By पं. संजीव शर्मा
प्रथम भाव में केतु के शुभ-अशुभ प्रभाव, राशि अनुसार फल, योग, महादशा-उपाय
केतु वैदिक ज्योतिष में एक छाया ग्रह है जिसे मोक्ष, रहस्य, तपस्या और अदृश्य शक्ति का कारक माना जाता है। इसे चंद्रमा का दक्षिणी नोड कहा जाता है। प्रथम भाव में केतु की स्थिति अत्यंत विशेष मानी जाती है, क्योंकि यह भाव स्वयं के व्यक्तित्व, शरीर, मानसिक प्रवृत्ति और जीवन दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है। यहाँ स्थित केतु जातक के जीवन में साधारण और सांसारिक अनुभवों से अलग एक अनोखा मार्ग बनाता है।
केतु का प्रतीक ध्वज (Flag) है, जो संकेत देता है कि व्यक्ति एक दिशा में आगे बढ़ चुका है और अब उसके पीछे देखने का समय नहीं। प्रथम भाव में केतु यह संकेत देता है कि जातक का आत्मिक लक्ष्य भौतिक उपलब्धियों से ऊपर उठकर आध्यात्मिक मुक्ति की ओर होगा।
शुभ प्रभाव
अशुभ प्रभाव
क्षेत्र | प्रभाव |
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स्वास्थ्य | तंत्रिका तंत्र, त्वचा रोग, अस्पष्ट रोग जिनका निदान कठिन हो |
करियर | रिसर्च, गुप्तचर सेवा, ज्योतिष, आयुर्वेद, मनोविज्ञान में सफलता |
संबंध | गुप्त स्वभाव के कारण साथी को समझने में कठिनाई |
आध्यात्मिकता | गहन साधना, तांत्रिक और मंत्र विद्या में प्रगति |
राशि | फल |
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मेष | साहसी लेकिन उतावला स्वभाव, विदेशी यात्रा के योग |
वृषभ | भौतिक सुखों से विमुखता, वाणी में रहस्य |
मिथुन | बौद्धिक खोज, बहुभाषी ज्ञान |
कर्क | भावुक लेकिन अंतर्मुखी, मातृ पक्ष में कष्ट |
सिंह | नेतृत्व क्षमता, परंतु अहंकार से हानि |
कन्या | शोध और चिकित्सा में सफलता |
तुला | सामाजिक लोकप्रियता, लेकिन वैवाहिक जीवन में चुनौती |
वृश्चिक | आध्यात्मिक उन्नति, गूढ़ विद्या में महारत |
धनु | धार्मिक यात्राएं, गुरु के साथ मतभेद |
मकर | अनुशासित जीवन, कठोर परिश्रम से सफलता |
कुंभ | वैज्ञानिक दृष्टिकोण, रहस्य विज्ञान में रुचि |
मीन | आध्यात्मिक करुणा, भविष्यवाणी में निपुणता |
प्र1:क्या प्रथम भाव में केतु से हमेशा कष्ट होता है?
नहीं, शुभ दृष्टि में यह गूढ़ ज्ञान, रहस्यवाद और आध्यात्मिक उन्नति देता है।
प्र2:क्या यह विवाह को प्रभावित करता है?
हाँ, विशेषकर राहु की प्रतिकूल स्थिति में वैवाहिक मतभेद बढ़ सकते हैं।
प्र3:क्या यह स्वास्थ्य को प्रभावित करता है?
यह त्वचा, तंत्रिका तंत्र और अस्पष्ट रोग दे सकता है, परंतु योगकारी स्थिति में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ा सकता है।
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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