By पं. अभिषेक शर्मा
जानिए अष्टकूट के आठों गुणों का वास्तविक अर्थ, विवाह योग्यता और गुण मिलान के महत्व की गहराई
हर घर, हर परिवार में शादी का नाम आते ही एक बात बार-बार सामने आती है—"पहले कुंडली मिलाओ।" इसे बस औपचारिकता न मानें—मेरे अनुभव के अनुसार, यही प्रथा आने वाले वर्षों की सुख-शांति की नींव रखती है। वर और कन्या का जीवन मिल पाए, उनका साथ स्थिर और सुंदर रहे—इसके लिए आवश्यक है कि दोनों की मानसिक, भावनात्मक और व्यवहारिक ऊर्जा मेल खाए। यही कारण है कि सदियों से अष्टकूट मिलान विवाह का पहला चरण बना हुआ है।
वर्ण मुख्यतः जाति/कुल या मानसिक स्तर के अनुरूप होने का प्रतीक है।
वश्यता निर्णायक होती है कि जीवनसाथी एक-दूसरे पर कितना प्रभाव डाल सकते हैं।
तारा गुण जीवन में शुभ-अशुभ का संकेतक है।
योनि का भाव व्यक्तित्व की गहराई, अंतरंगता और इच्छाशक्ति से जुड़ा है।
ग्रहमैत्री से दोनों की चंद्र राशियों के स्वामी ग्रहों की आपसी मित्रता देखी जाती है।
गण गुण व्यक्ति के मूल स्वभाव और प्रवृत्तियों को दर्शाता है—देव, मनुष्य, राक्षस।
भकूट गुण चंद्रस्थान के आधार पर प्राप्त होता है।
नाड़ी गुण संतान योग और स्वास्थ्य से जुड़ा है।
गुण | अंक | जीवन पर असर |
---|---|---|
वर्ण | 1 | मूल संस्कार, मानसिकता का मेल |
वश्य | 2 | भावनात्मक संतुलन, नेतृत्व |
तारा | 3 | भाग्य, स्वास्थ्य, धैर्य |
योनि | 4 | अंतरंगता, दांपत्य संतुष्टि |
ग्रहमैत्री | 5 | मित्रता, विचारों की संगति |
गण | 6 | स्वभाव, संवाद, गृह शांति |
भकूट | 7 | आयु, संतान, स्थायित्व |
नाड़ी | 8 | संतान, स्वास्थ्य, पीढ़ियों तक सुरक्षा |
अष्टकूट में कुल 36 अंक होते हैं, जिसमें से 18 या अधिक मिलने पर विवाह को अनुकूल माना जाता है।
कुल अंक (गुण) | मिलान की श्रेणी | सार्थकता/संभावित परिणाम |
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0-17 | कमजोर मिलान | विवाह हेतु अनुशंसित नहीं, रिश्ते में कठिनाइयाँ |
18-24 | औसत मिलान | साधारण मिलान, समझदारी व प्रयास आवश्यक |
25-32 | अच्छा मिलान | व्यावहारिक, भावनात्मक सामंजस्य अच्छा |
33-36 | उत्कृष्ट मिलान | अद्वितीय समझ, आत्मिक सामंजस्य, शुभ संकेत |
कभी-कभी कम अंक के जोड़े भी गहरा प्रेम, दोस्ती और सम्मान पाए रखते हैं, और कभी उच्च अंक वाले जोड़ियाँ भी संघर्ष से जूझती हैं। याद रहे, अष्टकूट केवल दिशा दिखाता है—मूल्य, भावना, आपसी विश्वास और बुद्धिमत्ता ही रिश्ता टिकाते हैं।
हां, कई बार परिवार अपने बच्चों की पसंद और आपसी समझदारी को प्रधानता देते हैं। फिर भी, अगर विज्ञान और परंपरा दोनों साथ चले तो विवाह का भविष्य थोड़ा और सुरक्षित हो जाता है। अष्टकूट के दोष और कमजोर अंक के लिए कई वैदिक उपाय भी हैं जो विवाह को स्थायित्व देते हैं।
कुंडली मिलान में अक्सर केवल कुल अंक या ‘गुण’ देख लिए जाते हैं, लेकिन मेरे अनुभव में सबसे अधिक दांपत्य समस्या तब आती है जब उपरोक्त गुणों में बड़े दोष या टकराव छिपे रह जाते हैं। कई बार लोग सिर्फ ‘औसत’ मिलान पर भी सुखी हो जाते हैं, यदि प्रमुख दोषों का समाधान समय पर हो जाए। अतः हर गुण, हर बिंदु का महत्व अपने आप में है और हर जोड़े का समीकरण उतना ही व्यक्तिगत और विशिष्ट होता है। अगर आप शादी जैसे जीवन के सबसे खास फैसले के लिए कुंडली मिलान करवा रहे हैं, तो इन आठों गुणों की बारीकी जरूर जानें, केवल अंकों तक सीमित न रहें—यही जीवन को समृद्ध, स्वास्थ्यपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण बनाने का आधार है।
अनुभव: 19
इनसे पूछें: विवाह, संबंध, करियर
इनके क्लाइंट: छ.ग., म.प्र., दि., ओडि, उ.प्र.
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