By पं. संजीव शर्मा
द्वितीय भाव में केतु के शुभ-अशुभ प्रभाव, राशि अनुसार फल, योग, महादशा-उपाय

वैदिक ज्योतिष में केतु को छाया ग्रह माना गया है, जो मोक्ष, गूढ़ ज्ञान, वैराग्य और पिछले जन्मों के कर्मफल का द्योतक है। जब यह जन्म कुंडली के द्वितीय भाव में स्थित होता है, तब इसका प्रभाव जातक के व्यक्तित्व, वाणी, परिवार, धन और मूल्य प्रणाली पर गहरा पड़ता है। यह भाव केवल भौतिक संपत्ति और पारिवारिक संबंधों का ही नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान और जीवन के मूल्यों का भी प्रतिनिधित्व करता है।
वैदिक ज्योतिष में केतु के महत्व, प्रभाव और उपायों के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।
शुभ प्रभाव
अशुभ प्रभाव
| क्षेत्र | प्रभाव |
|---|---|
| स्वास्थ्य | नेत्र रोग, वाणी विकार, हृदय रोग का खतरा |
| करियर | लेखन, विदेशी व्यापार, अनुवाद, लेखांकन में सफलता |
| परिवार | मतभेद, परंतु ससुराल से सहयोग संभव |
| आध्यात्मिकता | भौतिकवाद से अलगाव, गूढ़ विद्या की ओर झुकाव |
| राशि | प्रभाव |
|---|---|
| मेष | आर्थिक अवसर, परंतु वाणी में कठोरता |
| वृषभ | केतु नीच, संबंधों में तनाव, भौतिक सुखों में बाधा |
| मिथुन | भाषाई प्रतिभा, लेखन और वक्तृत्व में सफलता |
| कर्क | भावनात्मक अस्थिरता, परिवार से दूरी |
| सिंह | नेतृत्व क्षमता, परंतु अहंकार से हानि |
| कन्या | विश्लेषणात्मक सोच, शोध में निपुणता |
| तुला | सामाजिक लोकप्रियता, लेकिन पारिवारिक चुनौतियां |
| वृश्चिक | उच्च केतु, गूढ़ विद्या में महारत, आर्थिक लाभ |
| धनु | धार्मिक और आध्यात्मिक झुकाव |
| मकर | अनुशासन, धीरे-धीरे धन संचय |
| कुंभ | वैज्ञानिक दृष्टिकोण, विदेशी संपर्क |
| मीन | करुणा, आध्यात्मिक ज्ञान, वाणी में मिठास |
| लिंग | प्रभाव |
|---|---|
| पुरुष | वाणी दोष, आवेग, अस्थिरता, सामाजिक दूरी |
| महिला | आर्थिक चुनौतियां, देनदारियों की स्थिति, धार्मिक प्रवृत्ति |
प्र1: क्या द्वितीय भाव में केतु हमेशा अशुभ होता है?
नहीं, शुभ दृष्टि में यह वाणी, ज्ञान और आर्थिक वृद्धि देता है।
प्र2: क्या यह परिवारिक जीवन को प्रभावित करता है?
हां, विशेषकर अशुभ स्थिति में मतभेद और दूरी हो सकती है।
प्र3: क्या यह आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है?
यह धन वृद्धि भी दे सकता है और अचानक हानि भी।
प्र4: क्या द्वितीय भाव में केतु भाषाई प्रतिभा देता है?
हां, विशेषकर जब बुध या गुरु की दृष्टि हो।
प्र5: क्या इस स्थिति में उपाय से लाभ हो सकता है?
हां, पारंपरिक उपायों से अशुभ प्रभाव कम किए जा सकते हैं।
जन्म कुंडली के सभी 12 घरों में केतु के प्रभाव के बारे में अधिक जानकारी यहां पढ़ें।
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अनुभव: 15
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इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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