By पं. संजीव शर्मा
मानसिक शुद्धि, साहस, ग्रहदोष और जीवन-परिवर्तन में माँ का महत्व
माँ कालरात्रि, नवरात्रि के सातवें दिन की देवी हैं, जिन्हें सबसे विकराल और साहसी रूप में जाना जाता है। इन्हें “रात्रि की माँ” कहा जाता हैजो जीवन के सबसे कठिन, भयभय, अन्यायपूर्ण या दुखद क्षणों में नया उजाला लाती हैं। माँ कालरात्रि सिर्फ बुराई का वध करने वाली नहीं बल्कि सबसे गहन परिवर्तन और आत्मबल की भी प्रतिमूर्ति हैं।
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प्राचीन कथाओं में रक्तबीज नामक असुर था, जिसे वरदान प्राप्त था कि उसके खून की हर बूँद से नया रक्तबीज जन्म ले। जैसे-जैसे देवता उसका वध करने की कोशिश करते, हर वार से उसका सेना बढ़ता जाता। यह कहानी हमारे जीवन में बार-बार आने वाली पीड़ा, अन्याय या दुख की परिचायक भी है।
ऐसे कठिन समय में माँ कालरात्रि प्रकट हुईंउनकी त्वचा रात की कालिमा सी, बाल बिखरे, आँखें गुस्से से लाल, शरीर तेजस्वी। वे सांत्वना नहीं देतीं, पीछे नहीं हटतींसीधे रणभूमि में उतरती हैं। जब दैत्य हँसी उड़ाते हैं, माँ सिर्फ एक विशाल गर्जना करती हैं और युद्ध का समीकरण बदल देती हैं।
रक्तबीज की समस्या थी कि जैसे ही उसका खून धरती पर गिरता, नए राक्षस पैदा होते। माँ ने अपनी विशाल लाल जीभ से हर बूँद को जमीन पर गिरने से पहले ही पी लिया। यह केवल विकरालता नहीं बल्कि चतुराई, निडरता और सामर्थ्य की मिसाल थी। माँ का संदेश: कभी-कभी सबसे घातक समस्या को हराने के लिए साधारण हिंसा नहीं बल्कि ठोस बुद्धि, नई सोच और आत्मबल चाहिए।
इनसे बचें: चमक-दमक वाली साज-सज्जा; अव्यवस्था; नॉन-वेज, प्याज-लहसुन, शराब, प्रोसेस्ड खाद्य।
अंधकारतम रात्रि किसी पराजय का अंत नहीं बल्कि नये उजाले का सूचक है। माँ सिखाती हैं: जीवन की सबसे भारी बाधा को बर्दास्त करने का मतलब हार मानना नहीं बल्कि बदलाव की शक्ति पाना है। माँ के कोप में केवल विनाश नहीं, जागरूक शुद्धि है, जिसमें हमारी वेदना और पराजय जलकर नया रास्ता बनती है।
उनकी कथा हर ऐसे व्यक्ति को प्रेरित करती है जिसे कभी टूटा, दरकिनार किया गयाकि यही समय है खुद को उठाने, अपनी अग्नि में निखरने का।
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नीला/काला रंग क्यों? ये नकारात्मकता अवशोषित करते हैं और माँ की रक्षक शक्ति का विस्तार करते हैं।
क्या सिर्फ संकट में पूजा करनी चाहिए? नहीं, माँ कालरात्रि साहस, स्पष्टता, न्याय और जीवन के हर बदलाव के लिए सहायक हैं।
मंत्रों का क्या फायदा? मानसिक सुरक्षा, बंधन काटना, जागरण और आत्मबल का संचार।
विशेष लाभ किन्हें मिलते हैं? डर, लगातार व्यथा, ग्रहबाधा, मानसिक/आध्यात्मिक आघात और अचानक जीवन-परिवर्तन वालों को।
क्योंकि हर व्यक्ति को जीवन में “अंधेरी रातें” आती हैं। अपना खालीपन, हारी हुई रात स्वीकारना ही, नये सूर्योदय और हिम्मत का असली बीज है। माँ कालरात्रि करती हैं परिवर्तनहार से नहीं बल्कि खुद की शक्ति पहचान कर।
जय माँ कालरात्रिउनकी शक्ति, प्रकाश और रक्षक ऊर्जा आपके हर अंधकार को ज्योति में बदल दे।
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पंचांग में मुहूर्त देखेंअनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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