By पं. संजीव शर्मा
छठे भाव में मंगल का फल, संघर्ष, शत्रु, स्वास्थ्य व कार्यस्थल पर ज्योतिषीय संकेत
वैदिक ज्योतिष में छठे भाव का संबंध शत्रु, रोग, ऋण, प्रतिस्पर्धा और सेवाभाव से है। जब मंगल इस भाव में स्थित होता है, तो व्यक्ति के भीतर जबरदस्त संघर्ष क्षमता, पराक्रम और जीवन की बड़ी चुनौतियों से निपटने का अद्भुत हुनर विकसित होता है। छठे भाव का मंगल एक ओर जहां कठिनाइयों के बीच जीत दिलाता है, वहीं कई बार लंबी प्रतिस्पर्धा, स्वास्थ्य की चिंता और रिश्तों में उतार-चढ़ाव का कारण बनता है।
जीवन का क्षेत्र | छठे भाव के मंगल का असर |
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मेहनत व आय | निरंतर संघर्ष, मेहनत से सफलता |
शत्रुता | विरोधी पर विजय, अद्भुत साहस |
संबंध | नौकर, छोटे भाई-बहन व मामा/मौसी के लिए मिलेजुले परिणाम |
स्वास्थ्य | फोड़े-फुंसी, जलन, रोग, खर्च अधिक |
पिता | गुस्सा, बड़ा पद, सामाजिक प्रतिष्ठा |
बच्चे | कटु वचन, व्यवहार में तीक्ष्णता |
मंगल की अनुकूल स्थिति व्यक्ति को निडर, साहसी और हर संघर्ष में विजयी बनाती है। छठे भाव में मंगल शत्रुओं को दूर करता है, कानूनी मामलों में जीत दिलाता है, सेहत से जुड़े मुद्दे उठाता है लेकिन उसी में सुधार का भी संकेत देता है।
मंगल जब छठे भाव में हो, तो सामान्यतः मांगलिक दोष नहीं बनता लेकिन स्वास्थ्य, ऋण, कोर्ट-कचहरी या शत्रु विषयक तनाव को जरूर बढ़ा सकता है। शादी या दांपत्य जीवन पर इसका सीधा असर कम होता है लेकिन परिवार और सामाजिक जीवन में भावनात्मक खींचतान संभव है।
मंगल की स्थिति | जीवन में असर |
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बली मंगल | शत्रु परास्त, परिणामों में स्पष्टता, नेतृत्व क्षमता |
निर्बल या पीड़ित | स्वास्थ्य संबंधी कष्ट, विरोधियों से परेशानी, आर्थिक तनाव |
मंत्र | Transliteration | Meaning |
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मंगल वैदिक मंत्र | Om agnimurdha divah kakutpatih prithivya ayam apam retamsi jinvati. | That fire which crowns the heavens and is the lord of the earth enlivens the waters. |
मंगल तांत्रिक मंत्र | Om am angarakaya namah. | Salutations to Angaraka (Mars). |
मंगल बीज मंत्र | Om kram krim kroum sah bhaumaya namah. | Respectful invocation to Bhauma (Mars). |
छठे भाव में मंगल जीवन के हर संघर्ष के केंद्र में खड़ा मिलता है। यही ग्रह चुनौती, साहस और जीवन की असली परीक्षा का कारक है। अनुशासन, शुभ कर्म, साधना और सकारात्मक सोच के साथ, छठे भाव का मंगल बाधाओं को पाटकर सफलता, स्वास्थ्य और आत्मशक्ति का सशक्त सूत्र बन सकता है।
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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