By पं. संजीव शर्मा
कुंडली के द्वितीय भाव में मंगल का फल, पारिवारिक असर और धन पर ज्योतिषीय प्रभाव
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जब मंगल ग्रह कुंडली के द्वितीय भाव में स्थित होता है तो यह व्यक्ति के बोलचाल, संपत्ति, पारिवारिक रिश्तों और जीवन की कठिनाइयों को विशेष तरीके से प्रभावित करता है। इस स्थिति को जीवन में परिश्रम, कभी-कभी वाणी में कठोरता, और संघर्ष से मिली सफलता का संकेतक माना जाता है।
द्वितीय भाव का मंगल जीवन में मेहनत करवाता है, वहीं कई बार वाणी की कड़वाहट या गुस्से की झलक भी देता है। जातक अपने विचारों को स्पष्टता से रखता है, मगर कभी-कभी उसमें चिड़चिड़ापन आ सकता है। परिवार में असंतोष व विवाद के संकेत भी मिल सकते हैं, विशेषकर धन या निर्णयों को लेकर।
जीवन क्षेत्र | मंगल का प्रभाव |
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शिक्षा | व्यवधान व संघर्ष |
वाणी | कठोरता, कभी-कभी कटु बोल |
स्वास्थ्य | आंखों में दिक्कत, कब्ज आदि |
संपत्ति/धन | मेहनत से प्राप्ति, पर बुरी आदतों में खर्च होने का खतरा |
संबंध | पिता/बच्चे गुस्सैल स्वभाव, बच्चों में ऊर्जा, पर प्रथम संतान की प्राप्ति में बाधा |
स्थान | जन्मस्थल से दूर रहने की संभावना |
मंगल दोष के संदर्भ में द्वितीय भाव आमतौर पर शामिल नहीं किया जाता, पर जीवन साथी की आयु और पारिवारिक संतुलन पर इसका प्रभाव जरूर पड़ता है। किसी भी प्रकार की पारिवारिक समस्या या धन की अस्थिरता में द्वितीय भाव के मंगल को जरूर परखा जाता है।
मंगल की शुभ दशा व्यक्ति को निडर, साहसी और विजयी बनाती है। इसके विपरीत, अशुभ स्थिति पराक्रम में बाधा, दुर्घटना, धन या स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव ला सकती है।
मंगल की स्थिति | विशिष्ट संकेत |
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बली मंगल | निर्णय क्षमता, ऊर्जा, जोखिम में सफलता |
निर्बल मंगल | स्वास्थ्य परेशानी, संघर्ष, संबंधों में तनाव |
मंगल के दुष्प्रभाव कम करने हेतु मंगलवार का व्रत, हनुमान चालीसा, मंगल मंत्र — ये सब लाभकारी माने जाते हैं।
मंत्र | उच्चारण (Transliteration) | अर्थ (Meaning) |
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मंगल वैदिक मंत्र | Om agnimurdha divah kakutpatih prithivya ayam apam retamsi jinvati. | अग्नि, जो स्वर्ग का शासक और पृथ्वी का अधिपति है, जल को जीवन देता है। |
मंगल तांत्रिक मंत्र | Om am angarakaya namah. | मंगल को नमन। |
मंगल बीज मंत्र | Om kram krim kroum sah bhaumaya namah. | मंगल (भौम) को आदर और श्रद्धा। |
द्वितीय भाव में मंगल जीवन में संघर्ष, साहस और कर्म की अनूठी मिसाल बनता है। मेहनत से सफलता, वाणी में स्पष्टता और पारिवारिक संतुलन के लिए सजग रहना यही शिक्षा देता है। अनुशासन, सकारात्मक सोच, और जागरूक उपाय अपनाकर मंगल की ऊर्जा को जीवन में उचित दिशा दी जा सकती है।
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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