिलित हैं। यदि व्यक्ति के जन्म या नक्षत्र की सीधे जानकारी उपलब्ध न हो, तो नाम के अक्षरों के आधार पर भी गुणों का मिलान किया जाता है।
कुल अंक 36 होते हैं। 18 से अधिक अंक पाकर जोड़ी को विवाह के लिए अनुकूल माना जाता है; नीचे सारांशित पैमाना दिया गया है:
गुणों का कुल अंक | विवाह की गुणवत्ता |
---|---|
0 - 17 | अविवाह योग्य नहीं / कमजोर मेल |
18 - 23 | औसत मिलान / सुधार की आवश्यकता |
24 - 30 | अच्छा मिलान / उपयुक्त संयोजन |
31 - 36 | उत्कृष्ट मिलान / शुभ वैवाहिक योग |
अक्सर देखा जाता है कि लोग कुंडली मिलान की महत्ता समझ नहीं पाते। आश्चर्यजनक बात यह है कि कुछ जोड़ों का कम अंक होने के बावजूद उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है, और उच्च अंक वाले भी संघर्ष का सामना करते हैं। इसका कारण है कि अष्टकूट मिलान मात्र एक दिशा निर्देश है, जिसके साथ जोड़े की समझदारी, सहयोग और भावुक जुड़ाव भी आवश्यक है।
कुछ परिवार पारंपरिक अष्टकूट मिलान के बिना भी वैवाहिक रिश्ते स्थापित करते हैं, जहां आपसी समझ और प्यार सर्वोपरि होता है। परंतु शास्त्रीय दृष्टि से यह सुनिश्चित करता है कि मानसिक और भावनात्मक तालमेल भी सुदृढ़ हो। इसलिए जरूरी है कि इस मिलान का मूल्यांकन ठीक से हो और यदि दोष मिले तो उचित उपाय किए जाएं।
स्कोर | गुणवत्ता | व्याख्या |
---|---|---|
0-17 | कमजोर मिलान | विवाह में संभावित चुनौतियां। |
18-24 | औसत मिलान | कुछ सुधार के साथ विवाह संभव। |
25-32 | अच्छा मिलान | मजबूत मानसिक-सामाजिक सामंजस्य। |
33-36 | उत्तम मिलान | शुभ, संतुलित वैवाहिक जीवन की संभावना। |
अष्टकूट मिलान एक महत्त्वपूर्ण ज्योतिषीय साधन है, जो विवाह संबंधों की मजबूती हेतु कारगर होता है। किंतु, इसे अंतिम निर्णय या बाध्यता न मानकर, समझदारी और आपसी सम्मान की भावना के साथ देखना चाहिए। विवाह का सच्चा आधार प्रेम, सम्मान और समझदारी है, जो आंतरिक सामंजस्य से ही संभव होता है। आपके प्रेम और जीवन संगिनी के संबंध में यह जानना जरूरी है कि अष्टकूट मिलान आपकी राह में आने वाली खुशियों के लिए एक प्रकाश स्तंभ हो सकता है। इस ज्ञान को अपनाइए और अपने वैवाहिक जीवन का सुदृढ़ निर्माण कीजिए।
अनुभव: 19
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